मोदी सरकार के ”आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश” के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन, मजदूर संगठनों की हड़ताल पर जाने की चेतावनी
आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश (ईडीएसओ) 2021 के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन देखने को मिले। ये विरोध प्रदर्शन अखिल भारतीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच के आह्रान पर हुआ।
इसमें विभिन्न राज्यों में औपचारिक और अनौपचारिक क्षेत्र से लाखों मजदूरों और कर्मचारियों ने विभिन्न तरकों से अपना विरोध दर्ज कराया।
दिल्ली की ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच इंटक, एटक, एचएमएस सीआईटीयू, ऐक्टू, सेवा सहित तमाम यूनियनों के राष्ट्रीय नेता नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मज़दूर बैंक ऑफ बडौदा, संसद मार्ग के सामने झंडे, बैनर, नारों की तख्तियां लेकर संसद मार्ग पर जुलूस निकाला।
प्रदर्शनकारियों ने केन्द्र सरकार के अध्यादेश (ईडीएसओ) 2021, प्रतिरक्षा क्षेत्र के निगमीकरण व निजीकरण के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
प्रदर्शन के बाद अनुराग सक्सेना महामंत्री सीटू दिल्ली राज्य कमेटी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने प्रधानमंत्री एवं श्रम मंत्री भारत सरकार को ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शनकारियों को एटक की राष्ट्रीय महासचिव अमरजीत कौर, सीआईटीयू के राष्ट्रीय महासचिव तपन सेन, राष्ट्रीय महासचिव, ऐक्टू के के राष्ट्रीय महासचिव राजीव डीमरी सहित कई मजदूर नेताओं ने सम्बोधित किया।
वक्ताओं ने केन्द्र की मोदी सरकार से मांग की कि आयुध कारखानों में काम करने वाले मजदूरों/कर्मचारियों के हड़ताल एवं अन्य संगठनात्मक गतिविधियों पर लगाई गई रोक को तुरन्त वापस लिया जाये, प्रस्तावित निगमीकरण-निजीकरण को रदद किया जाए। साथ ही मजदूर विरोधी 4 श्रम कोड एवं किसान विरोधी 3 कृषि कानून को रद्द किया जाये।
इस दौरान अमरजीत कौर ने बताया, ”यह केवल रक्षा क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अन्य लोगों तक भी सीमित है। इसलिए, यह एक बहुत ही खतरनाक अध्यादेश है जिसका एकजुट तरीके से विरोध किया जाना चाहिए।”
वहीं सीटू के महासचिव तपन सेन ने कहा, ”हम सरकार की राष्ट्र विरोधी नीतियों का विरोध करेंगे, जरूरत पड़ी तो कर्मचारी हड़ताल पर भी जाएंगे।”
ट्रेड यूनियनों सयुंक्त रूप से कहा कि केन्द्र सरकार अगर मजदूरों की न्याय संगत मागें नहीं मानी गई और मजदूर अधिकारों को रौंदा गया तो मजदूर संगठन दो से तीन दिन की देशव्यापी हड़ताल पर जाएंगे, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी केन्द्र सरकार की होगी। 9 अगस्त 2021 को देशव्यापी ‘‘देश बचाओ” कार्यक्रम की तैयारी के लिए भी आह्वान किया।
गौरतलब है कि पिछले महीने केंद्र द्वारा एक अध्यादेश लाया गया था, जिससे देश में कर्मचारी संगठनों के हड़ताल और विरोध को दबाने के लिए सशक्त कानून बनाने का प्रयास है।
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