मज़दूरों का संघर्ष ला रहा है रंग, सुजुकी बाइक और जेटेक्ट इंडिया में सम्मानजनक वेतन समझौता
आखिरकार वर्करों का संघर्ष गुड़गांव-मानेसर-धारूहेड़ा-बावल इंडस्ट्रियल बेल्ट में रंग ला रहा है।
इस इलाके में सात कंपनियों में तालाबंदी और छंटनी की कार्यवाही शुरू होने के बाद वर्करों में आई हलचल के बाद दो फैक्टरियों में पिछले महीने के अंत में लगभग एक ही समय मैनेजमेंट ने समझौता किया। इनमें एक है सुजुकी बाइक प्लांट और दूसरी कंपनी है जेटेक्ट इंडिया।
मानेसर में स्थित सुजुकी बाइक प्लांट में एक साल से ज्यादा लंबे संघर्ष के बाद तीन साल (जुलाई 2017-जून 2020) के लिए 13,500 रुपये का वेतन समझौता हुआ।
समझौते के तहत पहले साल 6,075 रुपए, दूसरे साल 4,050 रुपये और तीसरे साल 3,375 रुपये की बढ़ोत्तरी होगी।
इसके तहत कार्य के दौरान मृत्यु पर तीन लाख रुपये मुआवज़ा देने और जीपीए पॉलिसी को पांच लाख से बढ़ाकर सात लाख रुपये करने पर समझौता हुआ।
इसके अलावा छुट्टियों में वृद्धि हुई है तथा बची हुई छुट्टियां 50 से बढ़कर 60 हो गयी हैं।
इसके अलावा प्रबंधन की ओर से कैंटीन में दो तिहाई और परिवहन में 70 प्रतिशत का योगदान होगा।
दीपावली गिफ्ट, सर्विस अवार्ड, हाजिर पुरस्कार और पीएलए में भी समझौता हुआ है।
नाइट एलाउंस में भी बृद्धि हुई है।
सम्मानजनक समझौता करने में कामयाब रही दूसरी कंपनी है गुड़गांव की जटेक्ट सोना स्टीयरिंग।
जटेक्ट सोना स्टीयरिंग
सामूहिक मांगपत्र पर हुए समझौते के बारे में जेटेक्ट इंडिया एम्प्लाइज़ यूनियन के प्रधान कुलदीप सिंह ने बताया कि तीन वर्षों (एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2021तक) में 22,085 रुपये की वेतन में बढ़ोतरी होगी।
इसमे VDA शामिल नहीं है।
इसके अलावा अन्य बिंदुओं और सुविधाओं में भी बढ़ोतरी हुई है।
कुलदीप ने कहा कि ये सभी सदस्यों की एकता के कारण ही हो पाया है और इस एकता को आगे भी मजबूत करते जाना होगा।
यूनियन महासचिव धर्मवीर, पूर्व प्रधान सतपाल नैन ने बताया कि समझौता प्रबंधकों व यूनियन के बीच उप श्रमायुक्त दिनेश कुमार की मध्यस्थता में हुआ।
समझौते पर यूनियन की तरफ़ से प्रधान कुलदीप सिंह, उपप्रधान भगवान, महासचिव धर्मवीर, सचिव राजकुमार, संगठन सचिव केपी सिंह, प्रचार सचिव विजय यादव, कैशियर सुरेश कुमार व प्रबंधकों की तरफ़ से सुधीर चोपडा, राकेश, दीपक, रजिंदर, नरूला, देवाशीस, मित्ररल, संजय बेहर ने हस्ताक्षर किए।
हालांकि अभी बावल में ऑटो कंपनी शिवम ऑटो प्राइवेट लिमिटेड और धारूहेड़ा में मारूति के पार्ट्स बनाने वाली कंपनी बेलसोनिका में वेतन समझौता नहीं हो पाया है।
आम तौर पर औद्योगिक क्षेत्र में ये रवायत है कि हर तीन साल के लिए यूनियन और मैनेजमेंट में वेतन समझौता होता है।
और इसी समझौते के अनुसार, अगले तीन साल तक वेतन बढ़ोत्तरी, अन्य सुविधाएं, छुट्टियां आदि की गारंटी की जाती है।
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