ट्रेड यूनियनों के प्रदर्शन से खिसियाई योगी सरकार, प्रयागराज में 25 मजदूर नेताओं पर एफआईआर
By आशीष सक्सेना
केंद्रीय ट्रेंड यूनियनों के आह्वान पर 3 जुलाई को राष्ट्रीय प्रतिरोध को योगी सरकार पचा नहीं पाई। प्रदर्शन करने वाली ट्रेड यूनियनों के 25 नेताओं के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत प्रयागराज में एफआईआर दर्ज कर दी गई। समाचारपत्रों से ये जानकारी मिलने पर इस कार्रवाई के खिलाफ ट्रेड यूनियनों ने डीएम दफ्तर पर प्रदर्शन कर एफआईआर वापस लेने की मांग की है।
प्रयागराज के सिविल लाइंस थाना पुलिस ने तीन जुलाई के कार्यक्रम को आधार बनाकर इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कॉमरेड मनोज पाण्डेय, ऐक्टू राष्ट्रीय सचिव कॉमरेड डॉ कमल उसरी, ऐक्टू के जिलाध्यक्ष इलाहाबाद कॉमरेड एससी बहादुर, एटक से अन्नू सिंह, जवाहरलाल विश्वकर्मा,सीटू से अविनाश मिश्रा सहित 25 लोगों पर महामारी अधिनियम के साथ ही धारा 188, 269, 270 लगाकर मुकदमा दर्ज किया है।
इस मामले पर ऐक्टू नेता डॉ.कमल उसरी ने कहा कि मोदी-योगी सरकार मजदूरों की आवाज बिल्कुल भी नहीं सुनना चाहतीं, आंदोलनकारियों को डराना चाहती हैं। एफआईआर की कार्रवाई लोकतंत्र की हत्या है।
रेलवे कर्मचारी नेता मनोज पांडे ने कहा कि प्रदर्शन के वीडियो और अखबारों के समाचारों के साथ लगी तस्वीरें इस बात का सबूत हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके जायज मांगों को लेकर प्रदर्शन हुआ। इसके बावजूद एफआईआर दर्ज करना सिर्फ मजदूर विरोधी मानसिकता का नमूना है।
यहां बता दें, तीन जुलाई को ट्रेड यूनियनों के देशव्यापी प्रदर्शन में कोरोना के संकट के चलते देश में उपजी भयंकर बेरोजगारी, पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों मे वृद्धि के चलते बढ़ रही महंगाई, सार्वजानिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी हाथों मे सौंपने, श्रम कानूनों को समाप्त करने, बिजली संशोधन-2020, रेलवे, कोयले की खदानों और हवाई अड्डों के निजीकरण, एलआईसी के निजीकरण के प्रयास, मंडी कनून में परिवर्तन ,केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों व पेंशन धारकों के भत्तों मे कटौती का विरोध किया गया।
प्रदर्शन में मांग की गई थी कि छह माह तक 10 हजार प्रति माह देने, प्रत्येक श्रमिक परिवार को प्रति इकाई 10 किलो राशन देने, कोरोना के विरुद्ध लड़ रहे डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों आदि को पर्याप्त मेडिकल व बीमा कवर देने की मांग की गई थी। प्रयागराज में इंटक, एटक, सीटू, एक्टू और एआईयूटीयूसी के नेतृत्व मे शाम चार बजे नेताजी सुभाष चौराहे पर प्रदर्शन किया गया था।
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