मोहाली में फ्रेडनबर्ग कंपनी के 800 मज़दूरों को निकाला, डीसी आफ़िस पर प्रदर्शन
पंजाब के मोहाली में स्थित फ्रेडनबर्ग नोक कंपनी में पिछले छह महीने से संघर्ष कर रहे मज़दूरों को मैनेजमेंट ने सामूहिक रूप से निकाल दिया है।
प्रस्तावित यूनियन के प्रतिनिधियों से मिली ताज़ा जानकारी के अनुसार, मैनेजमेंट ने क़रीब 75 मज़दूरों को टर्मिनेट करके अन्य करीब 800 मज़दूरों को बिना नोटिस दिए निकाल दिया।
यूनियन के प्रधान कमल सिंह सैनी ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि बीते साल अगस्त से ही यूनियन बनाने की मांग को लेकर मज़दूर आंदोलन कर रहे थे और इस दौरान यूनियन रजिस्ट्रेशन की सभी कोशिशों को मैनेजमेंट ने असफल बनाने की पूरी कोशिश की।
फिलहाल सभी मज़दूर मोहाली डीसी आफ़िस पर इकट्ठा होकर धरना दे रहे हैं और डीसी को श्रम विरोधी कार्रवाईयों से अगाह करने के लिए ज्ञापन दिया है। प्रशासनिक अधिकरियों से अभी वार्ता चल रही है। हालांकि मैनेजमेंट अपनी जिद पर अड़ा हुआ है।
कमल सैनी ने कहा कि फैक्ट्री में श्रम कानूनों के उल्लंघन को लेकर मज़दूरों में आक्रोश है और सामूहिक समझौते के मज़दूरों के अधिकार को कंपनी प्रबंधन किसी भी क़ीमत पर मानने को तैयार नहीं है।
गैर पंजीकृत यूनियन के महासचिव प्रिंस ने बताया कि ‘मज़दूर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और पिछले दिनों ही कंपनी प्रबंधन ने अपने बाउंसरों से यूनियन नेताओं को धमकी दिलाई थी।’
उन्होंने कहा, “मैनेजमेंट ने कहा कि ये उनकी सुरक्षा के लिए लगाए गए हैं। जबकि इन बाउंसरों ने नेताओं का पीछा भी किया यहां तक कि मोहाली श्रम विभाग के सामने धरने पर बैठे मजदूरों को भी धमकी देने ये गुंडे पहुंच गए।”
बीते साल 13 नवंबर को जब इन वर्करों ने कंपनी ने निकाल दिया था तो उस समय किसान आंदोलन के नेता यहां जाकर अपना समर्थन दिया था और मैनेजमेंट को मजबूरन सभी मजदूरों को वापस लेना पड़ा।
उस समय किसान नेता राकेश टिकैत और संयुक्त किसान मोर्चे के नेता दर्शन पाल पहुंच कर मज़दूरों का समर्थन किया था।
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