निशुल्क ऑटो एम्बुलेंस- दिल्ली की जनता के लिए, छोटी मगर महत्वपूर्ण पहल

निशुल्क ऑटो एम्बुलेंस- दिल्ली की जनता के लिए, छोटी मगर महत्वपूर्ण पहल

कोरोना महामारी के भयानक दौर में मोदी सरकार सिलसिलेवार असफल होती नजर आ रही है। दिल्ली की जनता को न मोदी सरकार से मदद मिल पा रही है और न दिल्ली सरकार से। दिल्ली में कई महत्वपूर्ण फैसले इन दोनों सरकारों के आपसी खींचतान में लटके पड़े हुए हैं। इस दौरान पूरे देश में लोगों के विभिन्न समूह आगे आए और जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी ही एक पहल निशुल्क ऑटो एम्बुलेंस सेवा भी है जो दिल्ली की आम जनता के लिए निशुल्क शुरू की गई है। ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू) द्वारा शुरू की इस सेवा का फायदा दिल्ली के अंदर किसी भी इलाके में लोग प्राप्त कर सकते हैं।

इस बारे में ऐक्टू के दिल्ली राज्य सचिव, सूर्य प्रकाश बताते हैं, “ऑटो-एम्बुलेंस को सरकारी अस्पतालों के बाहर खड़ा रखा जाता है, ताकि ज़रूरतमंद लोग इसका लाभ उठा सकें। मगर ज्यादातर समय हमें फोन पर ही सूचना मिलती है जिसे हम एम्बुलेंस की उपलब्धता के आधार पर वालंटियर साथियों तक पहुंचाते हैं। सभी ऑटो-एम्बुलेंस में सेफ्टी स्क्रीन, सैनिटाइजर, पीपीई किट और ऑक्सीजन सिलिंडर की सुविधा हर वक्त उपलब्ध रहती है। ऑटो एम्बुलेंस की जानकारी के लिए 9871787075, 9718533518 , 88005 10603 और 9871908216 पर फोन किया जा सकता है।” ऑटो एम्बुलेंस सेवा को शुरू हुए करीब एक सप्ताह से अधिक समय हो गया है। इस दौरान इससे कई लोगों ने फायदा उठाया है।

कोरोना महामारी के दौर में राज्य और केंद्र की स्वास्थ्य सुविधाएं बिल्कुल एक जैसी नाकाफी साबित हुई हैं। सबसे बुरी हालत उन मरीजों की है जो गरीबी के कारण निजी अस्पतालों में नहीं जा सकते। कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अस्पतालों की हालत भी काफी खराब है। दिल्ली के लाखों मजदूरों के लिए इनकी संख्या काफी कम है। दिल्ली आशा कामगार यूनियन की अध्यक्ष श्वेता बताती हैं कि आशा कर्मियों को कोरोना महामारी के दोनों दौरों में आगे रखकर काम लिया गया परन्तु उन्हें न्यूनतम अधिकार तक से वंचित रखा गया है। विभिन्न क्षेत्रों के लगातार होते निजीकरण इस महामारी के दौरान आपदा को अवसर में बदलते हुए लगातार लोगों को लूट रहे हैं। सरकारी/सार्वजनिक संस्थाओं की स्थिति जर्जर है लेकिन इन्हीं संस्थाओं में काम करने वालों ने दिल्ली को बचा रहे है।

एक्टू दिल्ली के राज्य अध्यक्ष संतोष रॉय बताते हैं कि मोदी सरकार जिन सार्वजनिक संस्थानों को बेच रही है, आज उन्हीं से देशभर में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। ‘वेंटीलेटर’ के लिए निजी क्षेत्र को दिए गए बड़े-बड़े कॉन्ट्रैक्टों से अपर्याप्त और कई जगहों पर बेकार मशीने ही मिली हैं। जब बिहार और यूपी के कई इलाकों में लाशों की बाढ़ आ गई है, तब मोदी सरकार और संघ-भाजपा की पूरी मशीनरी ‘पॉजिटिविटी’ के नाम पर अपने कृत्यों पर पर्दा डालने में लग गई है। दुनिया भर में गोबर-गौमूत्र से नहाने के चलते न सिर्फ हमारा मजाक उड़ रहा है बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंच रहा है। ‘टीका-उत्सव’ के शुरू होने से पहले ही दिल्ली में टीके खत्म हो चुके हैं। ऐक्टू, दिल्ली और केंद्र की सरकार से ये मांग करती है कि ट्रेड यूनियन सगठनों द्वारा उठाए गए बिन्दुओं पर तुरंत कार्यवाही हो, और दिल्ली के जनता के स्वास्थ्य और जीविका की सुरक्षा की पूरी गारंटी की जाए। ऐक्टू दिल्ली की जनता के सहयोग से चल रहे निशुल्क ऑटो एम्बुलेंस सेवा को आगे और विस्तारित करने का प्रयास करेगी।

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Amit Singh

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