कर्नाटक: 5000 रेजिडेंट डॉक्टर्स ने ठप किया काम, मांगों के समर्थन में निकाली रैली
कर्नाटक एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (केएआरडी) के बैनर तले गुरुवार को प्रदेश के करीब 5000 जूनियर रेजिडेंट चिकित्सकों ने काम ठप कर दिया।
चिकित्सक पाठ्यक्रम शुल्क में छूट या बदलाव, कोविड जोखिम भत्ता, नियमित स्टाइपेंड (वृत्तिका) के भुगतान की मांग कर रहे हैं।
कर्नाटक भर के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों और इंटर्न ने 7 अक्टूबर को सुबह 9 बजे से ओपीडी और सभी वैकल्पिक सेवाओं का बहिष्कार किया।
ये सुबह करीब 10 बजे नए ओपीडी ब्लॉक के सामने जमा हुए। हाथों में तख्तियां लिए चिकित्सकों ने कॉलेज परिसर में रैली निकाली और अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाए।
कर्नाटक एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स की अध्यक्ष नम्रता सी ने कहा कि हड़ताल से आपातकालीन सेवाएं, आइसीयू और कोविड 19 सेवाएं बाधित नहीं हुईं।
उन्होंने आगे बताया, ”सभी जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर प्रतीकात्मक विरोध के लिए अपने-अपने कॉलेजों में इकट्ठे हुए। हालांकि, आपातकालीन ड्यूटी पर मौजूद सभी लोग अपनी नियमित ड्यूटी पर लगे रहे।”
डॉ. नम्रथा ने कहा कि पूरे कर्नाटक में लगभग 5,000 युवा डॉक्टरों ने हड़ताल में भाग लिया।
प्रदर्शनकारियों ने चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के कार्यालय जाकर अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा।
डॉ. नम्रता ने कहा कि सरकारी अस्पताल पहुंचने वाले 65-75 फीसदी मरीजों की जिम्मेदारी रेजिडेंट चिकित्सकों पर है। एक हजार से ज्यादा चिकित्सक कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इस वर्ष छह मई को सरकार ने कोविड भत्ता देने की घोषणा की थी, जो कागजों तक ही सीमित रह गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि कई माह बाद भी चिकित्सकों को एक रुपया तक नहीं मिला है। कोविड ड्यूटी के कारण शैक्षणिक गतिविधियां भी प्रभावित हुईं। रेजिडेंट चिकित्सक चुनी हुई विशिष्टताओं में नैदानिक प्रशिक्षण से भी वंचित रह गए। ऐसे में वे सरकार से शैक्षणिक वर्ष 2020-21 की फीस घटाने की मांग कर रहे हैं।
वर्ष 2018-19 के अनुसार शैक्षणिक शुल्क का पुनर्निधारण होना चाहिए। यह मांग पुरानी है। इस पर कार्रवाई करने के बजाय सरकार ने फीस बढ़ा दी। सरकार के रवैये के कारण रेजिडेंट चिकित्सक हड़ताल करने पर मजबूर हो गए।
उन्होंने बताया कि मैसूरु में रेजिडेंट चिकित्सकों ने स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर से मुलाकात की। बातचीत के दौरान उन्होंने जल्द से जल्द फंड जारी करने का आश्वासन दिया है।
(साभार- द हिंदू)
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