फैक्ट्री शुरू होने के बावजूद मजदूरों के सामने दो वक्त के खाने की दिक्कत, मदद को सामने आया दिल्ली लेबर बोर्ड
मई महीने के खत्म होने के साथ ही दिल्ली में कुछ फैक्ट्रियों में काम शुरू हो चुका है। पूरी रफ्तार के साथ काम शुरू होने के चलते अच्छी तादाद में मजदूरों की वापसी हो रही है।
हालांकि रेडी पटरी की दुकानों को अभी खोलने की अनुमति नहीं मिली है। इस वजह से मजदूरों के सामने पेट भरने की दिक्कत है।
दिल्ली लेबर वेलफेयर बोर्ड (डीएलडब्लूबी) के सदस्यों ने दिल्ली के ऐसे इलाकों में राशन मुहैया कराने, मजदूरों के टेस्टिंग और वैक्सीनेशन कराने का प्रस्ताव रखा है।
डीएलडब्लूबी के चेयरमैन भूरे खान बताते हैं, ”हमने यह सुझाव दिया है कि बोर्ड को इंडस्ट्रियल इलाकों में कम्यूनिटी किचन की शुरुआत करनी चाहिए ताकि मजदूरों को कम से कम दो वक्त का खाना मिल सके।”
आधिकारिक तौर पर वेलफेयर बोर्ड ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है।
बोर्ड की बैठक के बाद ही प्रस्तावों पर चर्चा कर उसे पारित किया जा सकता है।
बोर्ड के सदस्य और दिल्ली असंगठित निर्माण मजदूर यूनियन सेक्रेटरी थानेश्वर आदिगौरी ने कहा कि वे चाहते हैं कि बोर्ड इस बारे में जल्द से जल्द मीटिंग करे।
इसके अलावा बोर्ड सदस्यों कोरोना जांच और वैक्सीनेशन की सुविधा शुरू करने और मॉस्क, सैनिटाइजर जैसी जरूरी चीजें बांटने का प्रस्ताव भी दिया हुआ है।
बोर्ड की सदस्य श्वेता राज ने कहा, मजदूरों का वैक्सीनेशन प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए।
कुछ इंडस्ट्रियल इलाकों में जिला प्रशासन के साथ मिलकर टेस्टिंग का प्रबंध किया गया है।
मायापुरी इंडस्ट्रियल एरिया वेलफेयर एसोसिएशन के बोर्ड मेंबर और जनरल सेकेट्ररी ने बताया, ”हमने पिछले साल टेस्टिंग सुविधा शुरू की थी। अब मजदूरों को सभी तरह की मदद की जरूरत है क्योंकि बाजार और दूसरी चीजें बंद हैं।
आदिगौर का कहना है कि महामारी के चलते मजदूरों ने साल भर के भीतर ही दूसरी दफा शहर छोड़ा है। ये गतिविधियां मजदूरों के अंदर आत्मविश्वास जगाने के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
सरकार ने कंस्ट्रक्शन वर्कर्स की भलाई के लिए कई उपाय किए हैं। सरकार को ऐसे इंडस्ट्रियल इलाकों में मजदूरों के लिए कुछ करना चाहिए।
इस महामारी के दौरान प्रवासी मजदूरों को सबसे अधिक मुसीबतों का सामना करना पड़ा है। उन्हें शहरों की अपनी जिंदगी छोड़कर अपने गृह राज्यों की तरफ वापस लौटना पड़ा है।
इस पूरे मामले में दिल्ली सरकार के किसी भी प्रवक्ता ने बयान नहीं दिया है।
(साभार-हिंदुस्तान टाइम्स)
(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। मोबाइल पर सीधे और आसानी से पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें।)