पंजाब: दूसरे दिन भी जारी रही पनबस कर्मियों की हड़ताल, कहा- सरकार ने रेगुलर नहीं किया तो विधानसभा चुनाव में होगी हार
अपनी मांगों को लेकर पनबस कर्मी दूसरे दिन (मंगलवार) को भी धरने पर डटे रहे। रेगुलर करने की लंबित मांग को लेकर कर्मचारियों ने दो दिनों में सरकार की तरफ अपने तेवर साफ कर दिए हैं।
हड़ताल के चलते तमाम यात्रियों को प्राइवेट बसों का सहारा लेना पड़ा।
वहीं अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे लोगों का कहना है कि अभी तो यह आगाज है। सरकार ने अगर उन्हें रेगुलर करने का अपना वादा पूरा नहीं किया तो अगले साल विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का चेहरा देखना पड़ सकता है।
हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि वे बुधवार तक हड़ताल पर रहेंगे।
गौरतलब है कि पठानकोट से हर दिन जालंधर, लुधियाना, चंडीगढ़, अमृतसर व दिल्ली के लिए करीब 350 बसें संचालित की जाती हैं। जिसमें पठानकोट डिपो की रोजाना 80 बसों की सर्विस है।
वहीं इसके इलावा डेढ़ सौ निजी बसें चलती हैं। कोरोना से पहले बसों की संख्या लगभग 500 थी। इन बसों रोजाना सात हजार से अधिक यात्री सफर करते थे।
पंजाब रोडवेज पनबस वर्कर यूनियन के शाख प्रधान सुखविद्र सिंह व महासचिव कमल ज्योति ने बताया, ”प्रदेश के सभी 18 के 18 डिपो से पनबस कर्मियों ने पटियाला स्थित मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिद्र सिंह के आवास का घेराव कर उन्हें उनका वायदा याद दिलाया है।”
यूनियन नेताओं ने कहा कि वह पिछले तेरह वर्षों से ठेकेदारी प्रथा के तहत रोडवेज में काम कर रहे हैं। लेकिन, पूर्व की सभी सरकारों ने उन्हें रेगुलर करने का वायदा तो किया परंतु उसे पूरा नहीं किया, जिसे लेकर पनबस कर्मियों में सरकार के प्रति गहरा रोष पाया जा रहा है।
वहीं पंजाब रोडवेज पठानकोट डिपो के जनरल मैनेजर दर्शन सिंह गिल के अनुसार, ”आज (मंगलवार) भी केवल बारह बसों की सर्विस ही चल सकी। दो दिनों में कितना आर्थिक नुकसान हुआ इसका अभी अनुमान नहीं है।”
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