प्रदर्शन के दौरान शहीद हुए किसानों को एक करोड़ रु. मुआवज़ा देने की मांग
गुड़गांव की ट्रेड यूनियनों ने किसान प्रदर्शन के दौरान शहीद होने वाले किसानों के परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवज़ा देने की मांग करते हुए किसान संघर्ष को अपना समर्थन दिया है।
तीन कृषि क़ानूनो के ख़िलाफ़ 11 दिन से दिल्ली बॉर्डर पर डेरा जमाए बठे किसानों के समर्थन में गुड़गांव के लघु सचिवालय पर ट्रेड यूनियन के नेताओं ने भूख हड़ताल कर उन्हें अपना समर्थन दिया।
ट्रेड यूनियनों ने आठ दिसम्बर को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) द्वारा बुलाए गए भारत बंद का समर्थन देने का ऐलान किया।
रविवार को धरने के दौरान हुई सभा की अध्यक्षता राजेश ठाकरान ने की। इस दौरान राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार के मार्फ़त ज्ञापन सौंपा गया।
मज़दूर नेता कुलदीप जांघू ने कहा कि ‘केंद्र की मोदी सरकार किसानों पर विनाशकारी तीन कृषि क़ानून जबरदस्ती थोप रही है। देश में किसी भी किसान ने इस तरह के काले क़ानून बनाने की कोई मांग नहीं की थी लेकिन मोदी सरकार ने कॉरपोरेट घराने के दबाव में आकर जो कानून ज़बरिया पास कराए हैं, उससे किसान बर्बाद हो जाएंगे। यहां तक कि नए कानून के मुताबिक कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग में किसान कोर्ट का दरवाजा भी नहीं खटखटा सकता।’
हे डॉ प्रेमपाल ने कहा कि ‘शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों पर वॉटर कैनल चलाना हरियाणा सरकार की कायरता को ही दिखाता है।’
वक्ताओं ने एआईकेएससीसी की ओर से आठ दिसम्बर को बुलाए गए भारत बंद का बड़े पैमाने पर समर्थन करने का आह्वान किया है।
ज़िले के किसान-मजदूर की सयुंक्त समिति ने तीन सूत्रीय मांग में कहा है कि किसानों के अहित में थोपे गए विधेयक को निरस्त किया जाए व आंदोलन के चलते जो किसान शहीद हुए हैं, उनके परिजनों को एक करोड़ की राशि व एक सरकारी नौकरी दी जाए और आंदोलन में शामिल किसानों पर लगाये गए झूठे मुकद्दमों को वापस लिया जाए।
इस भूख हड़ताल में हरि सिंह चौहान, जयप्रकाश त्यागी, राजेश श्योराण, बीरेंद्र सिंह, वेदप्रकाश, रवि कुमार त्यागी, पीटीआई एसोसिएशन से महेश कुमार, रविन्द्र कुमार, दीपक, सम्पत सिंह, पंडित निरंजन आर्य, मनीष कुमार, भीम सिंह, बेलसोनिका से महेंद्र कपूर, अजित सिंह, आईएमके से योगेश, ट्रेड यूनियन कॉउंसिल से अनिल पंवार, जसपाल राणा, सुजुकी बाइक से अमित पाढ़ा, गम्भीर सिंह, एफएमआई से सज्जन, एमपीटी से श्रीभगवान, मारुति मानेसर से राकेश शामिल रहे।
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