अमेरिका में ताबड़तोड़ हड़तालें मज़दूर वर्ग के नए उभार का संकेत हैं?
By जॉन फरमैन और गैब्रियल विनैंट
अक्टूबर की शुरुआत से ही ताबड़तोड़ हड़तालों ने अमेरिका के मज़दूर वर्ग में एक नई चेतना का संचार करने का काम किया है। लेकिन अमेरिका के बड़े कार्पोरेशनों में से एक और बड़ी विशाल ऑटो निर्माता कंपनी जॉन डीरे के आईओवा के वाटरलू स्थित प्लांट में 14 अक्टूबर को हुई हड़ताल ने एक नए मज़दूर संघर्ष के उभार का संकेत दिया है।
इस हड़ताल के तीन दिन पहले आईवोआ, इलिनॉयस और कंसास में यूनाइटेड ऑटो वर्कर्स के यूनियन संदस्यों की बैठक हुई जिसमें उस प्रस्ताव को भारी बहुमत से खारिज कर दिया गया जिसमें कंपनी ने महंगाई के मुताबिक वेतन वृद्धि का वादा किया था लेकिन इस शर्त के साथ कि नई भर्तियों पर पेंशन का अधिकार खत्म कर दिया जाएगा।
वोटिंग के इन नतीजों ने यूनियन और कंपनी मैनेजमेंट दोनों को हैरत में डाल दिया, क्योंकि किसी को उम्मीद नहीं थी कि हड़ताल हो जाएगी। डीरे के 35 सालों के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा था कि 10,000 वर्कर हड़ताल पर चले गए।
इससे पहले एक अक्टूबर को न्यूयॉर्क के बफ़लो शहर में स्थित मर्सी हेल्थ के 2000 वर्कर, जिनमें नर्स, टेक्निकल, थेरेपिस्ट, क्लर्क आदि शामिल थे, हड़ताल पर चले गए। अमेरिका की विशाल फूड कंपनी के 1400 प्रोडक्शन वर्करों ने चार राज्यों के प्लांटों में हड़ताल कर दिया था। वेस्ट वर्जीनिया के हंटिंगटन में 450 स्टील वर्करों ने हड़ताल कर दिया और कैलीफ़ोर्निया में 2000 टेलीकम्युनिकेशन वर्करों ने एक दिन का कार्य बहिष्कार किया। ये सब 1 अक्टूबर के बाद हुआ।
इसी तरह अलाबामा में 1000 खनन वर्कर, मैसाच्यूसेट्स में 700 नर्सें, केंचुकी में शराब बनाने वाली कंपनी के 400 वर्कर और रेनो, नवादा में 200 बस ड्राईवरों पहले ही हड़ताल बोल रखा था।
इससे पहले हाल ही में वाशिंगटन में 2000 कारपेंटरों, कंसास में पेप्सीको कंपनी की सब्सीडियरी फ्रिटो ले के 600 वर्कर और नाबिस्को फैक्ट्री के देश भर के पांचों प्लांटों में 1000 वर्करों ने हड़ताल की थी।
लेकिन वर्करों का एक बड़ा हिस्सा अभी हड़ताल के लिए तैयार हो रहा है। कैलीफ़ोर्निया, ओरेगान और हवाई राज्यों में कैसर कंपनी से जुड़े 37,000 हेल्थ वर्कर हड़ताल पर मुहर लगा चुके हैं। शिक्षा विभाग के हज़ारों के कर्मचारी हड़ताल की तैयारी कर रहे हैं। फिल्म और टेलीविज़न में काम करने वाले 60,000 वर्करों ने हड़ताल के पक्ष में बहुमत से वोट किया है।
लेकिन ये द्वितीय विश्वयुद्ध का दशक नहीं है जब अमेरिका के हर 10 में से एक वर्कर हड़ताल में शामिल हुआ करता था। ना ही ये 2010 के मज़दूरों की कमी वाला दशक है, जब हड़तालों की संख्या नगण्य हो गई थी।
आज के समय में वर्कर अधिक जुझारू हैं, यानी वे नौकरी की बुरी शर्तों को मानने को हरगिज़ तैयार नहीं हैं, हालांकि वे संगठित नहीं हैं। यूनियनों की संख्या ऐतिहासिक रूप से कम है, फिर भी यूनियनें प्रेरणादायी रोल निभा रही हैं, लेकिन वे ही केवल इस कार्रवाई का एकमात्र कारण नहीं हैं।
असल में इसमें उन वर्करों की एक बड़ी संख्या है जिन्हें असेंशियल वर्कर (ज़रूरी कर्मचारी) कहा गया है और कोरोना वायरस महामारी के दौरान इस श्रेणी के वर्करों की पूछ बढ़ी है। ये वर्कर अब नौकरी की खराब शर्तों के लिए अपने बॉस को चुनौती देते हैं।
शक्ति संतुलन में जो खिसकाव आया है उसे केवल वर्कर ही नहीं बल्की शेयर मार्केट वॉल स्ट्री के समीक्षक भी महसूस कर रहे हैं और जॉन डीरे के शेयरों में भारी गिरावट के प्रति चेतावनी जारी की है। कहा जा रहा है कि डीरे के मार्केट शेयर में 25 प्रतिशत की गिरावट आ जाएगी।
‘पेंडुलम ऑफ़ पॉवर हैज़ स्वंग’ (शक्ति संतुलन का पेंडुलम अपनी जगह से हट चुका है) नाम से जारी रिपोर्ट के समीक्षकों को कहना है, “डीरे में छह वर्षीय समझौता हुआ। लेकिन यूनियन के सदस्य इसमें और रियायत के साथ यूनाईटेड ऑटो वर्कर्स यूनियन के प्रतिनिधियों के चुनाव के तरीके में बदलाव चाहते हैं और एक व्यापक राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय गतिविधि चाहते हैं।”
(लेबर नोट्स में प्रकाशित लेख का एक हिस्सा। पूरा लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।)
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