टाटा स्टील में होगा 12 घंटे काम, सरकार की मंजूरी, यूनियन भी राजी
जमशेदपुर स्थिति टाटा स्टील कारखाने में अब आठ की जगह 12 घंटे काम लिया जाएगा। इस नई कार्य व्यवस्था के लिए भेजे गए प्रस्ताव को सरकार ने मंजूरी दे दी है, टाटा वर्कर्स यूनियन ने भी रजामंदी जताई है।
कोरोना संक्रमण के चलते उत्पादन प्रभावित होने को लेकर टाटा स्टील कारखाने के सिंटर प्लांट और न्यू बार मिल में 12 घंटे की दो शिफ्ट में काम लिया जाएगा। इससे पहले आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्ट में काम होता था।
उत्पादन गिरने पर 12 घंटे काम कराने के लिए सरकार से मंजूरी मांगी गई, जिसे हरी झंडी दे दी गई है। शार्प भारत
न्यूज के अनुसार 12 घंटे की शिफ्ट करने के बाद संबंधित श्रमिकों को अगले दिन अवकाश दिया जाएगा।
इसके पीछे तर्क ये भी दिया गया है कि इस तरह श्रमिकों को सप्ताह में तीन ही शिफ्ट करना होंगी, जिसका कुल साप्ताहिक कार्य घंटे 48 ही होंगे, जो कि आठ घंटे के साप्ताहिक मानक में भी होते थे। इससे श्रमिकों को आराम भी मिलेगा और 12 घंटे काम में तेजी से उत्पादन ज्यादा होने की उम्मीद है।
यहां बता दें, सालभर पहले जापान में सप्ताह में चार दिवसीय कार्य दिवस का प्रयोग किया गया था, जिसमें कंपनी का उत्पादन पांच दिवसीय कार्य दिवस से ज्यादा पाया गया और श्रमिक भी ज्यादा खुश नजर आए।
हालांकि, विशेषज्ञ ये भी मानते हैं कि काम के घंटे एक बार में ज्यादा होने से श्रमिकों की सेहत पर असर पड़ता है। ठेका मजदूरों के साथ लगभग हर इंडस्ट्रियल एरिया में चार घंटे ओवरटाइम के नाम पर ठगकर 12 घंटे काम कराया जाता है, जबकि वेतन भुगतान उन्हें आठ घंटे के अनुसार ही किया जाता है।
नए तरीके से 12 घंटे काम कराने की प्रक्रिया इस ओर जाने की कोशिशों का हिस्सा भी हो सकती है, जैसा कि उत्तरप्रदेश समेत कई राज्यों में इसकी मंजूरी दी गई थी। दो राज्यों ने कागजी तौर पर विरोध के बाद इसे वापस लिया है।
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