गृह राज्य मंत्री का इस्तीफा और दोषियों को हो कड़ी से कड़ी सजा: सीटीयू ने सरकार से रखी मांग
5 अक्टूबर 2021 की शाम दिल्ली में ट्रेड यूनियनों का संयुक्त मंच की बैठक हुई।
इस बैठक में राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन परियोजना की एक नई आड़ में सरकार के निरंतर निजीकरण की होड़ का जायजा लिया गया और इन राष्ट्र विरोधी नीतियों के लिए एक उपयुक्त संयुक्त प्रतिक्रिया भी तैयार की गई।
बैठक में चार श्रम संहिता, तीन कृषि कानून और बिजली संशोधन विधेयक 2020 को वापस लेने की मांग भी रखी गई।
बैठक में ही उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से विरोध कर रहे किसानों के नरसंहार की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया।
जिसके अंतर्गत कहा गया कि यह दर्दनाक घटना केंद्र और राज्य में सत्ताधारी दल के असली चेहरे को उजागर करती है।
ट्रेड यूनियनों ने विपक्षी नेताओं, किसानों और ट्रेड यूनियन नेताओं को मृतक के परिवारों से मिलने की अनुमति नहीं देने वाली पुलिस कार्रवाई की भी निंदा की।
बैठक में मांग की गई कि मंत्री को तुरंत पद छोड़ देना चाहिए और मंत्री के बेटे पर इस जघन्य अपराध के लिए कड़ी से कड़ी सजा देने के लिए शीघ्र मुकदमा चलाया जाए।
बैठक में दोहराया गया कि सीटीयू कृषि कानूनों के खिलाफ उनके अथक संघर्ष में किसानों के साथ मजबूती से खड़े हैं।
(प्रेस नोट -सेंट्रल ट्रेड यूनियन)
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