कर्नाटक में ट्योटा वर्करों के धरना प्रदर्शन के 3000 दिन पूरे, मज़दूरों में अधिकांश दलित
कर्नाटक में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर मजदूर संघ पिछले तीन हज़ार दिनों से आंदोलन कर रहा है। कंपनी वर्कर मनमाने निलंबन और बदतर काम करने के हालात को लेकर आंदोलनरत हैं।
18 दिसम्बर को इन वर्करों के धरना प्रदर्शन का 3000वां दिन था।
शनिवार को तीन हज़ार से अधिक मजदूरों और कई संगठनों ने कर्नाटक के रामनगर ज़िले के कलेक्टर ऑफिस पर प्रदर्शन किया।
मजदूरों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो इसके नतीजे अच्छे नहीं होंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मजदूरों के मानवाधिकारों का हनन कर रही है। प्रदर्शन में शामिल बीएसपी के स्टेट प्रेसीडेंट कृष्णमूर्ति ने कहा कि वह मजदूरों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री सेे मुलाकात कर चुके हैं लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
संगठन के राज्य संयोजक मरसंद्र मुनियप्पा ने कहा कि चूंकि अधिकांश मजदूर दलित हैं इसलिए राज्य सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है।
इस मौके पर ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के स्टेट प्रेसीडेंट अपन्ना ने कहा कि केंद्र सरकार 44 श्रम कानूनों में सुधार का प्रस्ताव लाई है और इन्हें ख़त्म कर चार लेबर कोड में समेट दिया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को इस प्रस्ताव को वापस लेना चाहिए।
ट्योटा वर्करों के साथ एकजुटता कायम करने के लिए फ़ोर्ड, हुंडई, निस्सान, बीएमडब्ल्यू और वोल्वो की यूनियनों के प्रतिनिधि भी सभा में मौजूद थे।
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