किसानों पर अत्याचार के ख़िलाफ़ गुड़गांव की यूनियनों ने दिया राष्ट्रपति को ज्ञापन
गुड़गांव औद्योगिक क्षेत्र की ट्रेड यूनियन काउंसिल ने किसानों पर हो रहे हम लोग की कड़ी निंदा की है।
ट्रेड यूनियन काउंसिल ने इस संबंध में गुड़गांव लघु सचिवालय पर जाकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया।
ट्रेड यूनियनों का कहना है 28 जनवरी को शाम 7:00 बजे गाजीपुर धरने पर यूपी पुलिस दिल्ली पुलिस पैरामिलेट्री फोर्स भाजपा विधायक और कार्यकर्ता पहुंचकर धरना उठाने की धमकी देते हैं यह बहुत ही गैरकानूनी और बर्दाश्त के बाहर की बात है।
ज्ञापन में कहा गया है कि 29 जनवरी को दोपहर 2:30 बजे सिंघु बॉर्डर पर सरकार ने प्रदर्शनकारियों के बीच में स्थानीय सरकार समर्थित गुंडों को किसान धरने में घुसा दिया गया और इन गुंडों ने संघर्षरत किसानों किसानों पर भारी पथराव किया व हिंसा की गई।
सरकार तथा प्रशासन की इस किसान विरोधी कार्यवाही की हम मजदूर संगठन व मजदूर यूनियन ने कड़ी निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि तीन काले कृषि कानूनों को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।
फसलों की खरीद का न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून बनाया जाए, सरकार वितरण प्रणाली को मजबूर करे, आंदोलन के दौरान किसान नेताओं और किसानों पर लगाए गए झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं, उदारीकरण वैश्वीकरण और निजी करण की पूंजी परस्त नीतियों को रद्द किया जाए, किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसान और किसान नेताओं के परिवार को उचित मुआवजा व उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए।
इस मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा के अध्यक्ष चौधरी संतोक कुमार, संयोजक राव कमल वीर, रामनिवास पवार, जयप्रकाश,
टी यू सी की ओर से एटक के अनिल पवार, कवर लाल यादव सीटू, बलवान सिंह aiutuc, एस एन दहिया INTUC, उषा सरोहाँ, राजेंद्र सरोहा, स्वर्ण कुमार, अजित कुमार, राजेश कुमार, मोहिंदर कपूर आदि बेलसोनिका यूनियन से, बिरजू प्रधान fcc यूनियन, सतीश चंद्र, सतीश गुज्जर Emkay, नरेश कुमार कपारो, संदीप कुमार मुंजाल शोवा, नरेश कुमार हेमा यूनियन, नरेश नपिनों यूनियन, दिल सिंगार यादव ,शिव कुमार, राजबहादुर, सुरेंद्र आदि ने रोष प्रकट किया व ज्ञापन उपायुक्त महोदय के नाम राष्ट्रपति को भेजा है।
वर्कर्स यूनिटी के समर्थकों से एक अपील, मज़दूरों की अपनी मीडिया खड़ी करने में सहयोग करें
(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)