पू. रेलवे के इज्जतनगर मंडल में महिला कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव, यूनियनों का हंगामा

पू. रेलवे के इज्जतनगर मंडल में महिला कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव, यूनियनों का हंगामा

पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल में महिला कर्मचारी को कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने पर हडक़ंप मच गया। रेल प्रशासन की लापरवाही से खफा रेल यूनियनों ने डीआरएम दफ्तर पर हंगामा कर दिया।

यूनियन पदाधिकारी दफ्तर बंद कराने की मांग लेकर धरने पर बैठ गए। तीन घंटे बाद रेल प्रशासन ने उनकी बात सुनी और उन्हें शांत कराया।

इज्जतनगर रेल मंडल के कैरिज एंड वैगन अनुभाग की महिला कर्मचारी छह जून को राजस्थान से लौटी थी। बरेली सिटी स्टेशन पर हेल्थ यूनिट के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसएस चौहान ने उसे कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल देने जिला अस्पताल भेजा था।

जिला अस्पताल में उसका सैंपल तो ले लिया गया, लेकिन कोरोना का कोई प्रत्यक्ष लक्षण न पाए जाने पर डॉक्टरों ने उसे क्वारंटीन रहने के निर्देश देकर घर भेज दिया।

कार्यालय खुला होने के चलते महिला डीआरएम ऑफिस में ड्यूटी पर जाने लगी। उसकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई तो डॉ. एसएस चौहान ने दो दिन के लिए अस्पताल बंद करके खुद को क्वारंटीन कर लिया।

महिला ड्यूटी के दौरान कंट्रोल रूम, पर्सनल अनुभाग समेत कई ऑफिसों में गई थी, इस बात को लेकर कर्मचारियों में डर के साथ गुस्सा फैल गया। वे ऑफिस से बाहर आकर हंगामा करने लगे। इतने में रेल यूनियनों के पदाधिकारी धरने पर बैठ गए।

जिस वक्त कर्मचारी हंगामा कर रहे थे, उस वक्त डीआरएम के चेंबर में वीडियो कांफ्रेंसिंग चल रही थी। डीआरएम चेंबर के बाहर दो कर्मचारी खड़े कर दिए गए थे, ताकि कोई अंदर न आ पाए।

तीन घंटे तक कोई भी अधिकारी बाहर नहीं आया तो इलेक्ट्रिकल अनुभाग के कर्मचारियों ने बिजली काटने की धमकी दी। इसके बाद डीपीओ मनोज कुमार बाहर आए और कर्मचारियों से बात की।

डीपीओ मनोज कुमार ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने।

इसके बाद एडीआरएम मनोज वाष्र्णेय ने रेलवे से रिटायर हो चुके नरमू के केंद्रीय अध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी को ऑफिस में बुलाकर बात की।

बसंत चतुर्वेदी ऑफिस बंद कराने की मांग रखी। ये मांग तो नहीं मानी गई, अलबत्ता एडीआरएम ने शनिवार और रविवार को ऑफिस सैनेटाइज कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद कर्मचारी शांत हुए।

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ashish saxena