#UPelection2022: बरेली ट्रेड यूनियन फेडरेशन करेगा इस दल को वोट

#UPelection2022: बरेली ट्रेड यूनियन फेडरेशन करेगा इस दल को वोट

उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में इस वक्त हर वर्ग अपना पक्ष तय कर चुका है या फिर तय करने को माथापच्ची कर रहा है। इसी सिलसिले में आज बरेली ट्रेड यूनियन फेडरेशन ने दो घंटे गूगल मीट कर संबद्ध ट्रेड यूनियनों और मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ मंथन किया।

अध्यक्षता करते हुए बीटीयूएफ अध्यक्ष सुनील जैन ने महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर 2 मिनट का मौन रखवाया। इसके बाद उन्हाेंने मुद्​दा प्रस्तुत कर कहा, हम कर्मचारियों को अपनी राजनैतिक समझ को बढ़ाने की ज़रूरत है, ताकि कोई गुमराह कर हमारा वोट न ले सके।

संचालक, बीटीयूएफ के महामंत्री संजीव मेहरोत्रा ने कहा कि वर्तमान सरकार का रवैया कर्मचारी विरोधी है, जिसके कारण कर्मचरियों का शोषण बढ़ रहा है। उन्होंने बढ़ रही बेरोजगारी पर चिंता जताई और इलाहाबाद और पटना आदि जगहों पर पुलिस द्वारा युवाओं पर लाठीचार्ज पर आक्रोश प्रकट किया।

फेडरेशन के उपाध्यक्ष ध्यान चन्द्र मौर्य ने कहा कि इस सरकार ने आम जनता के हक और हकूकों को छीन लिया है। हम सभी को मिलकर इस सरकार को हटा देने के लिए संकल्प लेना होगा। साथ ही यह भी समझना होगा कि ये मुश्किल व्यवस्था की खोट है, जिसमें मौजूदा दलों का रवैया लगभग एक जैसा है।

उप महामंत्री गीता शांत ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा अहम है और जो राजनीतिक दल पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा करे, हमें उसको वोट करना होगा। उन्होंने कहा, यह राज्य कर्मचारियों के आंदोलन का ही दबाव है कि एक प्रमुख दल को पुरानी पेंशन बहाली का वादा करना पड़ा है।

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यूनाटेड फोरम के संयोजक दिनेश सक्सेना ने कहा, मौजूदा यूपी सरकार से कर्मचारियों का भरोसा उठ गया है। यह समय परिवर्तन का है, हम सभी को पूंजीवाद के खिलाफ वोट करने की ज़रूरत है।

गूगल मीट के दौरान सभी वक्ता एकजुट नज़र आए और सर्वसम्मति से निर्णय हुआ कि सत्ताधारी को हराकर पुरानी पेंशन बहाली, बेरोजगारी दूर करने, सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण न करने, संविदा कर्मचारियों को सेवा में स्थायी करने, कर्मचारियों का उत्पीड़न न करने की घोषणा करने वाले दल को ही कर्मचारी अपना वोट करेंगे।

गूगल मीट में पीके माहेश्वरी, अरविंद देव सेवक, हर गोविंद मौर्य, पी कालरा, जितेंद्र मिश्र, आशीष कुमार, अवतार सिंह, महेश गंगवार शैलेंद्र रंजन मोहले, रविंद्र कुमार, अमित सिंह आदि ने विचार रखे।

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ashish saxena

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