निजीकरण के विरोध के बीच LIC कर्मचारियों के वेतन में 25% की वृद्धि, हफ़्ते में पांच दिन काम
निजीकरण का विरोध कर रहे एलआईसी कर्मचारियों को मोदी सरकार ने बड़ी राहत देते हुए 25% वेतन वृद्धि का ऐलान किया है। बीते गुरुवार को केंद्र सरकार ने इस बढ़ोत्तरी की अधिसूचना जारी कर दी है। वेतन वृद्धि 01 अगस्त 2017 से लागू होगी।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, ऑल इंडिया इंश्योरेंस एमप्लाईज़ एसोसिएशन (एआईआईईए) के जनरल सेक्रेटरी श्रीकांत मिश्रा ने ये जानकारी दी है।
मिश्रा के अनुसार, ‘इन मुश्किल हालातों के बावजूद हुए वेतन वृद्धि से कर्मचारी खुश हैं। वेतन वृद्धि प्रतिमाह 25% से अधिक रहने का अनुमान है।’
उन्होंने कहा कि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के 6,352 प्वाइंट को ध्यान में रखते हुए, डीए को 100% ख़त्म करने के बाद लोडिंग को 15% दिया गया है।
इसके अलावा हर कर्मचारी को 1500 से 13,500 रुपये के बीच स्पेशल अलाउंस की भी घोषणा की है, जोकि डीए की गणना के लिए माना जाएगा। यानी किसी अन्य मद में इसे नहीं शामिल किया जाएगा, जैसे- घर का किराया, शहर का अलाउंस, छुट्टी के बदले कैश, ग्रैच्युटीय या अन्य लाभ।
मिश्रा का कहना है कि इस वेतन वृद्धि का कुल बिल 2700 करोड़ रुपये प्रति वर्ष होगा, साथ ही एलआईसी कर्मचारियों के लिए हफ़्ते में पांच दिन का काम होगा।
उन्होंने बताया कि मैनेजमेंट शुरू में 10 प्रतिशत वेतन वृद्धि का प्रस्ताव दिया था और उसके बाद इसे बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया लेकिन बात नहीं बनी।
मिश्रा के अनुसार, मार्च 2019 में 10 प्रतिशत और सितम्बर 2020 में 15 प्रतिशत का प्रस्ताव मैनेजमेंट की ओर से आया था।
एआईआईईए ने वेतन में 40 प्रतिशत की वृद्धि का मांग पत्र दिया था। जबकि पिछले वेतन समझौते में 25% की वृद्धि पर समझौता हुआ था।
मिश्रा का कहना है कि अब यूनियन जनरल इंश्योरेंस में काम करने वाली सरकारी कंपनियों के कर्मचारियों की वेतन वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करेगी।
उनके अनुसार, वेतन समझौते को लेकर सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में अभी भी यूनियन और मैनेजमेंट के बीच वार्ता होनी बाकी है।
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