राष्ट्रीय एकता को खंडित करने की कोशिश कर रही योगी सरकार
मीडिया के लिए बयान जारी करके वर्कर्स फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहा है कि प्रदेश के मजदूरों को दूसरे राज्यों में काम पर ले जाने से पहले सरकार से अनुमति लेने का मुख्यमंत्री का फरमान संविधान के विरूद्ध है।
दिनकर कपूर ने कहा कि यह संविधान के मौलिक अधिकार अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है, जिसके तहत भारत के हर नागरिक को देश में कहीं भी बसने, व्यापार करने, आने-जाने अधिकार है।
यदि यही नियम अन्य राज्य भी बना दें तो उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के श्रमिकों के सामने आजीविका का बड़ा संकट उत्पन्न हो जाएगा।
इसी तरह गुजरात की भाजपा सरकार ने वहां से आने वाले मजदूरों के खिलाफ कार्यवाही करने का आदेश दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा जिस आरएसएस के साथ नाभिनाल से जुड़ी हुई है वह कभी भी भारत की संघीय व्यवस्था और संविधान में विश्वास नहीं करता।
आरएसएस-भाजपा की सरकारों के इस तरह के मनमाने, संविधान विरूद्ध और विधि विरूद्ध आदेशों से देश की एकता खंडित हो जाएगी।
वर्कर्स फ्रंट की ओर से जारी मीडिया के लिए बयान में ये भी कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में बनाया गया कामगार (सेवायोजन एवं रोजगार) कल्याण आयोग भी हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ द्वारा केंद्र व राज्य सरकार से प्रवासी मजदूरों को दिए जाने वाले लाभ की सूचना शपथपत्र पर देने की पृष्ठभूमि में बनाया गया है। जिससे सरकार हाईकोर्ट में बच सके।
दिनकर कपूर ने कहा कि सच्चाई यह है कि कल प्रदेश की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार द्वारा जारी शासनादेश में कहा गया कि प्रवासी श्रमिक को महज एक बार ही एक हजार रूपए और पंद्रह दिन का बारह सौ पचास रूपए की राशन किट दी जाएगी।
सरकार के इन निर्णयों के बाद तो प्रवासी श्रमिकों के सामने जिंदा रहने का ही संकट पैदा हो जायेगा। वर्कर्स फ्रंट सहयोगी ताकतों के साथ मिलकर इसका प्रतिवाद करेगा और किसान संगठनों द्वारा आयोजित राष्ट्रीय विरोध का भी समर्थन करेगा।
उन्होंने कहा कि रविवार को पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने प्रवासी आयोग की घोषणा करते हुए कहा कि अब उत्तर प्रदेश से अन्य राज्यों में जाने वाले श्रमिकों को सरकार से इजाजत लेनी होगी।
हकीकत ये है कि कई जिलों से रिपोर्ट मिल रही है प्रदेश में मनरेगा में कराए काम की भी मजदूरी का भुगतान नहीं हो रहा है।
ऐसे में प्रवासी मजदूरों को मात्र एक हजार रूपए और पद्रह दिन की राशन किट की एक बार ही मदद करना उनके परिवारों को भूखों मरने के लिए छोड़ देना होगा।
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