गुजरात रिफाइनरी में आग से दो मज़दूरों की मौत, शव के लिए परिजन कर रहे प्रदर्शन

गुजरात रिफाइनरी में आग से दो मज़दूरों की मौत, शव के लिए परिजन कर रहे प्रदर्शन

गुजरात के वडोदरा स्थित इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) की गुजरात रिफाइनरी में सोमवार को बेंजीन भंडारण टैंकों में आग लगने से दो मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद पीड़ित परिवारों और स्थानीय निवासियों ने रिफाइनरी के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

प्रदर्शनकारी परिजन और कोयाली गांव के निवासियों का आरोप है कि रिफाइनरी प्रबंधन ने हादसे के बाद अब तक उनसे संपर्क नहीं किया और न ही मृतकों के शवों का कोई ठिकाना बताया है।

घटना के बाद, मंगलवार सुबह IOCL ने एक बयान जारी कर बताया कि मंगलवार तड़के करीब 2 बजे आग को पूरी तरह बुझा दिया गया।

आग पर काबू पाने में लगभग 12 घंटे लगे और 35 फोम फायर टेंडरों का इस्तेमाल करना पड़ा।

बताया जा रहा है कि पहला विस्फोट सोमवार दोपहर 3:15 बजे टैंक नंबर 68 में हुआ, जिसके बाद रात करीब 8:30 बजे एक अन्य टैंक में दूसरा विस्फोट हुआ।

परिजनों की मांग और पुलिस की कार्रवाई

तारापुर के रहने वाले मृतक धिमंत मकवाना के परिजन, जिसमें उनका छह वर्षीय बेटा भी शामिल था, रिफाइनरी के बाहर धरने पर बैठ गए और हादसे की पूरी जानकारी और मृतकों के शवों का विवरण मांगा।

पुलिस ने धरने पर बैठे लोगों को हटाने की कोशिश की, लेकिन परिजनों ने आरोप लगाया कि कंपनी का कोई भी अधिकारी अब तक उनसे मिलने नहीं आया।

धिमंत के चाचा ने कहा, “हमें सुबह 4 बजे फोन आया कि धिमंत मकवाना की मौत हो गई है, लेकिन हमने उनका चेहरा तक नहीं देखा।”

एक अन्य मृतक शैलेश मकवाना की पत्नी गायत्री ने बताया, “हमने कल रात से अपने पति का चेहरा नहीं देखा है। पुलिस हमें यहां से हटाने का प्रयास कर रही है। मेरे दो बच्चे हैं, मैं उन्हें कैसे पालूंगी? जब तक हमें कंपनी की तरफ से कोई स्पष्टीकरण नहीं मिलता, मैं यहां से नहीं हटूंगी।”

मुआवजे और जवाबदेही पर कंपनी चुप

मंगलवार सुबह IOCL ने एक बयान में कहा, ‘गुजरात रिफाइनरी में लगी आग को पूरी तरह बुझा दिया गया है, और रिफाइनरी के संचालन सामान्य हैं। स्थानीय प्रशासन और अन्य सहयोगियों को हम उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देते हैं। घटना के कारणों की जांच के लिए हमने एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है।’

जब मज़दूरों की मौत के बारे में पूछा गया, तो अधिकारियों ने कहा कि एक मज़दूर की मृत्यु ‘बेहोश हो जाने के बाद’ हुई, जबकि एक अन्य कैंटीन कर्मचारी भी बेहोश होकर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई।

वही कंपनी ने मृतक मज़दूरों के परिवार वालों को मुआवज़ा और दुर्घटना की जवाबदेही से सम्बंधित प्रश्नों पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।

प्रशासनिक प्रतिक्रिया

वडोदरा के कलेक्टर बीजल शाह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि चूंकि IOCL एक केंद्रीय-सरकार की स्वामित्व वाली कंपनी है, इसलिए इस घटना की जांच उनके द्वारा ही की जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाएगा। कलेक्टर ने बताया कि एक अन्य घायल व्यक्ति, जिसे सिर में चोट आई थी, का इलाज चल रहा है और उसकी स्थिति स्थिर है।

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Abhinav Kumar

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