नई भारतीय न्याय संहिता के कड़े प्रावधानों के विरोध में यूपी ट्रक ड्राइवरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल आज से शुरू
नई भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत हिट-एंड-रन मामलों के लिए कड़े कानूनों के विरोध में ट्रक ड्राइवरों का हड़ताल नए सिरे से जोर पकड़ रहा है.
उत्तर प्रदेश के ट्रक ड्राइवर 9 जनवरी यानि आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.
यूपी ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन ने शनिवार को इसकी घोषणा की. यह हड़ताल नई भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत हिट-एंड-रन मामलों के लिए कड़े कानूनों के विरोध में है.
यूनियन के सचिव धीरेंद्र तिवारी ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा, ”भारत सरकार ने कानून को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि इस कानून में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. सरकार ने हिट-एंड-रन की जो परिभाषा दी है, न्यायिक संहिता अधिनियम की धारा 166 की उपधारा (2) में निहित है.”
तिवारी के मुताबिक, अगर यह कानून लागू होता है तो आम लोगों सहित सभी प्रकार के वाहन चालक, चाहे दोपहिया या चारपहिया वाहन चालक हों या टैक्सी, टेम्पो, ट्रक, ट्रेलर या टैंकर, सभी हिट के तहत एक ही सजा के पात्र होंगे.
उन्होंने कहा कि अगर सड़क पर किसी भी तरह की घटना घटती है तो वह हत्या नहीं बल्कि दुर्घटना है. इस नए कानून में दुर्घटना को हत्या मानकर कार्रवाई करने का प्रावधान किया गया है.
यह परिवहन और निजी वाहन चालकों दोनों के साथ अन्याय है. चूंकि यह कानून गैर जमानती है, इसलिए इसका दुरुपयोग होगा. सड़क पर पुलिस वाहन चालकों को फर्जी मुकदमे में फंसाकर परेशान करेगी.
ड्राइवर यूनियन के नेताओं का तर्क है कि ‘अगर कोई दुर्घटना होती है तो पुलिस सबसे पहले संबंधित व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेजेगी और अगर जांच में जरा भी पक्षपात हुआ तो उनका पूरा परिवार तबाह हो जाएगा. दस हजार रुपये की नौकरी करने वाले ड्राइवर को दस साल जेल में गुजारने होंगे या सात लाख रुपये जुर्माना भरना होगा. इसका असर उनके पूरे परिवार पर पड़ेगा’.
यूनियन नेता ने कहा कि ‘राज्य के सभी ट्रक चालक हड़ताल का समर्थन करेंगे और अपने वाहनों को सड़कों से दूर रखेंगे। हड़ताल में ट्रक यूनियनों के अलावा बस यूनियन, टैक्सी ट्रैवल यूनियन, टैंकर एसोसिएशन और ट्रांसपोर्ट यूनियन शामिल होंगी.’
उन्होंने मिडिया को बताया कि “हमने राज्य में ट्रक, बस, टैक्सी और टैंकरों के सभी यूनियन नेताओं को पहले ही सूचित कर दिया है और हम हड़ताल पर जा रहे हैं. 9 जनवरी से सभी भारी वाहन सड़कों से हट जाएंगे.”
एक अन्य परिवहन नेता ने न्यूज़क्लिक को बताया, “सड़क की खराबी, कोहरे या अंधेरे के कारण दुर्घटना होने पर नए कानून में कोई प्रावधान नहीं है. कई बार जानवरों के अचानक सड़क पर आ जाने या तकनीकी कारणों से भी दुर्घटनाएं होती हैं. ऐसे में पहले तो भीड़ ड्राइवर को पीट-पीट कर मार डालेगी या फिर सरकार का यह कानून उनकी बची हुई जिंदगी छीन लेगा.”
इस बीच, यूनियन नेता ने धमकी दी कि अगर केंद्र सरकार ने कानून रद्द नहीं किया तो ईंधन और दूध की आपूर्ति समेत सभी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी.
मालूम हो कि हाल ही में पारित भारतीय न्याय संहिता के तहत हिट-एंड-रन मामलों के लिए 7 लाख रुपये के जुर्माने और 10 साल की जेल की सजा के प्रावधान के विरोध में ट्रक ड्राइवरों, टैक्सी और बस ऑपरेटरों ने देशव्यापी हड़ताल शुरू कर दिया है.
ऑल-इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने कहा कि ‘ये प्रावधान, जो अभी तक लागू नहीं हुए हैं, अनुचित उत्पीड़न का कारण बन सकते हैं और इन्हें तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाना चाहिए.’
हड़ताल के कारण यूपी के कई शहरों में सब्जियों की आपूर्ति में कटौती हुई और ईंधन की कमी हो गई है. जिसके कारण घबराहट में लोगों द्वारा खरीदारी शुरू हो गई है.
हालाँकि, 2 जनवरी को, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ एक बैठक के बाद, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (एआईएमटीसी) ने नए हिट-एंड-रन कानून पर देशव्यापी ट्रक ड्राइवरों के विरोध को वापस लेने का संकल्प लिया. सरकार ने परिवहन निकाय के सदस्यों को आश्वासन दिया कि नए कानून अभी तक लागू नहीं किए गए हैं और केवल एआईएमटीसी के साथ परामर्श के बाद ही लागू किए जाएंगे.
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