उत्तर प्रदेश : रेलवे निजीकरण के खिलाफ और ओल्ड पेंशन बहाली के लिए बनारस में उमड़ा जनसैलाब
फ़्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे (FANPSR) और एलाइंस नेशनल मूवमेंट ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) द्वारा रविवार, 18 दिसंबर को बनारस के रेल इंजन कारखाने और वाराणसी में निजीकरण और ओल्ड पेंशन बहाली के लिए महासम्मेलन का आयोजन किया।
इस सम्मलेन में सैकड़ों महिला और पुरुषों ने हिस्सा लिया। सम्मलेन में इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन के साथ-साथ अन्य यूनियनों के सदस्यों ने भी हिस्सा लिया।
आयोजनकर्ताओं का कहना है कि यह कार्यक्रम सरकार के द्वारा कर्मचारियों पर थोपी गयी न्यू पेंशन स्कीम के विरोध में रखा गया है।
सभी कर्मचारियों ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द उन पर थोपी गयी न्यू पेंशन स्कीम को रद्द कर ओल्ड पेंशन स्कीम सभी कर्मचारियों के लिए पूरे देश में बहाल की जाए।
FANPSR का आरोप है कि अगर न्यू पेंशन स्कीम इतनी अच्छी है तो हमारे माननीय नेतागण भी ओल्ड पेंशन स्कीम छोड़कर न्यू पेंशन स्कीम क्यों नहीं लेते हैं।
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ज्ञात हो कि FANPSR और एलाइंस नेशनल मूवमेंट ओल्ड पेंशन स्कीम बीते एक साल से देशभर में जनसभाएं कर ओल्ड पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं। उपरोक्त संगठनों ने जबलपुर के नेपानगर में राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में इस जनसभाओं को करने का निर्णय लिया था।
बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम को पूरे देश में लागू करने की बात पर चर्चा की गयी थी। साथ ही फ़रवरी 2023 तक़ नई दिल्ली में महारैली का ऐलान भी किया गया था।
फ़्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे और NMOPS ने अभी तक बीते 8 अक्टूबर को पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, 16 अक्टूबर को पश्चिम मध्य रेलवे, कटनी, मध्यप्रदेश, 13 नवंबर को पूर्व मध्य रेलवे, बरौनी, बिहार, 20 नवंबर को उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे में संयुक्त रूप से इज़्ज़तनागर, बरेली, उत्तर प्रदेश, 27 नवंबर को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे और मध्य रेलवे में नागपुर, महाराष्ट्र, 29 नवंबर को दक्षिण मध्य रेलवे, रायनपाडु, विजयवाडा, तेलंगाना, 4 दिसम्बर को पश्चिम मध्य रेलवे, मैहर, मध्यप्रदेश,11 दिसम्बर को पूर्व मध्य रेलवे, धनबाद, झारखंड और कल 18 दिसंबर बनारस रेल इंजन कारखाना, वाराणसी, उत्तर प्रदेश में जनसभाओं का आयोजन कर चूका है।
वहीं आगामी 25 दिसम्बर 2022 को उत्तर रेलवे एवं पूर्वोत्तर रेलवे में संयुक्त रूप से लखनऊ में प्रस्तावित है।
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रविवार को आयोजित महासम्मेलन में आईआरइएफ के राष्ट्रीय महासचिव सर्वजीत सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज पांडेय, फ्रंट अगेंस्ट इन एनपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरिक सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री राजेंद्र पाल, अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष व एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु, प्रदेश महासचिव अटेवा के नीरज पति त्रिपाठी, कर्मचारी परिषद सदस्य बरेका के सुशील कुमार सिंह, एवं डीएलडब्लू रेल मजदूर यूनियन के अध्यक्ष प्रदीप कुमार यादव, संयुक्त सचिव कर्मचारी परिषद धर्मेंद्र कुमार सिंह, नार्दन रेलवे कोऑपरेटिव बैंक के मृत्युंजय भास्कर और SC ST एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय कुमार आनंद आदि ने मंचासीन होकर अपनी बात रखी।
वक्ताओं का कहना है कि अब धीरे-धीरे कुछ राज्यों ने अपने अपने कर्मचारियों को न्यू पेंशन स्कीम रद्द कर ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जा रही हैl सभी केंद्रीय कर्मचारियों को जल्द से जल्द केंद्र सरकार NPS को रद्द कर ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करें ,वरना कर्मचारी एकजुट होकर दिल्ली कुच करने को बाध्य होंगे।
दरअसल, कुछ कांग्रेस शासित राज्यों ने ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल कर दिया है और हिमाचल में कांग्रेस के सरकार आने के बाद कर्मचारियों को OPS बहाली का इंतज़ार है। जिसमें सबसे पहले कांग्रेस शासित राज्य झारखंड और राजस्थान की सरकारों ने अपने राज्यों में ओपीएस को लागू कर दिया है वहीं छत्तीसगढ़ ओपीएस को लागू करने वाला पहला राज्य है। और हाल ही में पंजाब में ‘आप’ सरकार ने OPS लागू करने का नोटफिकेशन जारी किया है।
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गौरतलब हैं कि जहां एक तरफ पिछले कई सालों से ओल्ड पेंशन योजना की बहाली के लिए लगातार प्रदर्शन और महासभाएं की जा रही हैं वहीं वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री भगवतराव कराड ने सांसद में कहा है कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए भारत सरकार के पास कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
वहीं योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने पुरानी पेंशन योजना को सबसे बड़ी रेवड़ी करार देते हुए कहा था कि राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने की बात हो रही है, लेकिन कुछ खर्चों से छुटकारा पाने का कोई सुझाव नहीं है।
इतना ही नहीं नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने ओल्ड पेंशन स्कीम को भविष्य के करदाताओं पर बोझ बताया था।
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