उत्तराखंड : 1600 गांव के 240 लोग हर रोज़ घर छोड़ने को मज़बूर, समाजवादी लोक मंच की बैठक में हुआ खुलासा
उत्तराखंड के 1600 गांव भूतहा गांव हो चुके हैं। पलायन आयोग की रिपोर्ट है कि 240 लोग प्रतिदिन अपना घर छोड़ रहे हैं। इसके गए सामाजिक लोक मंच के सदस्य ललित उप्रेती का कहना है कि उत्तराखंड की संस्कृति की तस्वीरें उत्तराखंड की वास्तविकता को प्रदर्शित नहीं करती है।
दरअसल, उत्तराखंड के रामपुर में सामाजिक लोक मंच द्वारा जी-20 के अंतर्गत तीन दिवसीय (28-29-30 मार्च) साइंस-20 की बैठक का आयोजन किया जा रहा है।
कल,29 मार्च को बैठक का दूसरा दिन रहा।
सामाजिक लोक मंच द्वारा जारी विज्ञप्ति से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार की बैठक में मंच के सदस्यों ने कहना है कि साइंस – 20 की बैठक के तहत दुनिया भर से 100 से अधिक वैज्ञानिकों के जुटने तथा स्वास्थ्य, पर्यावरण व विज्ञान को समाज व संस्कृति से जोड़ना आदि मुद्दों पर चर्चा किए जाने की घोषणा की गई थी । जिसमें पहला दिन 28 मार्च को वैज्ञानिकों की बैठक ही नहीं आयोजित हो पाई।
इस पर समाजवादी लोक मंच द्वारा आयोजित तीन दिवसीय समानांतर बैठक में गंभीर चिंता व्यक्त की गई है।
कार्यक्रम की शुरुआत में मंगल पांडे को श्रद्धांजलि देते हुए शहीद भगत सिंह चौक पर हुई सभा को संबोधित करते हुए मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने कहा कि जी-20 की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि 3 दिन की बैठक के पहले दिन साइंस-20 के एजेंडा को लेकर बातचीत शुरू ही नहीं की गई। सरकारी खजाने से आयोजित इस आयोजन को पूर्णता भाजपा का आयोजन बनाकर रख दिया गया।
उनका कहना है कि यह तीन दिवस का कार्यक्रम साइंस के मुद्दों को लेकर बैठक कम सैर-सपाटा ज्यादा दिखाई दे रहा है।
मनीष का कहना है कि देश की जनता उम्मीद कर रही थी कि साइंस-20 की बैठक में वैज्ञानिक लोगों को इलाज और बीमारी की रोकथाम पर कोई गंभीर दिशा प्रदान करेंगे परंतु ऐसा नहीं हो पाया।
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वहीं अनीता धर्मपाल ने 100 करोड रुपए खर्च का हिसाब किताब सार्वजनिक करने की मांग की।
व्यापार भवन में आयोजित बैठक में मथुरा के सौरभ इंसान ने कहा कि दुनिया में पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान साम्राज्यवादी मुल्क अमेरिका पहुंचा रहा है दुनिया में कुल कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में अमेरिका का हिस्सा 21% से भी अधिक है परंतु अमेरिका अपने देश के प्रदूषण को कम करने की जगह भारत जैसे देशों पर दबाव बना रहा है। जबकि भारत 4% से भी कम कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करता है।
उन्होंने कहा कि जी-20 जैसे मंच का इस्तेमाल अमेरिका अपना प्रदूषण कम करने की जगह भारत पर दबाव बनाने के लिए करता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका हमें नसीहत देने की जगह है अपने देश के प्रदूषण को कम करें।
महिला एकता मंच की ललिता रावत ने कहा कि महिलाएं नौले से पानी लाना, जंगल से घास लाना, पशु चराना, सुबह से शाम तक खेतों में काम करने जैसा कठिन जीवन व्यतीत करती है। जंगली जानवर पूरे पहाड़ की खेती किसानी को तबाह कर रहे हैं तथा इंसानों को अपना निवाला बना रहे हैं।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के 200 गांव आज भी ऐसे हैं जिसमें बिजली पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जिस रिजोर्ट में साइंस 20 की बैठक हो रही है उसके बगल में ही सुंदरखाल गांव में बिजली नहीं है। दीवारों पर उसके बारे में भी चित्र बनाए जाने चाहिए थे।
व्यापार भवन में आयोजित दूसरे दिन के कार्यक्रम में निर्मला देशपांडे द्वारा लिखित पुस्तक फैक्ट्री जापानी प्रतिरोध हिंदुस्तान में तथा बल्ली सिंह चीमा का कविता संग्रह जिंदा है तो सड़कों पर आजा पर परिचर्चा की गई। तथा पर्यावरणीय फिल्म केदार का शोक का प्रदर्शन भी किया गया।
वहीं आज, 30 मार्च को दिन में 11 बजे पुरानी तहसील पर स्वास्थ्य, चिकित्सा व शिक्षा को मौलिक अधिकार घोषित किए जाने तथा जी-20 के नाम पर उजाड़े गए लोगों को पुनर्वासित करने तथा इसके लिए 100 करोड रुपए का बजट जारी करने आदि मांगों को लेकर सभा एवं रैली आयोजित की जाएगी।
कार्यक्रम में इसाक हुसैन, उपपा नेता लालमणि, मनमोहन अग्रवाल सहकार रेडियो के पवन सत्यार्थी, सरस्वती जोशी, उषा पटवाल, गार्गी प्रकाशन के गौरव, अमित, मदन मेहता योगेश इंसान ओम प्रकाश समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए
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