आखिर इंटरार्क के 421 मज़दूरों की कार्यबहाली पर बनी सहमति

आखिर इंटरार्क के 421 मज़दूरों की कार्यबहाली पर बनी सहमति

उत्तराखंड के किच्छा में स्थित इंटरार्क बिल्डिंग मैटीरियल्स प्राईवेट लि. के मज़दूरों को बड़ी जीत मिली है। बीते गुरुवार को प्रबंधन और मज़दूरों यूनियन के बीच हुई बैठक में इंटरार्क प्रबंधन ने 421 आंदोलित मज़दूरों को कार्यबहाल करने का वादा किया है।

कलक्ट्रेट स्थित एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में 15 दिसंबर को सुबह 11 से शाम पांच बजे तक इंटरार्क कंपनी प्रबंधन और मज़दूर संगठन नेताओं के बीच जिला प्रशासन की मौजूदगी बैठक हुई। जिसमें प्रबंधन ने मज़दूरों की कार्यबहाली पर सहमति जाहिर की।

ज्ञात हो कि इंटरार्क कंपनी में अवैध गेटबंदी, वेतन वृद्धि आदि मांगों को लेकर 16 अगस्त 2021 (487 दिन) से मज़दूर लगातार आंदोलन कर रहे थे। इस सम्बन्ध में मज़दूरों कई बार विशाल प्रदर्शन, बाल सत्याग्रह और किसान मज़दूरों महापंचायतों का आयोजन भी किया था।

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मज़दूरों को कब किया जायेगा बहाल

मिली जानकारी के मुताबिक, सहायक श्रम आयुक्त प्रशांत कुमार ने बताया कि दोनों पक्षों में सहमति बन गई है।

इंटरार्क मज़दूर संगठन के अध्यक्ष दलजीत सिंह ने बताया कि निलंबित चल रहे मज़दूरों को माफीनामा के आधार पर कंपनी में वापस लिया जाएगा। वहीं 34 कर्मचारियों को तीन माह के लिए आउट ड्यूटी पर दूसरे शहरों में भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि उसके बाद उन्हें कंपनी में प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही बर्खास्त कर्मचारियों को कोर्ट के फैसले के आधार पर नियुक्त किया जायेगा है।

दलजीत ने यह भी बताया कि वेतन वृद्धि के मामले में मज़दूरों के ग्रेड ‘वाइज वृद्धि की जाएगी। जिसे जनवरी से लागू कर दिया जाएगा। और कर्मचारियों को एरियर छह महीने के बाद दिया जाएगा।

इस बैठक के दौरान एडीएम जयभारत सिंह, एसपी सिटी मनोज कत्याल, सिडकुल आरएम मनीष बिष्ट, भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष करम सिंह पड्डा, बलजिंदर सिंह मान, इंटरार्क के एचआर हेड बीबी श्रीधर, प्लांट हेड मनोज रोहेला आदि मौजूद थे।

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लम्बा संघर्ष

गौरतलब है कि बीते शुक्रवार, 18 नवंबर को धरनारत मज़दूरों ने ‘मज़दूर किसान महापंचायत’ का आयोजन किया। इस महापंचायत में सैकड़ों मज़दूरों, महिलाओं और मज़दूरों के बच्चों के साथ साथ करीब दोपहर 12 बजे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के वरिष्ठ नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए थे।

पहले कंपनी प्रबंधन मज़दूरों से बात करने को राजी नहीं था। लेकिन महांपचायत के दिन किसान संगठनों के दबाव के बाद प्रबंधन ने मज़दूरों की समस्याओं पर चर्चा करने के लिए राजी हुई थी।

प्रबंधन ने अगले 15 दिनों का और समय मांगते हुए मज़दूरों को आश्वासन को दिया है कि वह मज़दूर से जुड़े सभी समस्यों का समाधान निकालेंगे।

कंपनी द्वारा शोषण व उत्पीड़न के विरोध में मज़दूरों 16 अगस्त 2021 से आंदोलन कर रहे थे। मज़दूरों के इस आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान यूनियन, श्रमिक संयुक्त मोर्चा का पूर्ण समर्थन था।

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इसी संघर्ष की लड़ाई के बीच मज़दूरों और यूनियन के बीच काफी उतारचढ़ाव आये। इंटरार्क प्रबंधन ने इंटरार्क मज़दूर संगठन के अध्यक्ष दलजीत सिंह को मरने की धमकियां भी दी थी। लेकिन मज़दूरों ने हर नहीं मानी और लड़ाई जारी राखी।

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WU Team

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