उत्तराखंडः सामाजिक कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमला करने वालों की अपील ख़ारिज़, पहुंचे जेल
नैनीताल के रामनगर तहसील में स्टोन क्रशर मालिक के गुर्गों की ओर से आंदोलन के नेताओं पर किए गए जानलेवा हमले के मामले में हमलावरों को कोई राहत नहीं मिली और आख़िरकार उन्हें जेल जाना पड़ा।
नैनीताल जिला सत्र न्यायधीश ने मुनीष कुमार व प्रभात ध्यानी के हमलावरों को निचली कोर्ट से सुनाई की सजा को बरकरार रखा।
मुनीष कुमार उत्तराखंड के जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता हैं और हमले के समय नागरिक अख़बार से जुड़े हुए थे. इस समय वो समाजवादी लोक मंच के संयोजक हैं.
जबकि प्रभात ध्यानी उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के उपाध्यक्ष हैं. दोनों ही सामाजिक कार्यकर्ताओं ने स्थानीय खनन माफ़िया के ख़िलाफ बुक्सा जनजाति बहुल ग्रामीणों का साथ दिया था।
आंदोलन में ग्रामीओं ने स्टोन क्रशर के डंपरों को गांव से हो कर गुजरने पर पाबंदी लगा दी और हफ़्तों तक रास्ता ब्लॉक किए रखा।
31 मार्च, 2015 को कुमार और ध्यानी पर ग्राम थारी में जानलेवा हमला किया गया था। रामनगर में न्यायिक मजिस्ट्रेट सिविल जज ने एक महिला समेत 10 अभियुक्तों को भा.द.स की दफा 147,148,323, 341 व 120 का दोषी करार दिया था।
इनमें प्रीति कौर, करनैल सिंह, जसवीर सिंह, देशराज, शेर सिंह, सुखविंदर सिंह, देवू सिंह, मुन्ना सिंह, व होरी सिंह को 1 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी तथा प्रत्येक को 2500 रु जुर्माना देने का आदेश भी दिया था।
वचन सिंह को 120 बी का मुजरिम करार देते हुए उसे 6 माह की कैद व 500 रु जुर्माना अदा करने का आदेश दिया गया था।
सज़ा के ख़िलाफ़ अपील ख़ारिज़
निचली अदालत के फैसले के खिलाफ सभी अभियुक्तों ने जिला एवं सत्र न्यायालय में अपील की थी।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने निचली अदालत के फैसले का परीक्षण करते हुए आदेश में कोई भी ग़लती ना पाते हुए सभी आरोपियों की सज़ा को बरकरार रखा है तथा सभी को कल जेल भेज दिया।
31 मार्च को 2015 को बुक्सा जनजाति बहुल वीरपुर लच्छी गांव में ढिल्लन स्टोन क्रेसर के मालिक सोहन सिंह, डीपी सिंह व उसके गुर्गों द्वारा रामनगर पुलिस-प्रशासन के सहयोग से ग्रामीणों के अपने खेतों पर बने रास्ते पर गैर कानूनी तरीके से डम्परों को चलाने का प्रयास किया जा रहा था जिसका मुनीष कुमार व प्रभात ध्यानी ने मौके पर जाकर विरोध किया था।
शाम को गांव से रामनगर लौटते समय उक्त अभियुक्तों समेत 14-15 लोगों ने थारी गांव में प्रभात ध्यानी व मुनीष कुमार की मोटर साईकिल रोककर उनपर लाठी डंडों से जानलेवा हमला कर दिया था। तथा मुनीष कुमार का टेबलेट व प्रभात घ्यानी का मोबाईल फोन भी छीन लिया था।
उक्त दोनों को घायल अवस्था में रामनगर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रभात ध्यानी की स्थिति अत्यधिक खराब होने के कारण उन्हें सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी के लिए रेफर कर दिया गया था।
प्रभात ध्यानी व मुनीष कुमार ने न्यायालय के फैसले को संघर्षाें की जीत बताया है तथा सभी सहयोगी संगठनों एवं न्यायालय में दमदार पैरवी करने वाले अभियोजन अधिकारियों का आभार व्यक्त किया है तथा कहा है कि सड़क एवं न्यायालय में संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।
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