उत्तराखंड: G-20 के खिलाफ निकल रही रैली को पुलिस ने रोका
समाजवादी लोक मंच द्वारा जी-20 के खिलाफ जुलूस व प्रदर्शन के दौरान पुलिस से प्रतिरोध करना पड़ा। रामनगर में तहसील चौक से शहीद पार्क जा रहे जुलूस को पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोडवेज स्टेशन से आगे जाने से रोक दिया।
जुलूस में जी-20 धोखा है, जी-20 दुनिया को लूटने के लिए साम्राज्यवादियों द्वारा बनाया गया मंच है, महंगी दवाइयां और महंगा इलाज से जनता को बर्बाद करना बंद करो, पेटेंट कानूनों को रद्द करो, जी-20 के नाम पर उजाड़े गए लोगों को 100 करोड़ रुपए का मुआवजा दो आदि नारे लगाए जा रहे थे।
उल्लेखनीय है कि देश में जी-20 शिखर सम्मेलन के अंतर्गत रामनगर में 28-29-30 मार्च को साइंस 20 की बैठक के समानांतर समाजवादी लोक मंच ने 3 दिन का कार्यक्रम आयोजित किया तथा “जी-20 बैठक, विकास और जनहित का ढकोसला बंद करो” शीर्षक से पर्चा भी जारी किया।
समांतर कार्यक्रम के तीसरे दिन 30 मार्च को समाजवादी लोक मंच ने जी-20 के खिलाफ जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग लगाकर जुलूस को रोके जाने पर मंच ने रोडवेज स्टेशन पर ही धरना शुरू कर दिया।
धरने को संबोधित करते हुए मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने कहा कि जी-20 का गठन अमेरिका जैसे साम्राज्यवादी देशों ने दुनिया को लूटने के लिए किया है, जी-20 के माध्यम से बहुराष्ट्रीय निगम दुनिया के बाजारों व कच्चे मालों के स्रोतों पर कब्जा करना चाहते हैं तथा गरीब देशों पर अपना आधिपत्य कायम करना चाहते हैं।
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‘जनता के पैसे का दुरुपयोग’
उन्होंने बताया कि कोरोना काल वर्ष 2021 में फाइजर तथा दो अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने मिलकर 2.82 लाख करोड़ रूपए का वैक्सीन बेचकर मुनाफा अर्जित किया तथा दुनिया के गरीब देशों को वैक्सीन बनाने की तकनीक देने से इनकार कर दिया। जी-20 के अंतर्गत रामनगर में हुई साइंस 20 की बैठक में मौजूद वैज्ञानिक लुटेरे बहुराष्ट्रीय निगम व पेटेंट कानूनों को लागू करने के पक्षधर हैं यही कारण है कि वह ताज रिजोर्ट में में हुई बैठक में वैज्ञानिकों ने दुनिया की जनता को सस्ता सुलभ व गुणवत्तापूर्ण ईलाज उपलब्ध कराने की योजना पर कोई बात नहीं की।
ललित उप्रेती ने कहा कि जी-20 के नाम पर 100 करोड़ के बजट का खर्च होना जनता के पैसे का दुरुपयोग है। उत्तराखंड की सत्ता पर बैठे हुआ व्यक्ति धाकड़ धामी नहीं बल्कि माफियाओं को सरंक्षण देने वाला धामी है।
उन्होंने कहा कि पिछले 1 सप्ताह से पुलिस प्रशासन ने पूरे समाज को बंधक बनाकर रख लिया है। रुद्रपुर से लेकर दिल्ली तक सैकड़ों लोगों के रोजगार तबाह कर दिए गए हैं। ताज होटल में वैज्ञानिकों की 3 दिन की कॉन्फ्रेंस की घोषणा की गई थी परंतु वैज्ञानिकों ने मात्र 1 दिन ही बैठक की।
उपपा नेता प्रभात ध्यानी ने कहा कि विकास के लिए जी-20 नहीं बल्कि सरकार की इच्छाशक्ति की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में चिकित्सा, शिक्षा, रोजगार की स्थिति बहुत खराब है और भाजपा सरकार इन्हें उपलब्ध कराने की जगह जनता को जी-20 के नाम पर गुमराह कर रही है।
सौरभ इंसान ने कहा कि सभी देशवासियों को निःशुल्क व गुणवत्तापूर्ण इलाज की गारंटी, दोहरी शिक्षा प्रणाली समाप्त कर समान व वैज्ञानिक शिक्षा तथा रोजगार को मौलिक अधिकार का दर्जा दिए जाने व उजाड़े गए लोगों के पुनर्वास के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट जारी करने के लिए संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।
महिला एकता मंच की संयोजक ललिता रावत ने जी-20 की बैठक के समानांतर रामनगर में समाजवादी लोकमंच के तीन दिवसीय कार्यक्रम में शामिल सभी प्रतिनिधियों एवं सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।
धरने व सभा को सहकार रोडियो के पवन, किसान नेता महेश जोशी, प्रेम राम, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिंबाल आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम में एडवोकेट सतपाल बल, शिल्पी योगेश इंसान, कपिल शर्मा मनमोहन अग्रवाल मनिंदर सिंह सेठी, शेखर आर्य किशन शर्मा,कौशल्या चुनियाल, सरस्वती जोशी, तुलसी रावत, दीपा, नीमा, लक्ष्मी समेत बड़ी संख्या में लोगों ने भागीदारी की।
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जी-20 में वैज्ञानिकों की बैठक न होना चिंतनीय
जी-20 के अंतर्गत 28-29-30 मार्च को उत्तराखंड के ढिकुली, रामनगर के ताज रिजोर्ट में जी-20 के अंतर्गत साइंस-20 की गोलमेज बैठक के समानांतर तीन दिवसीय आयोजन के पहले दिन 28 मार्च को पालिका सभागार में समाजवादी लोक मंच द्वारा गोलमेज बैठक का आयोजन किया गया।
साइंस-20 के तहत दुनिया भर से 100 से अधिक वैज्ञानिकों के जुटने तथा स्वास्थ्य, पर्यावरण व विज्ञान को समाज व संस्कृति से जोड़ना आदि मुद्दों पर चर्चा किए जाने की घोषणा की गई थी जिसमें पहला दिन 28 मार्च को वैज्ञानिकों की बैठक ही नहीं आयोजित हो पाई। इस पर समाजवादी लोक मंच द्वारा आयोजित तीन दिवसीय समानांतर बैठक में गंभीर चिंता व्यक्त की गई है।
दूसरे दिन 29 मार्च को मंगल पांडे को श्रद्धांजलि देते हुए शहीद भगत सिंह चौक पर सभा हुई। व्यापार भवन में आयोजित दूसरे दिन के कार्यक्रम में निर्मला देशपांडे द्वारा लिखित पुस्तक फैक्ट्री जापानी प्रतिरोध हिंदुस्तान में तथा बल्ली सिंह चीमा का कविता संग्रह जिंदा है तो सड़कों पर आजा पर परिचर्चा की गई। तथा पर्यावरणीय फिल्म केदार का शोक का प्रदर्शन भी किया गया।
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