उत्तराखंड: हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद जायडस वर्करों को नहीं किया बहाल

उत्तराखंड: हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद जायडस वर्करों को नहीं किया बहाल

उत्तराखंड के सितारगंज स्थित जायडस कंपनी को बंद हुए आज 180 दिन हो चुके हैं। उच्च न्यायालय नैनीताल और सितारगंज शासन के आदेश के बाद भी जायडस कंपनी शुरू नहीं हो सकी। इसकी वजह से मज़दूरों को कार्यबहाली नहीं हो पाई है। इसे लेकर आज 14 दिसंबर को AICCTU से जुड़ी जायडस वैलनेस इम्पलाइज यूनियन के बैनर तले रुद्रपुर में अम्बेडकर पार्क से DM कार्यालय तक रैली का आयोजन किया।

रैली के बाद मज़दूरों ने डीएम को अपनी मांगों का ज्ञापन भी सौंपा। जायडस वैलनेस इम्पलाइज यूनियन की मांग है कि जायडस कंपनी की गैरकानूनी अवैधबंदी को तुरंत निरस्त कर बेरोज़गार हुए मज़दूरों को तत्काल कार्यबहाल किया जाये।

ज्ञात हो कि 17 जून 2022 को जायडस वैलनेस कंपनी ने बिना किसी पूर्व सूचना के फैक्ट्री को बंद कर दिया था। मज़दूरों को इसकी जानकारी फैक्ट्री गेट पर चस्पा नोटिस के माध्यम से मिली थी। इसके बाद 18 जून 2022 से लेकर आज तक कंपनी गेट पर ताला लगा हुआ है।

ये भी पढ़ें-

जायडस वैलनेस इम्पलाइज यूनियन के महामंत्री उमेश गोला का कहना है कि जायडस सितारगंज कारखाने को जल्द से जल्द खोला जाये। इन्ही मांगों के साथ जायस श्रमिकों ने डी.एम. को ज्ञापन सौंपकर त्वरित कार्यवाही करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में श्रम विभाग व राज्य सरकार को भी ज्ञापन सौंपे गए हैं।

वहीं AICCTU प्रदेश महामंत्री के के. बोरा ने 1200 मज़दूरों की कार्यबहाली हेतु ALC प्रशांत कुमार को भी अवगत कराया।

इस गैरकानूनी अवैधबंदी के खिलाफ जायडस में मज़दूरों बीते 180 दिनों से लगातार धरना दे रहे हैं। धरनारत मज़दूरों का कहना है कि नेनीताल उच्च न्यायालय और सितारगंज शासन ने फैक्ट्री कि बंदी को अवैध घोषित कर दिया है। इसके बाद भी जायडस मज़दूरों को कार्यबहाल करने को राज़ी नहीं है।

कॉम्पलेन और ग्लूकोन-डी बनाने वाली जायडस कंपनी में डेढ़ सौ स्थायी सहित करीब 12 सौ ठेका मज़दूर काम करते थे। मज़दूरों का कहना है कि 17 जून को अचानक फैक्ट्री बंद होने के कारण जीवन यापन में काफी दिक्कतों का सामान करना पड़ रहा है।

ये भी पढ़ें-

जायडस वैलनेस इम्पलाइज यूनियन सम्बद्ध AICCTU की पहली मांग है कि कारखाना उपरोक्त की अवैध बंदी ख़त्म करते हुए प्लांट खोला जाए और सभी श्रमिकों की प्लांट में पूर्व की भाँति ड्यूटी शुरू की जाए।

यूनियन की दूसरी मांग है कि कारखाना उपरोक्त में नियोजित 150 स्थाई व अन्य 1200 ठेका मज़दूरों को दिनांक 18.06.2022 से अब तक के वेतन भुगतान किया जाए।

मंगलवार को आयोजित रैली में, भावना पत, भास्कर जोशी, रंजना राणा, दिपक सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, मनवीर, नवीन सिंह, दिपक, प्रभात, अजय रावेन्द्र सेंगर, बच्चन सिंह, संदीप, कुलदीप, अनिल आर्या, चंदन सिंह, दिपक, महेंद्र त्रिलोक, हरिश तिवारी, मो. रिजवान, आदिल, बिशन, उमेश गोला, शंकर टाटा, मनोज गैरिया, दिनेश शाह, मनोज कुमार, प्रदीप कुमार, अमित आदि श्रमिक मौजूद रहे।

वर्कर्स यूनिटी को सपोर्ट करने के लिए सब्स्क्रिप्शन ज़रूर लें- यहां क्लिक करें

(वर्कर्स यूनिटी के फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर सकते हैं। टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। मोबाइल पर सीधे और आसानी से पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें।)

WU Team

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.