आंध्र सरकार का नया पेंशन मॉडल क्या है, जिस पर मोदी सरकार की बांछें खिलीं
ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर एक नया मॉडल आंध्र प्रदेश में वाईएसआर जगन मोहन रेड्डी ने पेश किया है। अब इसको लेकर केंद्र सरकार भी विचार करने लगी है।
जहां पहले केंद्र सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने पर हमलावार थी, वहीं अब केंद्र के अधिकारी भी इस योजना पर विचार करने लगे हैं।
वर्तमान में ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत अभ्यर्थियों को एक निश्चित राशि का भुगतान किया जाता है। नई पेंशन स्कीम में सरकार और कर्मचारी द्वारा निश्चित राशि शेयर बाजार में लगाई जाती है। आंध्र सरकार ने दोनों को मिला कर एक नया मॉडल तैयार किया है।
इंडियन एक्सप्रेस से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इस मॉडल का मूल विचार अच्छा है, लेकिन आंध्र सरकार ने जानबूझकर एनपीएस की वापसी की दर को कम करके आंका है।’
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क्या है जगनमोहन सरकार का मॉडल
जगनमोहन रेड्डी सरकार ने इस नए मॉडल को ‘गारंटीड पेंशन स्कीम’ या जीपीएस कहा है। इस योजना के तहत कर्मचारी को अपने अंतिम आहरित वेतन का एक तिहाई (33 फीसदी) हिस्सा मिलेगा। अगर वो गारंटी के रूप में अपनी बेसिक सैलरी का 10 फीसदी हिस्सा PF अकाउंट में जमा करते हैं। इसी तरह सरकार भी कर्मचारी के अकाउंट में 10 फीसदी जमा करेगी।
वहीं अगर कर्मचारी अपनी अंतिम आहरित वेतन के 40 प्रतिशत की गारंटी पेंशन प्राप्त करना चाहते हैं, तो कर्मचारियों को हर महीने अपने वेतन का 14 फीसदी हिस्सा अपने PF अकाउंट में जमा करना होगा, इसी तरह सरकार 14 फीसदी ही जमा करेगी।
जगनमोहन रेड्डी सरकार के नए मॉडल पर राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय निर्मला सीतारमण पर लगातार बढ़ते ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने के दबाव को अब एक रास्ता मिल गया है।
हालांकि, अभी तक इस नए मॉडल को लेकर सरकार से कोई मंजूरी नहीं मांगी गई है, क्योंकि कर्मचारियों के अकाउंट में पैसा राज्य सरकार की ओर से दिया जाएगा है। लेकिन केंद्र अधिकारियों को यह मॉडल काफी दिलचस्प लग रहा है।
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गौरतलब है कि देशभर की यूनियनें लगातार ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग कर रही हैं। वहीं कई राज्यों ने इसको लागू कर दिया है। जबकि केंद्र सरकार इस पर लगातार हमलावर है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यहां तक बोल दिया था कि ओल्ड पेंशन स्कीम देश को तबाह कर देगी। लेकिन जैसे-जैसे सरकार पर यह दबाव बढ़ रहा है। अब ओल्ड पेंशन स्कीम से मोदी सरकार का बचना नामुमकिन सा लग रहा है।
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