मोनू मानेसर कौन है, दरिंदा या गौरक्षक?
By शशिकला सिंह
हरियाणा में कथित गौ तस्करी के नाम पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को निशाना बनाने वाले मोनू मानेसर को दो राज्यों की पुलिस तलाश रही है।
मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर के ऊपर आरोप है कि बीते 16 फरवरी को हरियाणा के भिवानी क्षेत्र में जुनैद और नासिर को ज़िंदा जलाकर हत्या करने का वह मास्टरमाइंड है।
जुनैद और नासिर राजस्थान के भरतपुर में गोपालगढ़ गांव के निवासी हैं। उनके परिजनों का आरोप है कि मोनू मानेसर सहित बजरंग दल के गिरोह ने ठंडे दिमाग से दोनों का क़त्ल कर दिया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट अनुसार, पुलिस जिन 5 आरोपियों को तलाश कर रही थी, उनमें से रिंकू सैनी, लोकेश सिनला और श्रीकांत हरियाणा के नूहं जिले के नगीना पुलिस स्टेशन के चार मामलों के सम्बन्ध में पुलिस इनफॉर्मर हैं जिनका नाम थाने में दर्ज है। पांचों आरोपी गौरक्षक हैं।
वहीं बीते सोमवार को राजस्थान पुलिस ने जुनैद और नासिर की हत्या के मामले में 8 अन्य आरोपियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
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मोनू मानेसर की कार्यशैली
नाम न बताने की शर्त पर एक विश्वसनीय संस्थान के पत्रकार ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि मोनू मानेसर अपने पास बिना नंबर प्लेट की गाड़ियां रखता है। इसके अलावा उसके पास कई अवैद्य हथियार भी हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि मोनू मानेसर गौरक्षा के नाम पर सड़कों पर लोगों का पीछा करता है और गाड़ियों में अवैध हथियार भी रखता है।
इस पत्रकार को मोनू मानेसर ने एक बार गोरक्षकों की लाईव कार्रवाई दिखाने के लिए आमंत्रित भी किया था।
मोनू मानेसर हरियाणा सरकार की गौरक्षक टास्क फ़ोर्स का फ्रंट चेहरा है।
कई अन्य पत्रकारों का मानना है कि मोनू मानेसर फरार नहीं है बल्कि अपने ही इलाक़े में छिपा हुआ है। अक्सर वो छिपने के लिए मंदिरों का इस्तेमाल करता है।
पहले भी लगे हैं हत्या के आरोप
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब मोनू मानेसर पर गौरक्षा के नाम पर मुसलमानों की हत्या का आरोप लगाया गया है।
बीते 28 जनवरी को हरियाणा के नूंह में मुस्लिम समुदय के वारिस खान (22) नामक युवक की हत्या में भी मोनू मानेसर का नाम आया था।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, वारिस के परिवार की शिकायत में मोनू मानेसर का नाम लिया गया और कहा गया कि उसी की अगुवाई में गौरक्षकों ने पीट पीट कर मार डाला। उन्होंने पहले वारिस का पीछा किया था।
मोनू मानेसर ने इन आरोपों से इनकार किया था और कहा, “यह एक दुर्घटना थी। आरोपी द्वारा गाय की तस्करी करने की सूचना मिलने पर हम मौके पर पहुंचे। हमने आरोपियों का एक वीडियो रिकॉर्ड किया और फिर उन्हें पुलिस को सौंप दिया।”
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मोनू मानेसर की प्रोफ़ाइल
अपने कई सोशल मीडिया अकाउंट्स पर खुद को एक “गौरक्षक” और सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाला मोनू मानेसर 2011 में जिला समन्वयक के रूप में बजरंग दल में शामिल हुआ था।
बीते 4 अगस्त, 2022 को अपने फेसबुक पेज पर अपलोड किए गए एक मोंटाज में मोनू ने लिखा है, “जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं।”
इसके अलावा मोनू मानेसर ने हर वीडियो के साथ डाले गए टेक्स्ट में भयंकर मुठभेड़ शब्द का इस्तेमाल किया है। उसने कई जगह लिखा है कि गौ तस्करों के साथ भयंकर मुठभेड़ के बाद गायों को मुक्त करवाया गया है।
वीडियो जारी कर दी सफाई
मोनू मानेसर ने एक वीडियो जारी कर अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को नकारा है। उसका कहना है कि “बजरंग दल की कोई टीम उस स्थान पर नहीं थी जहां घटना हुई।”
उसका कहना है कि यह घटना, जैसा कि हमने सोशल मीडिया पर देखा है, दुर्भाग्यपूर्ण है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए।
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हरियाणा में बढ़ीं नफ़रती घटनाएं
बहरहाल, मुस्लिम विरोधी मामलों को लेकर हरियाणा का मानेसर और गुड़गांव जिला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है।
जुलाई में मानेसर के एक मंदिर में आयोजित की गई हिंदू समाज की पंचायत में मुस्लिम दुकानदारों और विक्रेताओं के ‘आर्थिक बहिष्कार’ का ऐलान किया गया था।
दरअसल, उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की हत्या के बाद के विरोध में मानेसर में हिंदू पंचायत में ये फैसला लिया गया।
गुड़गांव में मुसलमानों के नमाज़ पढ़ने को लेकर बजरंग दल लगातार हंगामा खड़ा करता रहा है। एक घटना दिसंबर 2022 कि है, जब सेक्टर 69 में खाली पड़े मैदान में मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ने के लिए पहुंचे थे। लेकिन अचानक बजरंगदल के दर्जनों कार्यकर्ता सेक्टर 69 के हुड्डा ग्राउंड में पहुंचे और नमाज पढ़ रहे लोगों के साथ मारपीट की।
अक्टूबर 2022 में गुड़गांव के सेक्टर-37 में नमाज पढ़ने का विरोध करने पर पुलिस ने छह लोगों को हिरासत में लिया था।
गंभीरता को समझते हुए दोनों पक्षों की सहमति से नमाज पढ़ने के लिए स्थान भी तय कर दिए थे।
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