“कहते हैं भाग जाओ वरना मार दिए जाओगे,जाने के लिए पैसे भी नहीं हैं “- गुरुग्राम हिंसा में फंसे मज़दूर
हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को हुए सांप्रदायिक हिंसा की आग देश के अलग-अलग हिस्सों तक पहुँच गई है. हिंसा के बाद से उत्तर प्रदेश ,राजस्थान, बिहार समेत कई राज्यों में अलर्ट जारी कर दिए गए है. कई दक्षिणपंथी संगठन इन राज्यों के विभिन्न जिलों में भड़काऊ भाषणों के साथ जुलुस निकाले रहे हैं.
वही हरियाणा के नूंह से निकली ये आग जल्द ही गुरुग्राम के कई हिस्सों सहित वज़ीराबाद, घाटा गांव और बादशाहपुर तक पहुँच चुकी है.
नूंह, पलवल, मानेसर, सोहना और पटौदी में इंटरनेट बंद कर दिए गए हैं.
नूंह में हिंसक दंगे के बाद सोमवार से अब तक कम से कम छह लोगों की मौत हो चुकी है. हिंसा विहिप और बजरंग दल द्वारा निकाले गए एक धार्मिक जुलूस के दौरान भड़की थी.
Muslim-owned shops torched in #Gurgaon by VHP 'activists'. Over 500 slum-dwelling families asked to vacate by 4 am Wednesday, else should be ready to bear consequences. #NuhVoilence #Haryanaviolence pic.twitter.com/Ckwckyi8eU
— Ankita Anand (@ankita_das_) August 1, 2023
मज़दूरों को लगातार मिल रही धमकी
हरियाणा हिंसा के बाद से ही गुरुग्राम के प्रवासी मज़दूर डर के साये में जीने को मज़बूर हैं. उन्हें लगातार गुरुग्राम छोड़ कर चले जाने की धमकियाँ मिल रही है.
गुरुग्राम में एक प्रवासी मज़दूर ने मिडिया से बात करते हुए बताया की वो जिस इलाके में रहते हैं वहां हिंसा से पहले पश्चिम बंगाल के लगभग 100 से अधिक मुस्लिम परिवार रहते थे लेकिन अब केवल 15 परिवार बचे हैं. उन्होंने बताया की वो काफी डरे हुए है और पैसे की तंगी की वजह से लौट भी नहीं सकते हैं.
25 वर्षीय शमीम हुसैन के अनुसार, बुधवार की शाम कुछ अज्ञात लोग उनके इलाके में आए और सभी मुसलमानों को वहां से चले जाने के लिए कहा.
उन्होंने कहा “कल शाम कुछ लोग आए और सभी मुसलमानों को वहां से चले जाने को कहा. हमारे पास वापस जाने के लिए पैसे नहीं हैं. आस-पास के दुकानदारों का कर्ज भी है हम पर. मुझे अपनी जान का डर नहीं है मगर मेरा एक साल का बच्चा है और मै उसकी हिफाज़त को लेकर फिक्रमंद हूँ. मैं सरकार, जिला प्रशासन और स्थानीय निवासियों से गुजारिश करता हूँ की वो हमारी रक्षा करें”.
Yes, have pretty much idea
People like @AmanChopra_, who spew hate all the timePeople like Faridabad based cow vigilante Bittu Bajrangi instigating violence and challenging Police
Murderer of Junaid and Nasir,Monu Manesar circulating provocative videos, challenging muslim… pic.twitter.com/JleYxUiGxZ
— Harmeet Kaur K (@iamharmeetK) August 2, 2023
मुसलमानों से घर खाली करा लो!
नाम छिपाने की शर्त पर इलाके के ही एक व्यक्ति ने बताया की मंगलवार को करीब 50 – 60 लोग उनके मकान के बाहर आकर हंगामा कर रहे थे और उनसे कहा की मकान में किराये पर रहने वाले सभी मुस्लमान परिवारों से घर खली करवा लें वरना अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें.
यह इलाका गुरुग्राम के पॉश इलाकों से बिलकुल सटा हुआ है और यहाँ रहने वाले ज्यादातर परिवार दिहाड़ी का काम करते है.
Hi Folks
Let's meet 'Mohit Yadav' also known as 'Monu Manesar'.
He's a member of far right radical organisation @BajrangDalOrg
He's absconding in an alleged case of killing 2 innocent muslim youths of Rajasthan by burning them alive in the name of cow protection.#Rajasthan pic.twitter.com/AlcGT60ghd
— Gandhi_Talks™ (@_GandhiTalks) August 2, 2023
नाम पूछ कर पीटा जा रहा मज़दूरों को
इन पॉश इमारतों में हाउसकीपिंग ऑपरेशन की निगरानी का काम करने वाले एक शख्स ने बताया की काम पर आने वाले लोगों की संख्या कम हो गई है. उसने बताया की सोमवार शाम हमारे साथ काम करने वाला एक मज़दूर जब काम से वापस घर लौट रहा था तब रास्ते में कुछ लोगों ने उसका नाम पूछ उसकी बुरी तरह पिटाई कर दी. हमने उसे अस्पताल पहुँचाया,इलाज के बाद आज सुबह वो बंगाल अपने घर के लिए रवाना हो गया.
कई प्रवासी मज़दूरों ने बताया की वो बुरी तरह से डरे हुए हैं. उन्हें डर लगता है की कही वो सड़क पर निकले और भीड़ उन्हें भी घेर कर न मारने लगे.
रोज कमाने- खाने वाले इन परिवारों के पास इतने पैसे भी नहीं है की वो वापस अपने घर लौट सके.
शमीम हुसैन कहते है की वह रोजगार की तलाश में एक सप्ताह पहले ही बंगाल से गुरुग्राम आये थे और दो दिन पहले ही उन्हें एक फूड डिलीवरी एजेंट के रूप में नौकरी मिली थी.
अपनी सहमी आवाज़ में शमीम बताते है “मेरे एक साल के लड़के का नाम अलीशान है. मुझे डर है कि दंगाई आएंगे और मुझे और मेरी पत्नी को पीटेंगे , मेरा बेटा यह देखकर रोएगा. मेरी पत्नी भी डरी हुई है और पिछली दो रात से सो नहीं पाई है. हम वापस नहीं जा सकते क्योंकि हमारे पास गांव में भी ऐसा कुछ नहीं की हम गुजारा कर सके”.
यूनियनें कहां हैं?
पता चला है कि अलग अलग कंपनियों की यूनियनें अपने अल्पसंख्यक वर्कर सदस्यों को बचाने की कोशिश कर रही हैं. मारुति में काम करने वाले मज़दूर सुरक्षित हैं,
उसी इलाके में रहने वाले एक मज़दूर ने बताया की ” सवाल हिन्दू-मुसलमान का नहीं है. हम गरीबों को ही ऐसी हिंसा की कीमत चुकानी पड़ रही है. हम बेहद परेशान है. दिहाड़ी कर जीवन काट रहे हैं, ऐसे माहौल में हम काम के लिए कहाँ जाएँ.अगर ऐसा चलता रहा तो हम भूखे मर जायेंगे”.
गुरुग्राम के सेक्टर 70 A में एक झुग्गी में रहने वाले रहमत अली जो ऑटो चलते हैं ने कहा की मंगलवार की रात कुछ लोग मोटरसाइकिल से आये और हमे धमकी दी की अगर हम वहां से नहीं गए तो हमारी झुग्गी में आग लगा देंगे.
इससे पहले गुरुग्राम के जिला आयुक्त ने कहा था कि स्थिति अब शांतिपूर्ण है .जल्द ही शहर में पूरी तरह से सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी.
जिला आयुक्त से जब प्रवासी मज़दूरों को मिल रही धमकियों के बाबत प्रश्न किया गया तो उन्होंने बताया कि ”हमें प्रवासी श्रमिकों को उनके परिसर खाली करने के लिए कहे जाने की कुछ खबर मिली है. हमने जिला और पुलिस अधिकारियों को मौके पर भेजा है और विश्वास बहाली के उपाय कर रहे हैं. मैं उन्हें सुरक्षा का आश्वासन देना चाहूंगा”.
गुरुग्राम के उपायुक्त निशांत यादव ने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों और दोनों समुदायों के धार्मिक स्थलों मस्जिदों के साथ-साथ मंदिरों के आसपास रात भर पुलिस की तैनाती की जा रही.
गौरतलब है की हरियाणा और मानेसर की पहचान एक समय में जुझारू मज़दूर आन्दोलनों, मारुती और हौंडा जैसी बड़ी मज़दूर आन्दोलनों की वजह से होती थी.
आज उन जगहों की पहचान मोनू मानेसर जैसे लोगों को बनाया जा रहा है, ये कहीं न कहीं मज़दूर आन्दोलनों में आये बदलाव को भी दिखाता है.
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