वन गुर्जरों के घरों के बाहर खाई खोदे जाने से आक्रोश, वन विभाग कार्यालय पर प्रदर्शन की चेतावनी
उत्तराखंड में वन विभाग द्वारा वन गुर्जरों को गैर कानूनी नोटिस दिए जाने तथा उनके घरों के बाहर खाई खोदे जाने से आक्रोशित वन गुर्जरों एवं सामाजिक राजनीतिक संगठनों की बैठक बैलपड़ाव, रामनगर में आयोजित हुई।
बैठक में सर्वसम्मति से 22 मई सोमू को तराई पश्चिमी वन प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया।
विभिन्न गोट एवं खत्तों से पहुंचे वन गुर्जरों ने कहा कि हम लोग पीढ़ियों से वनों में रहकर, पशुपालन कर अपना जीवन निर्वाह कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी वनाश्रित समाज के दावों पर सुनवाई लंबित होने तक उन्हें जंगलों से हटाए जाने पर रोक लगाई हुई है, इसके बावजूद वन विभाग के अधिकारी गैरकानूनी तरीके से उनका उत्पीड़न कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि वन अधिकारी मनमाने तरीक़े से उन्हें नोटिस थमा कर उनके घरों के चारों ओर खाई खोद दे रहे हैं, उनके आशियाने तोड़े जा रहे हैं जिससे वन गुर्जरों में भय का माहौल है।
वन भूमि को पूंजीपतियों को सौंपने की आशंका जताई
बैठक में वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के तरुण जोशी ने कहा कि वन विभाग की कार्रवाई माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा वर्ष 2019 में दिए गए स्थगन आदेश का उल्लंघन है जिसको लेकर वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय अवमानना की कार्यवाही की जाएगी।
समाजवादी लोक मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने कहा कि लैंड जिहाद का मिथ भाजपा सरकार ने वन आश्रित समाज को वनों बाहर निकालने के लिए गढ़ा है।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष केंद्र की मोदी सरकार वन संरक्षण नियम 2022 लेकर आई है जिसमें सरकार किसी भी वन क्षेत्र को 60 से 90 दिनों की सीमा के भीतर पूंजीपतियों को सौंप सकती है।
मुनीष कुमार ने आशंका जताई कि गरीबों एवं आम आदमी को उजाड़ कर खाली कराई गई वन भूमि पूजीपतियों को सौंप दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार जनता को हिंदू-मुस्लिम के नाम पर लड़ा कर पूंजीपतियों का हित साध रही है। भाजपा सरकार की इस तानाशाही पूर्ण नीति के खिलाफ सभी धर्मों के लोगों को एकजुट होकर संघर्ष करने की जरूरत है।
बैठक में मोहम्मद शफी,हाजी कासिम तराई पश्चिमी अध्यक्ष,इरशाद गूजर, यामीन गूजर, ममताज गूजर, मोहम्मद अली,बूटा गूजर, आलमगीर, शराफत गूजर, बशीर गूजर, नवाब गूजर, शकूर गूजर, हाजी फिरोज , पप्पू गूजर, राजू गूजर,मौला बख्श, गुलाम रसूल, वजीर गूजर नूर गूजर, मुस्तफा गूजर, अली हुसैन, अमीर हमजा बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
ये भी पढ़ेंः-
- भारत में सुपर अमीरों की संख्या बढ़ी, 1.44 करोड़ रुपये वाले भी 1% अमीरों के क्लब में
- मानेसर प्रोटेरिअल वर्कर कंपनी में धरने पर बैठे, गेट के बाहर दो शिफ़्ट के वर्कर
- नागपुर: मोराराजी टेक्सटाइल्स के वर्कर पानी की टंकी पर चढ़े, चार महीने से बकाया है सैलरी
- बेलसोनिका: ठेका मज़दूर को यूनियन सदस्य बनाने का मामला इतना तूल क्यों पकड़ा?
वर्कर्स यूनिटी को सपोर्ट करने के लिए सब्स्क्रिप्शन ज़रूर लें- यहां क्लिक करें