छत्तीसगढ़ में 5 लाख कर्मचारी हड़ताल पर, छह दिन से हड़ताल पर गए स्वास्थ्यकर्मी काम पर लौटे
छत्तीसगढ़ में पांच लाख कर्मचारी सात जुलाई को हड़ताल पर चले गए और अब राज्य सरकार ने उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की बात कही है।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी सयुंक्त मोर्चा संघ की हड़ताल के तहत कलेक्टर, ब्लॉक, तहसील कार्यालय में ताला लगा हुआ है।
डीए सहित 5 मांगों पर हड़ताल पर गये प्रदेश के 5 लाख कर्मचारियों की ब्रेक इन सर्विस हो सकती है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों के प्रमुख, कमिश्नर और कलेक्टर्स को इस बारे में आदेश जारी कर दिया है।
जीएडी की अवर सचिव अंशिका ऋषि पांडेय के निर्देश के अनुसार, 7 जुलाई को हड़ताल पर गये कर्मचारी संगठनों के खिलाफ जीएडी के 10 अप्रैल 2006 के निर्देश के अनुरूप कार्रवाई होगी।
इसके साथ 10 अप्रैल 2006 को जारी निर्देश की कॉपी को भी अटैच किया है, जिसमें ये कहा गया है कि बिना स्वीकृत हुए छुट्टी पर जाना नियम विरुद्ध है, ऐसे बिना इजाजत छुट्टी पर गये कर्मचारी की छुट्टी स्वीकृत ना की जाये, यानि उन्हें ब्रेक इन सर्विस माना जाये।
मांगें-
1. छठवें वेतनमान के आधार पर मिलने वाले गृह भत्ते को सातवें वेतनमान के आधार पर केंद्रीय दर पर दिया जाए।
2. राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के दिए गए तिथि के अनुसार महंगाई भत्ता दिया जाए।
3. छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों की विभिन्न मांगों पर गठित पींगुआ समिति की रिपोर्ट और वेतन विसंगति दूर करने के लिए गठित अन्य समितियों की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।
4. कांग्रेस के जन घोषणा पत्र के अनुसार कर्मचारियों का वेतन वृद्धि 8,16,24 और 30 साल की सेवा में चार स्तरीय किया जाए। साथ ही अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
5. ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ दिलाने के लिए पहली नियुक्ति तिथि से कुल सेवा को जोड़ा जाए।
स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल वापस
इस बीच रायपुर समेत प्रदेशभर में पिछले छह दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे थे 60 हजार से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपने धरना वापस ले लिया है।
नई दुनिया अखबार के अनुसार, स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि वेतन विसंगति, नियमितीकरण समेत 24 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन चल रहा था।
डिप्टी सीएम सिंहदेव से चर्चा के दौरान मिले आश्वासन के बाद संगठन ने हड़ताल को खत्म करने की घोषणा की है। हड़ताल पर गए स्वास्थ्य कर्मी तत्काल प्रभाव से ही डयूटी पर लौट जाएंगे।
प्रदेशभर के स्वास्थ्य कर्मचारी 4 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे।
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