छत्तीसगढ़ः अल्ट्राटेक सीमेंट में भीषण हादसा, तीन ठेका मज़दूरों की दर्दनाक मौत, कई घायल, प्लांट में हड़ताल
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार ज़िले में अल्ट्राटेक के हिरमी सीमेंट प्लांट में मंगलवार को एक भीषण औद्योगिक हादसे में तीन मज़दूरों की मौत हो गई।
ये घटना ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से हुई जिसमें दो अन्य मजदूरों को गंभीर चोटें आई हैं और फिलहाल उनका इलाज चल रहा है।
इस घटना के बाद प्लांट में काम करने वाले मज़दूरों ने काम बंद कर दिया और धरने पर बैठ गए।
वर्कर कांट्रैक्ट वर्करों के संबंध में उचित सुरक्षा मानकों की लापरवाही का आरोप लगाते हुए हड़ताल पर चले गए। वे मृतकों के परिजनों के लिए उचित मुआवजे की मांग कर रहे थे।
प्लांट में चार ट्रेड यूनियनें हैं जिन्होंने मैनेजमेंट पर दबाव बनाया कि ठेका मज़दूरों के मामले में ठेकेदार की जवाबदेही तय की जाए।
ये ठेका वर्कर ठेकेदार मेसर्स जय माता दी कंस्ट्रक्शन के कर्मचारी थे और हड़ताल के बाद यूनियन और ठेकेदार के बीच समझौता हुआ जिसके तहत मृतकों के परिजनों को 30 लाख रुपये चेक से और पांच लाख रुपये तत्काल दिए जाएंगे। परिवार के एक सदस्य को योग्यता अनुसार काम दिया जाएगा।
पूरी घटना का ब्योरा
सीमेंट प्लांट छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित है।
फ्री प्रेस जर्नल ने लिखा है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने एक बार फिर राज्य में औद्योगिक सुरक्षा के मुद्दे को सामने ला दिया है।
स्थानीय मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक, विस्फोट दोपहर करीब तीन बजे हुआ, जिससे तीन मजदूरों की तत्काल मौत हो गई. घायल व्यक्तियों को तुरंत चिकित्सा देखभाल के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस भयावह औद्योगिक दुर्घटना के पीड़ितों की पहचान लखेश कुमार गायकवाड़ (21), शत्रुहन लाल वर्मा (27) और उमेश कुमार वर्मा (26) के रूप में की गई है, ये सभी छत्तीसगढ़ के ठेका मज़दूर थे।
पत्रकारों से बलौदाबाजार के पुलिस अधीक्षक दीपक झा ने मौतों की पुष्टि की।
स्थानीय मीडिया में इस बीच ख़बर आई है कि अल्ट्राटेक प्लांट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है कि विस्फोट सिलेंडर रिसाव का परिणाम था।
जिला प्रशासन ने कहा है कि औद्योगिक सुरक्षा पर जांच रिपोर्ट आने के बाद ही विस्फोट के कारणों को स्पष्ट किया जा सकेगा।
सिलेंडर ब्लास्ट और प्लांट में सुरक्षा के मामले को लेकर अल्ट्राटेक प्रबंधन की ओर से आधिकारिक बयान अभी आना बाकी है।
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