ठेकेदार ने राशन के लिए नहीं दिया पैसा तो मजदूर ने लगा ली फांसी, आर्थिक तंगी से जूझ रहा था परिवार
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के जामुल थाना क्षेत्र में एक मजदूर ने आर्थिक तंगी के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। ये घटना 16 जुलाई की है।
स्थानीय मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार, घर वालों ने बताया कि एक दिन पहले राशन लाने के लिए उसने अपने ठेकेदार से एडवांस रकम मांगी थी। लेकिन उसने मना कर दिया था। अगली सुबह उसकी लाश घर की परछी में लटकी हुई मिली।
घर वालों ने बताया कि वो लोग आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं।
सूचना पर मौके में पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
पुलिस के अनुसार, शिवांस होटल के पीछे नाकापारा निवासी उत्तम साहू 43 वर्ष ने 15 जुलाई की रात अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
एक स्थानीय पोर्टल के अनुसार, उत्तम की पत्नी गणेशिया बाई ने बताया कि उत्तम हथखोज इंडस्ट्रियल एरिया में मयूरा कंपनी में काम करता था। वो लेबर ठेकेदार विनीत के अंडर में काम करता था। लेकिन ठेकेदार जितना भुगतान करता था उससे घर चलाना मुश्किल हो रहा था।
उसने किसी तरह अपनी बड़ी बेटी ज्योति की शादी कर दी थी।
घर में बेटा जितेंद्र 23 वर्ष, उत्तम और उसकी पत्नी रहते थे। पिछले कुछ दिन से घर में राशन खत्म था। इसे लेकर उत्तम काफी परेशान चल रहा था।
गणेशिया के मुताबिक, उसने शुक्रवार को लेबर ठेकेदार विनीत को फोन करके 5,000 रुपए एडवांस मांगा था। ठेकेदार ने रुपए देने से मना कर दिया। इसके बाद से वो काफी परेशान थे।
शुक्रवार रात सभी लोग खाना खाकर कमरे में सोने चले गए। इसके बाद उत्तम ने फांसी लगा ली।
गौरतलब है कि यहां कांग्रेस की सरकार है और इसके मुख्यमंत्री हैं भूपेश बघेल जो राज्य में करोड़ो रुपये इसबात पर खर्च कर रहे हैं कि हिंदुओं के भगवान राम किस रास्ते गए थे।
राज्य में कुछ ही महीनों में चुनाव होने वाला है और यूनियनें पूछ रही हैं कि भूपेश बघेल की सरकार ने मज़दूरों के लिए इन पांच सालों में क्या किया?
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