न्यूज क्लिक पर छापे, इससे जुड़े पत्रकारों की गिरफ़्तारी की ट्रेड यूनियन संगठन सीटू ने की निंदा, जंतर मंतर पर प्रदर्शन
न्यूज़ क्लिक के संपादक और इससे जुड़े पत्रकारों पर छापेमारी, लैपटॉप, फ़ोन और अन्य डिजिटल उपकरणों के ज़ब्त करने और गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ ट्रेड यूनियन और दर्जनों पत्रकार संगठनों ने कड़ी निंदा की है।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा न्यूज़ क्लिक के एडिटर इन चीफ़ और प्रबंधक की गिरफ्तारी और अन्य पत्रकारों को प्रताड़ित किए जाने पर सीटू दिल्ली राज्य कमेटी ने कहा है कि सरकार की ओर से झूठा और बनावटी आरोप लगाए गए हैं। यूनियन ने इनकी तत्काल रिहाई की मांग की है और कहा है कि यह मजदूरों-किसानों की पैरोकार व जनवाद पसंद पत्रकारिता को दबाने का प्रयास है।
सीटू और इससे जुड़े संगठनों ने बुधवार को जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया। अपने बयान में यूनियन ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से देखा जा रहा है कि मोदी सरकार गोदी मीडिया को छोड़कर सभी निष्पक्ष पत्रकारों को प्रताड़ित करने में लगी हुई है, इससे पूर्व भी मणिपुर में पत्रकारों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए थे।
कई दैनिक अखबार हैं जिनको धमकाया जा रहा है। यह सब मोदी सरकार द्वारा 2024 चुनाव से पूर्व अपने विरोधियों को सबक सिखाने की कार्यवाही है।
सीटू ने बयान में कहा कि यह लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पत्रकारिता पर हमला है। जांच एजेंसियों का बेशर्म दुरुपयोग है। मोदी सरकार ना संविधान को मानती है न नैतिकता को। यह लोकतंत्र व संविधान पर खुला हमला है। देश की लोकतंत्र, संविधान व नैतिक मूल्यों को मानने वाली जनता इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।
बयान के अनुसार, अन्य लोकतंत्र पसंद, निष्पक्ष वस्तुनिष्ठ पत्रकारिता के पक्षधर लोगों की व्यापकतम एकता बनाकर इन काले मंसूबों को बेनकाब करने की ज़रूरत है। हम निष्पक्ष वस्तुनिष्ठ पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों के साथ खड़े हैं।
बयान में कहा गया है कि मोदी सरकार की जनविरोधी मजदूर विरोधी, संविधान विरोधी, महिला, छात्र व नौजवान विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष जारी रखा जाएगा।
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