यूपीः मऊ के स्वतंत्र पत्रकार के घर पुलिस की दबिश, फ़ोन ज़ब्त, ज़मानत पर रिहा, वेबसाइट डिलीट करने का आरोप

यूपीः मऊ के स्वतंत्र पत्रकार के घर पुलिस की दबिश, फ़ोन ज़ब्त, ज़मानत पर रिहा, वेबसाइट डिलीट करने का आरोप

बीते एक अक्टूबर को मऊ के स्थानीय स्वतंत्र पत्रकार बृजेश यादव के घर यूपी पुलिस ने दबिश देकर उनका फ़ोन ज़ब्त कर लिया और उनपर मुकदमा कायम कर जेल भेज दिया। हालांकि तीन अक्टूबर को ज़मानत पर वो रिहा हो गए हैं लेकिन उनका आरोप है कि पुलिस उन्हें तरह तरह से परेशान कर रही है।

बृजेश यादव पिछले डेढ़ दशक से मऊ में विभिन्न राष्ट्रीय अख़बारों के लिए काम करते रहे हैं और पिछले कुछ सालों से खुद का एक पोर्टल बुलंद आवाज़ चला रहे हैं।

उनका कहना है कि एक अक्टूबर की रात को पुलिस ने उनके घर दबिश दी और बिना वारंट के घर में घुसकर परिजनों को धमकाया।

बृजेश यादव का कहना है कि बीते मंगलवार को जिस तरह न्यूज़ क्लिक और उससे जुड़े 40 से  अधिक पत्रकारों के यहां छापेमारी कर उनके फ़ोन और लैपटॉप ज़ब्त किए गए और उन्हें सर्च, पूछताछ और हिरासत में लिए जाने का कारण नहीं बताया गया, उसी तरह उनके साथ भी पुलिस ने बर्ताव किया।

श्री यादव ने आरोप लगाया कि “पुलिस लगातार अनायास ही हर रोज मेरे घर दबिश दे रही है और परिवार के सदस्यों को टार्चर करते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाने की खुलेआम धमकी दे रही है।”

उन्होंने कहा कि वो मऊ ज़िले में खुरहट बाज़ार में एक स्कूल चलाते हैं जिसमें उनकी पत्नी प्रिंसिपल हैं। शाम को तलाशी के दौरान पत्नी के पर्स से 2300 रुपये निकाल लिए गए।

बृजेश यादव ने कहा कि “उनका मोबाइल अभी भी पुलिस के कब्जे में है। उनकी सोशल साइट व फेसबुक भी पुलिस ने हैक करा लिया है। प्रार्थी के पोर्टल व फेसबुक को हैककर सारा डेटा बगैर पूछे ही डिलीट कर दिया गया है।”

उन्होंने अपने ऊपर हुई घटना के बारे में,  मानवाधिकार आयोग को एक पत्र भेजा है और इंसाफ़ की गुहार लगाई है।

मानवाधिकार आयोग को भेजा गया पत्र:-

विषय : द्वेष की भावना से ओत-प्रोत होकर साजिशन पुलिस द्वारा पत्रकार को जेल भेजकर मानसिक, सामाजिक हानि पहुंचाए जाने व आए दिन घर पर दबिश देकर फर्जी मुदकमा में फंसाए जाने की धमकी दिए जाने के संबंध में.

निवेदन के साथ अवगत कराना है कि प्रार्थी बृजेश यादव पुत्र श्री बालकिशुन यादव ग्राम व, पोस्ट खुरहट, थाना रानीपुर, जनपद मऊ उ0प्र0 का निवासी है। प्रार्थी बीते 2005 से देश के लोकप्रिय हिन्दी दैनिक समाचार पत्र दैनिक जागरण, अमर उजाला, हिन्दुस्तान आदि के बैनर तले मऊ, आजमगढ़, वाराणसी मुख्यालय व गाजीपुर जनपद में सम्बद्ध रहते हुए निरन्तर सक्रिय पत्रकारिता किया और जनकांक्षाओं की आवाज को मुखर रखा। लगातार घर से बाहर रहने के कारण प्रार्थी को 2016 में स्वास्थ्य विकार का सामना करना पड़ा, 11 वर्षों की सक्रिय पत्रकारिता पेशे से जुड़ाव होने के चलते “बुलंद आवाज डाट काम’ नामक पोर्टल लांच कर पुनः 2016 से अपने गृह जनपद से पत्रकारिता में सक्रिय हुआ। प्रार्थी आज भी निष्पक्ष पत्रकारिता कर रहा है लेकिन यही निष्पक्षता पुसि व प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी को अब रास नहीं आ रही है। वर्ष 2022 में प्रार्थी ने मधुबन के तत्कालीन थानाध्यक्ष इस्पेक्टर श्री सौरभ राय के जनविरोधी कृत्यों को आमजन व शासन-प्रशासन तक पहुंचाने का कार्य किया था और बाद में पुलिस अधीक्षक श्री अविनाश पांडेय जी ने श्री सौरभ राय को सस्पेंड भी किया। इस कार्यवाही के चलते श्री राय अपनी गलती न मानते हुए इसका जिम्मेदार मुझ प्रार्थी को मानते चले आ रहे है और मानसिक द्वेष की भावना के चलते मुझ प्रार्थी का उत्पीड़न करने से बाज नहीं आए।

इसी परिप्रेक्ष्य में अवगत कराना है कि एक अक्टूबर 2023 को रानीपुर थानाध्यक्ष श्री दलप्रताप सिंह, खुरहट चौकी के सिपाही अजय सिंह व छह-सात पुरुष पुलिसकर्मियों के साथ शाम लगभग 7 बजे प्रार्थी के खुरहट स्थित स्कूल पर आए। यहां आते ही उन्होंने जांच करने के नाम पर प्रार्थी की वह मोबाइल जबरन अपने कब्जे में ले लिए और कूचकर फेंकने की धमकी दिया है। प्रार्थी पुलिस अधिकारी से लगातार अपनी निजी मोबाइल मांगता रहा है जिसमे मेरे परिवार की निजी फोटो है। लेकिन इन इसके बावजूद इनके द्वारा मुझे मेरी मोबाइल नहीं लौटाई गई। जबकि पार्थी उसी मोबाइल से अपने पोर्टल का भी संचालन करता है। इतना ही नहीं, एक घंटे बाद श्री दल प्रताप सिंह ने सिपाही अंजय सिंह व छह-सात पुरुष पुलिसकर्मियों के साथ रात में लगभग 8 बजे प्रार्थी के घर दबिश दी। वह परिवार के सदस्यों को गाली देते हुए घर में घुसकर प्रार्थी को खोजने लगे।

प्रार्थी की उच्च शिक्षित पत्नी श्रीमती संगीता यादव ने पुलिस से सर्च वारंट या पति को गिरफ्तारी वारंट के बारे में पूछा तो श्री दलप्रताप सिंह, कुछ भी न बताते हुए पत्नी के साथ अभद्र व्यहार पर उतारू हो गए।

पुलिस के दुर्व्यवहार से पूरा परिवार दहशत में आ गया। उन्होंने एक-एक कमरे की तलाशी ली। हमारी पत्नी ने 30 सितंबर 2023 को स्कूल पर आई फीस में से बचे 2300 रूपये अपने पर्स में रखे थे, जिसे श्री दलप्रताप सिंह ने निकाल लिया। प्रार्थी जब घर के बाहर पुलिस की खड़ी गाड़ी में बत्ती जलते देखा और वहां आ ही रहा था
कि प्रार्थी को देखते ही पुलिस जबरन पकड़कर अपनी गाड़ी में बैठाकर रानीपुर थान लेकर चली गई। रास्ते भर श्री दलप्रताप सिंह पुलिस के खिलाफ लिखने को लेकर मानसिक टार्चर किए। प्रार्थी के पूछने पर भी गिरफ्तारी की वजह नहीं बताई। अगले दिन 2 अक्टूबर 2023 को प्रार्थी पर फर्जी आरोप लगाकर शांति भंग करने के आरोप में चालान कर जेल भेज दिया गया। जेल भेजने से पूर्व प्रार्थी को रानीपुर से पुलिस लाइंस मऊ ले जाकर वहां टार्चर किया गया। इसके बाद सरायलखंसी थाने में थानाध्यक्ष (पूर्व में मधुबन थानाध्यक्ष) श्री सौरभ राय के समक्ष प्रार्थी को पेश किया गया। वहां श्री सौरभ ने टार्चर किया।

उप जिलाधिकारी मुहम्मदाबाद गोहना न्यायालय से प्रार्थी को जेल भेजने के आदेश के बाद प्रार्थी पुनः रानीपुर थाने ले जाया गया। वहां सरायलखंसी थानाध्यक्ष श्री सौरभ राय पुनः आए। थानाध्यक्ष को रानीपुर के कार्यालय में प्रार्थी को घंटे भर तक अपने खिलाफ मधुबन में लिखी खबरों को लेकर श्री सौरभ राय ने नाना प्रकार से दुर्व्यवहार किया। उन्होंने प्रार्थी समेत पूरे परिवार को फर्जी मुकदमे में फांसने, स्कूल और घर गिराने की धमकी दी। प्रार्थी जेल में ही था कि रानीपुर थानाध्यक्ष श्री दलप्रताप सिंह प्रार्थी के स्कूल वैन को जबरन खींच ले गए। प्रार्थी 3 अक्टूबर 2023 की शाम जमानत पर जेल से रिहा किया गया। वहीं अब तक पुलिस द्वारा मुझे मेरी मोबाइल जिसमे मोबाइल नंबर 9415009412, 9569659599 लगा हुआ है उसे आज तक उपलब्ध नहीं कराया गया। मेरी मोबाइल 01 अक्टूबर 2023 की शाम 7 बजे से ही पुलिस के कब्जे में है, प्रार्थी को भय है कि द्वेषभावना के चलते मेरे मोबाइल से कोई अप्रिय घटना घटित कर इसका भी आरोप मुझ प्रार्थी पर लगाया जा सकता है अगर इस बीच मेरे मोबाइल से कोई भी अप्रिय कृत्य घटित होता है तो या गैरकानूनी एप्लिकेशन स्टॉल कर दुरूपयोग किया जाता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी। साथ ही प्रार्थी को भय है कि साजिश के तहत मुझ प्रार्थी के ऊपर झूठा मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। पुलिस लगातार अनायास ही हर रोज मेरे घर दबिश दे रही है और परिवार के सदस्यों को टार्चर करते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाने की खुलेआम धमकी दे रही है जबकि प्रार्थी शांतिप्रिय नागरिक है अगर मेरे साथ कोई भी अनहोनी की घटना घटित होती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी रानीपुर थानाध्यक्ष श्री दलप्रताप सिंह और सरायलखंसी थानाध्यक्ष श्री सौरभ राय की होगी।
नागरिक है अगर मेरे साथ कोई भी अनहोनी की घटना घटित होती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी रानीपुर थानाध्यक्ष श्री दलप्रताप सिंह और सरायलखंसी थानाध्यक्ष श्री सौरभ राय की होगी।

प्रार्थी से पुलिस की रंजिश का कारण यह है कि वह पत्रकार है। प्रार्थी की मोबाइल अभी भी पुलिस के कब्जे में है। प्रार्थी की सोशल साइट व फेसबुक भी पुलिस ने हैक करा लिया है। प्रार्थी के पोर्टल व फेसबुक को हैककर सारा डेटा बगैर मुझसे पूछे ही डिलीट कर दिया गया है।

अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि पूरी घटना की उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कानूनी कार्यवाही करते हुए प्रार्थी व प्रार्थी के परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाय। साथ ही प्रार्थी का मोबाइल जो कि थानाध्यक्ष द्वारा वापस नहीं किया गया है उसे तत्काल वापस कराया जाए ताकि प्रार्थी अपनी निजी मोबाइल का स्वयं उपयोग करते हुए अपने संबंधियों से पुनः जुड़ सके। आपकी महती कृपा होगी। दिनांक 07/10/2023 प्रार्थी

बृजेश यादव

मोबाइल : 9415009412,9569659599

नोट- दोनों मोबाइल नंबर वहीं हैं जो पुलिस द्वारा जब्त किया गया है और अब तक मुझे नहीं सौंपा गया है।

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