नई शिक्षा नीति को रद्द करने की मांग, दिल्ली के जंतर-मंतर पर देश भर के युवाओं का प्रदर्शन
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रद्द करने की मांग को लेकर देश के अलग-अलग राज्यों से आए दर्जन भर स्टूडेंट यूनियनों के छात्रों ने दिल्ली में जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया.
छात्र संगठनों ने रविवार को रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट कन्वेंशन का आयोजन किया था.
इस प्रदर्शन में शामिल छात्र नेता शाम्भवी ने बताया कि 13 राज्यों से अलग अलग संगठनों के सैकड़ों छात्र आए हैं.
उन्होंने कहा कि “कोविड महामारी के समय जब किसी को बाहर आने की अनुमति नहीं थी उस समय तीन कृषि क़ानून और चार लेबर कोड के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) को लाया गया था”.
उन्होंने कहा कि “छात्र संगठन एनईपी 2020 को रद्द करने की मांग कर रहे हैं और साथ ही रोज़गार का मुद्दा भी उठा रहे हैं क्योंकि ऐतिहासिक रूप से देश में बेरोज़गारी उच्च स्तर पर पहुंच गई है”.
छात्र संगठनों ने एनईपी 2020 को रद्द किए जाने की मांग के साथ निजीकरण को तुरंत रोके जाने की मांग की है.
इन मांगों में हर किसी के लिए सम्मानजक रोज़गार सुनिश्चित करने की मांग भी शामिल है.
इसके अलावा सीयूईटी, एनईईटी आदि केंद्रीय परीक्षाओं को भी तर्कसंगत बनाने की मांग की गई है.
प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स यूथ एसोसिएशन से जुड़े छात्र नेता गौरव ने बताया कि ” NEP 2020 न्यू एजुकेशन पॉलिसी नहीं न्यू एक्सक्लूशन पॉलिसी हैं. इसके लागू होते ही एक के बाद एक विश्विद्यालयों में फ़ीस बढ़ाई जाने लगी है. इलाहाबाद और BHU जैसे यूनिवर्सिटी में एक बार में ही चार सौ गुना कि फ़ीस वृद्धि कर दी गई है. सरकारी सब्सिडाइज शिक्षा व्यवस्था गरीब,पिछड़े,मज़दूर मेहनतकश वर्गों के बच्चों को आगे बढ़ने का जो एक मौका उन्हें देता था, नई शिक्षा नीति उनसे इस सम्भावना को भी छीन लेगी”.
एक अन्य छात्र ने बताया कि ” सरकारी यूनिवर्सिटी ही वो जगह होती है, जहाँ देश के कोने-कोने और अलग- अलग वर्गों से छात्र आतें हैं.यही वो परिस्थितियां पैदा होती हैं जिसके कारण वो देश में फैली असमानता ,अन्याय के कारणों कि समझ बनाने कि तरफ आगे बढ़ते हैं,सरकार उन तमाम सारी परिस्थियों को अपनी नई शिक्षा नीति से खत्म कर देना चाहती है. वोकेशनल कोर्सेज के नाम पर यूनिवर्सिटीज को सस्ते मज़दूर बनाने कि फैक्ट्री बना देना चाहती है”.
कन्वेंशन में ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स फ़ोरम, ऑल इंडिया रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन, भगत सिंह स्टूडेंट एंड यूथ फ़्रंट, कलेक्टिव, डेमोक्रेटिक यूथ स्टूडेंट्स एसोसिएशन, इंकलाबी स्टूडेंट्स यूनिटी, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिस स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन, प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन, प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स यूनियन, प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स यूनियन, प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक यूथ फ़ेडरेशन, प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स यूथ एसोसिएशन, पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन और अन्य संगठन शामिल थे.
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