उड़ीसा में पुल ढहने से 14 कंस्ट्रक्शन मज़दूर बुरी तरह घायल, देश में हर दिन होते हैं 38 जानलेवा एक्सिडेंट

उड़ीसा में पुल ढहने से 14 कंस्ट्रक्शन मज़दूर बुरी तरह घायल, देश में हर दिन होते हैं 38 जानलेवा एक्सिडेंट

देश में औद्योगिक दुर्घटनाएं कम होने की बजाय लगातार तेजी से बढ़ रही हैं।

अभी 9 अक्टूबर को भिलाई स्टील प्लांट में हुए भीषण हादसे में 9 लोगों के मरने की ख़बर ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि ओडिशा से बुरी ख़बर आ गई।

यहां सुंदरगढ़ जिले के बोनाई में एक निर्माणाधीन पुल के गिर जाने से 14 मजदूर जख़्मी हो गए हैं। तीन की हालत गंभीर बनी हुई है।

यह पुल राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 215 पर बनाया जा रहा है।

प्रशासन के मुताबिक, पुल की पांच बड़ी मेहराबों में से एक टूट कर नीचे गिर गई जिससे 14 मजदूर बुरी तरह घायल हो गए।

ये मेहराब शनिवार को ही बन कर तैयार हुई थी।

अभी पिछले महीने 10 सितम्बर 2018 को ही भुवनेश्वर के भूमिखल में एक फ्लाईओवर के गिर जाने से एक की मौत हो गई थी और 11 लोग घायल हो गए थे।

ये भी पढ़ें- भिलाई प्लांटः बिना गैस पाइप लाइन बंद किए हो रही थी मरम्मत, वेल्डिंग से लगी आग में 9 वर्करों की मौत

ये भी पढ़ेंः बवाना इंडस्ट्रीयल क्षेत्र फैक्टरी में आग लगने से मजदूरों की जलकर हुई मौत पर प्राथमिक जांच रिपोर्ट

Special Report: ‘कमलेश का हाथ सड़ रहा है, हमारे पास पैसे नहीं हैं, हम आगे क्या करें?’- देश की राजधानी में मज़दूरों को अपंग बनाने वाले कारखानों की दास्तान

हर साल होती है 130 मज़दूरों की मौत

इसका निर्माण ‘नेशनल बिल्डिंग कन्स्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन’ (एनबीसीसी) कर रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम न होने के कारण ये हादसा हुआ।

भारत श्रमिकों के लिए एक कब्रगाह बन गया है। ब्रिटेन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर रोज़ होने वाले औद्योगिक दुर्घटनाओं में 130 लोगों की मौत होती है।

इसमें एक चौथाई मौतें अकेले निर्माण यानी कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में होती हैं।

निर्माण क्षेत्र में हर रोज़ 38 जानलेवा एक्सिडेंट होते हैं।

ये एक्सिडेंट काम के ख़राब हालात, सुरक्षा उपायों को मुनाफे के लिए नज़रअंदाज़ करने और मज़दूरों को ख़राब जीवन स्थितियों  में रहने पर मज़बूर करने के कारण होते हैं।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। इसके फ़ेसबुकट्विटरऔर यूट्यूब को फॉलो ज़रूर करें।)

Workers Unity Team

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.