मुंडका अग्निकांडः 27 मज़दूरों की मौत का कौन है ज़िम्मेदार?

मुंडका अग्निकांडः 27 मज़दूरों की मौत का कौन है ज़िम्मेदार?

देश की राजधानी दिल्ली के मुंडका (Mundaka) मेट्रो स्टेशन स्थित एक तीन मंज़िला इमारत में कल शाम भीषण आग लगाने के कारण 27 मजदूरों ने अपनी जान गंवा दी साथ ही 19 मजदूर  गंभीर रूप से घायल हैं। सभी घायल मजदूरों को नजदीकी संजय गाँधी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

फैक्ट्री में सुरक्षा उपायों, स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और केंद्र व राज्य सरकार के रवैये की लोग आलोचना कर रहे हैं और इतनी भारी संख्या में मज़दूरों की मौत पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।

घटना स्थल पर पहुंचे मज़दूर अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि अवैध तरीके से मुंडका के इलाके में सैकड़ों फैक्ट्रियां, आफिस, कारखाने चल रहे हैं जबकि ये औद्योगिक इलाका नहीं है।

मज़दूर सहयोग केंद्र से जुड़े पराग का कहना है कि मुंडका गांव का इलाका लाल डोरा में आता है और यहां रिहाईशी इलाकों के बीच बीच में कामर्शियल इमारतें भी हैं।

ऐसा लगता है कि आग को काबू करने में प्रशासन भी बहुत फुर्ती नहीं दिखा पाया।

बीबीसी को बताते हुए एक चश्मदीद और मदद करने वाले व्यक्ति ने बताया कि आग की सूचना मिलने के डेढ़ घंटे बाद दमकल कर्मचारी पहुंचे। तबतक पूरी इमारत में आग फैल चुकी थी। स्थानीय लोगों ने सीढ़ी, रस्सी, क्रेन की मदद से दर्जनों लोगों को बचाया। लेकिन साधन बहुत कम थे।’

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के मुताबिक आग लगने की सूचना शाम पौने 5 बजे मिली थी। आग पर काबू पाने के लिए दमकल विभाग की करीब 30 से ज्यादा गाड़ियों को लगाया गया। सर्च ऑपरेशन के दौरान 27 शवों को बाहर निकाला गया। 12 लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।

पुलिस ने कहा कि कंपनी के मालिकों हरीश गोयल और वरुण गोयल को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके पिता अमरनाथ गोयल इमारत में लगी आग में मारे गए लोगों में शामिल थे।

फैक्ट्री में क्या थे सुरक्षा इंतजाम

बताया जा रहा ही कि फैक्ट्री के अंदर CCTV बनाने का काम होता था। फैक्ट्री में काम करने वालो में महिलाओं की संख्या ज्यादा थी। पुलिस का कहना है कि इमारत के मालिक मनीष लकड़ा को अग्निशमन विभाग से सुरक्षा मंजूरी नहीं दी गई थी । इसके बावजूद भी वो फैक्ट्री चला रहा था।

खबर है कि मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार की तरफ से 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। केंद्र सरकार ने दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा की है।

डब्ल्यूपीसी के कोआर्डिनेटर चंदन कुमार ने फेसबुक पेज पर लिखा है, “”

#MundkaFire is nothing but a culpable homicide (over 50 workers murdered ) against #InformalWorkers.
Union Home ministry, Delhi Govt, Ministry of Labour and Employment, Government of India are collectively responsible for this.

Delhi has seen many brutal incidents due to non-existent #Industrialsafety. But no lessons were learnt!!

We here at Working Peoples’ Coalition will investigate this in detail and make all possible efforts to ensure justice of workers.

SHAMEFUL AND UNACCEPTABLE!

WU Team

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