केन्या एयरपोर्ट सौदे पर अडानी को झटका, कर्मचारियों के विरोध के आगे झुकी केन्याई सरकार

केन्या एयरपोर्ट सौदे पर अडानी को झटका, कर्मचारियों के विरोध के आगे झुकी केन्याई सरकार

हाल ही में केन्या में एविएशन वर्कर्स यूनियन ने देश के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को अडानी समूह के अधिग्रहण के प्रस्ताव के खिलाफ एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया था।

कर्मचारियों का मानना था कि ‘ इस सौदे से उनके रोजगार पर खतरा मंडरा रहा है, और जो लोग अपनी नौकरियां बचाने में सफल रहेंगे, उनके लिए “सेवा की शर्तें और नियम काफी घटिया” होंगे।

लेकिन कर्मचारियों के भारी विरोध के बाद केन्याई सरकार ने यूनियन को आश्वस्त किया कि प्रस्ताव केवल उनकी मंजूरी के बाद ही आगे बढ़ेगा।

सरकार और यूनियन के बीच वार्ता

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सेंट्रल ऑर्गनाइजेशन ऑफ ट्रेड यूनियन्स के महासचिव फ्रांसिस अटवोली ने बताया कि ‘ सरकार और केन्या एविएशन वर्कर्स यूनियन ने अगले 10 दिनों के भीतर प्रस्ताव की समीक्षा करने पर सहमति जताई है। यदि समझौता आगे बढ़ता है, तो यूनियन की मंजूरी अनिवार्य होगी’।

विरोध के दौरान, कर्मचारियों ने प्लास्टिक की तुरहियां बजाईं और “अडानी गो बैक” जैसे नारे लगाए।

स्थानीय प्रसारक सिटीजन टीवी पर प्रसारित फुटेज में पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर हमला करते हुए भी दिखाया गया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।

इस हड़ताल के कारण केन्या एयरवेज की कई उड़ानें देरी से हुईं और कुछ को रद्द भी करना पड़ा, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

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kenya airport
एयरपोर्ट पर लगी यात्रियों की लंबी कतारें

सौदे पर चिंता और कोर्ट का हस्तक्षेप

केन्या एयरपोर्ट वर्कर्स यूनियन का यह दावा है कि अडानी समूह के साथ यह सौदा नौकरियों को खत्म करेगा और स्थानीय कर्मचारियों की जगह विदेशी कामगारों की नियुक्ति हो सकती है।

इसके अलावा, यूनियन का यह भी कहना है कि इस सौदे के बाद बचे हुए कर्मचारियों की सेवा शर्तें कमजोर कर दी जाएंगी।

इस बीच, केन्या की सरकार का कहना है कि हवाई अड्डे का आधुनिकीकरण जरूरी है क्योंकि यह अपनी क्षमता से अधिक परिचालन कर रहा है।

हालांकि, सरकार ने साफ कर दिया कि हवाई अड्डा बिक्री के लिए नहीं है और प्रस्तावित सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर कोई अंतिम निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है।

वहीं, केन्या की उच्च न्यायालय ने अडानी के प्रस्ताव पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है, जिससे सौदे पर अनिश्चितता और बढ़ गई है।

यह रोक तब लगी जब अदालत ने हवाई अड्डे के प्रबंधन को भारतीय कंपनी के हाथों सौंपने के कदम को चुनौती देने वाली न्यायिक समीक्षा के लिए समय मांगा।

कर्मचारी हड़ताल और प्रदर्शन

हड़ताल के कारण नैरोबी के मुख्य हवाई अड्डे जोमो केन्याटा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (JKIA) के संचालन में बाधा आई।

मंगलवार की आधी रात से शुरू हुई हड़ताल के बाद सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में हवाई अड्डे के बाहर सैकड़ों यात्रियों की लंबी कतारें देखी गईं।

बुधवार की सुबह तक, हड़ताल का प्रभाव क्षेत्रीय हवाई अड्डों, जैसे किसुमू और मोम्बासा तक भी फैल गया।

भविष्य की चुनौतियाँ

अडानी समूह के साथ हवाई अड्डे के अधिग्रहण को लेकर केन्या में चल रहा यह विवाद कई सवाल खड़े कर रहा है। सरकार का दावा है कि हवाई अड्डे का आधुनिकीकरण आवश्यक है, लेकिन यूनियन और कर्मचारियों के संदेहों को दूर करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

आने वाले दिनों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और यूनियन के बीच प्रस्तावित वार्ताएँ क्या परिणाम लेकर आती हैं।

 

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Abhinav Kumar

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