कर्मचारियों के हड़ताल के बीच बोइंग लागत घटाने के लिए 17,000 नौकरियों में करेगी कटौती
नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी के नेतृत्व में कंपनी के पुनर्गठन की योजना, उत्पादन में सुधार और लागत में कटौती पर जोर
विमान निर्माता कंपनी बोइंग ने बीते शुक्रवार को अपने 17,000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की है, जो उसके कार्यबल का लगभग 10 प्रतिशत है।
कंपनी के नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी केली ओर्टबर्ग ने कहा, ‘यह कदम लागत में कटौती और उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार के लिए उठाया है। कंपनी को पिछले कई वर्षों से बड़े वित्तीय घाटे का सामना करना पड़ा है और वह अपने उत्पादन समय और गुणवत्ता में सुधार के लिए संघर्ष कर रही है’।
केली ओर्टबर्ग, जो अगस्त में कंपनी के प्रमुख बने, ने एक आंतरिक ज्ञापन में कहा कि कंपनी की वित्तीय स्थिति गंभीर है और इसे फिर से खड़ा करने के लिए बड़े बदलावों की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि बोइंग को अपनी मौजूदा स्थिति से उबरने के लिए कठोर निर्णय लेने होंगे और अपने व्यवसाय को इस तरह से बदलना होगा कि कंपनी की मौलिक ताकतों का सही उपयोग हो सके।
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हड़ताल के बीच बड़ा फैसला
यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब बोइंग अपने कर्मचारियों द्वारा की जा रही अब तक के सबसे बड़े हड़ताल का सामना कर रही है।
हड़ताल लगभग एक महीने से जारी है, जब यूनियन के सदस्यों ने कंपनी के अनुबंध प्रस्ताव को खारिज कर दिया और काम से दूर हो गए।
यह यूनियन इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ मशीनिस्ट्स एंड एयरोस्पेस वर्कर्स है, जो 33,000 से अधिक बोइंग कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करती है।
नए खर्च और बढ़ती लागत
बोइंग ने शुक्रवार को यह भी बताया कि उसे कई व्यावसायिक और रक्षा कार्यक्रमों से जुड़े 5 अरब डॉलर के अतिरिक्त खर्चों का सामना करना पड़ रहा है।
इसके साथ ही, 777X जैसे विमानों के उत्पादन में हो रही देरी और 767 मॉडल के उत्पादन को समाप्त करने के फैसले से कंपनी पर 2 अरब डॉलर का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
बड़ी योजनाओं की घोषणा
ओर्टबर्ग ने कहा कि कंपनी 767 फ्रेटर मॉडल का उत्पादन बंद कर देगी और कंपनी का ध्यान अब 777X विमान की उत्पादन योजना पर होगा, जिसे अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के लिए डिजाइन किया गया है।
इस मॉडल की पहली डिलीवरी अब 2026 तक टल गई है, जबकि पहले यह 2025 में अपेक्षित थी।
कंपनी ने यह भी स्वीकार किया कि कुछ रक्षा उत्पाद, जिन्हें निश्चित कीमत पर बेचा गया था, अब बोइंग के लिए और अधिक घाटे का कारण बन सकते हैं।
इन उत्पादों के उत्पादन में हो रही चुनौतियों के कारण कंपनी की वित्तीय स्थिति पर भी इसका प्रभाव पड़ा है।
कर्मचारियों का विरोध
बोइंग के कर्मचारियों की यूनियन 40 प्रतिशत वेतन वृद्धि, पेंशन की बहाली और अन्य बेहतर शर्तों की मांग कर रही है।
सिएटल के क्षेत्र में रहने की बढ़ती लागत और कंपनी की नीतियों को लेकर कर्मचारियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है।
अन्य उद्योगों में यूनियनों की सफल वार्ताओं से प्रेरणा लेते हुए, बोइंग के कर्मचारी भी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।
बोइंग की इस घोषणा से संकेत मिलता है कि कंपनी आने वाले समय में बड़े बदलावों की योजना बना रही है, जिससे वह अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर अपनी वित्तीय स्थिति को सुधार सके।
हालांकि, यूनियन के साथ कंपनी के विवाद और हड़ताल के चलते उत्पादन में रुकावट जारी है, जिससे कंपनी को प्रतिदिन लाखों डॉलर का नुकसान हो रहा है।
आर्थिक संकट और कंपनी की चुनौतियां
बोइंग के वित्तीय परिणामों के अनुसार, कंपनी को इस तिमाही में 17.8 अरब डॉलर की राजस्व की उम्मीद है, लेकिन प्रति शेयर लगभग 10 डॉलर का घाटा हो सकता है।
इस सप्ताह, एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि वह बोइंग की क्रेडिट रेटिंग को जंक स्टेटस में डाउनग्रेड करने पर विचार कर रही है, जिससे कंपनी की उधारी लागत बढ़ सकती है।
( न्यूयार्क टाइम्स की खबर से साभार )
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