‘कोविड में जान जोखिम में डाल की ड्यूटी, अब हमारे वेतन और नौकरी पर ही खतरा क्यों ? ‘ : अमेरिका में बंदरगाह कर्मचारियों की हड़ताल

‘कोविड में जान जोखिम में डाल की ड्यूटी, अब हमारे वेतन और नौकरी पर ही खतरा क्यों ? ‘ : अमेरिका में बंदरगाह कर्मचारियों की हड़ताल

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों से ठीक पहले बंदरगाह कर्मचारियों की हड़ताल ने आर्थिक गतिविधियों को बाधित कर दिया है।

यह हड़ताल न केवल देश के आर्थिक तंत्र को प्रभावित कर सकती है, बल्कि इसका असर राष्ट्रपति चुनावों पर भी पड़ सकता है।

क्यों की जा रही है हड़ताल?

अमेरिका के पूर्वी और गल्फ तटों पर लगभग 47,000 बंदरगाह कर्मचारियों ने 2 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।

यह हड़ताल ऐसे समय में हो रही है जब छुट्टियों का खरीदारी सीजन नजदीक है और नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव भी होने वाले हैं। इससे आर्थिक गतिविधियों पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है।

यह हड़ताल इंटरनेशनल लोंगशोरमेन एसोसिएशन (ILA) और यूनाइटेड स्टेट्स मैरीटाइम अलायंस (USMX) के बीच चल रहे अनुबंध विवाद के कारण हुई है।

ILA अमेरिका के बंदरगाह कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि USMX एक नियोक्ता समूह है जो शिपिंग कंपनियों, बंदरगाह संगठनों और मरीन टर्मिनल ऑपरेटरों का प्रतिनिधित्व करता है।

दोनों के बीच नए अनुबंध पर सहमति नहीं बन सकी, जिसके बाद यह हड़ताल शुरू हुई। पिछला अनुबंध 1 अक्टूबर को समाप्त हो गया था।

ILA एक नए छह साल के अनुबंध की मांग कर रहा है, जिसमें कर्मचारियों को हर साल न्यूनतम $5 प्रति घंटे की वेतन वृद्धि दी जाए।

पिछली डील के अनुसार, बंदरगाह कर्मचारियों को अनुभव के आधार पर $20 से $39 प्रति घंटे का वेतन मिलता था।

इसके साथ ही, ILA स्वचालन (ऑटोमेशन) पर रोक लगाने की भी मांग कर रहा है, जिससे कर्मचारियों की नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है।

कोविड-19 महामारी के बाद स्थिति

कोविड-19 महामारी के दौरान शिपिंग उद्योग में भारी मुनाफा हुआ, जबकि कर्मचारियों के वेतन में कोई विशेष बढ़ोतरी नहीं हुई।

ILA के कार्यकारी उपाध्यक्ष डेनिस ए. डैगेट ने बताया कि, ‘संघ केवल वही मांग रहा है, जो कर्मचारियों का हक है’।

उन्होंने कहा, “महामारी के दौरान लोंगशोर कर्मचारियों ने कभी छुट्टी नहीं ली। हमने यह सुनिश्चित किया कि दुकानों में सामान मौजूद रहे और आपूर्ति श्रृंखलाएं मजबूत बनी रहें, जबकि इस दौरान हमने अपने कई साथी खो दिए। जिन कंपनियों ने हमारे कठिन परिश्रम से मुनाफा कमाया, वे अब उस मुनाफे को हमारे साथ बांटने से इनकार कर रही हैं। अगर हम अब खड़े नहीं हुए, तो हमारी आजीविका हमेशा के लिए खत्म हो सकती है”।

दूसरी ओर, USMX ने दावा किया कि ILA उचित तरीके से बातचीत करने से इनकार कर रहा है। USMX ने श्रम नियामकों के पास शिकायत दर्ज कराई है ताकि संघ को बातचीत की मेज पर वापस लाया जा सके।

हड़ताल के संभावित आर्थिक प्रभाव

विशेषज्ञों के अनुसार, हड़ताल के तात्कालिक आर्थिक प्रभावों का दिखना संभव नहीं है, क्योंकि कई आयातकों ने पहले से ही संभावित हड़ताल की आशंका में गर्मियों के दौरान अपना माल तेजी से मंगवा लिया था।

कुछ कंपनियों ने अपने शिपमेंट पश्चिमी तट पर स्थानांतरित कर दिए हैं। लेकिन अगर हड़ताल लंबी चली, तो ये उपाय बेअसर हो सकते हैं और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर अव्यवस्था उत्पन्न कर सकते हैं।

नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और श्रम मामलों पर व्हाइट हाउस के पूर्व सलाहकार सेथ हैरिस का कहना है कि “हमें तुरंत बड़े आर्थिक प्रभाव नहीं दिखेंगे, लेकिन अगर हड़ताल हफ्तों तक चलती है, तो हमें कीमतों में वृद्धि और कुछ वस्तुओं की कमी देखने को मिल सकती है”।

एक सप्ताह की हड़ताल से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लगभग $2.1 बिलियन का नुकसान हो सकता है। यह अनुमान एंडरसन इकोनॉमिक ग्रुप द्वारा लगाया गया है।

इस नुकसान में खराब होने वाली वस्तुएं, जैसे केले, समय पर न पहुंचने के कारण प्रभावित होंगी। परिवहन कंपनियों को $400 मिलियन का नुकसान हो सकता है, जबकि हड़ताल पर गए कर्मचारियों और अस्थायी रूप से नौकरी से हटाए गए लोगों को $200 मिलियन का वेतन नुकसान होगा।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार तक 45 कंटेनर जहाज, जो माल उतारने में असमर्थ थे, पूर्वी तट और गल्फ तट के हड़ताल प्रभावित बंदरगाहों के बाहर लंगर डाले हुए थे। हड़ताल शुरू होने से पहले केवल तीन जहाज ऐसे थे जो बंदरगाह पर नहीं उतर पाए थे।

अगर हड़ताल लंबी चली, तो जहाजों की संख्या सप्ताह के अंत तक दोगुनी हो सकती है, और इससे उत्पन्न भीड़ को साफ़ करने में हफ्तों-महीनों लग सकते हैं।

हड़ताल से व्यापक प्रभाव

कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इस हड़ताल का प्रभाव केवल आर्थिक अव्यवस्था तक सीमित नहीं रहेगा।

बंदरगाह की नौकरियों में स्वचालन की दिशा में तेजी से बदलाव के बीच, हड़ताल का परिणाम भविष्य में श्रम और पूंजी के बीच होने वाले विवादों के लिए एक मिसाल बन सकता है।

वाशिंगटन पोस्ट के एक विचार लेख में कहा गया है, “ऐसे विवाद इस बात के लिए मिसाल बन सकते हैं कि जब मशीनें हर प्रकार की नौकरियों पर कब्जा करने आती हैं, तो क्या होता है।”

व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया

राष्ट्रपति जो बाइडेन के पास 80 दिनों के लिए हड़ताल को निलंबित करने और कर्मचारियों को बातचीत की मेज पर वापस लाने की शक्ति है।

लेकिन व्हाइट हाउस ने कहा है कि वह इस विकल्प का उपयोग नहीं करेगा। बाइडेन ने रविवार को कहा, “नहीं, क्योंकि यह सामूहिक सौदेबाजी है और मुझे टाफ्ट-हार्टले में विश्वास नहीं है।”

टाफ्ट-हार्टले अधिनियम 1947 में पारित हुआ था, जो श्रमिक संघों की शक्तियों को सीमित करता है।

इसी अधिनियम के तहत राष्ट्रपति श्रमिक संघों के खिलाफ हस्तक्षेप कर सकते हैं। हालांकि, चुनाव से पहले किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप डेमोक्रेट्स के लिए राजनीतिक रूप से नुकसानदेह साबित हो सकता है, क्योंकि उन्हें चुनाव में श्रमिक संघों के समर्थन की आवश्यकता होगी।

राष्ट्रपति बाइडेन ने सोमवार को व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ जेफ ज़िएंट्स और नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल के निदेशक लेल ब्रेनार्ड को USMX के बोर्ड सदस्यों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया।

बाइडेन ने उन्हें कहा कि यह मुद्दा जल्दी और निष्पक्ष रूप से हल होना चाहिए, और यह कंपनियों की हालिया सफलता और ILA कर्मचारियों के महत्वपूर्ण योगदान को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए।

व्हाइट हाउस ने हड़ताल के प्रभाव की जांच करने और आपूर्ति श्रृंखला में किसी भी अवरोध का समाधान निकालने के लिए योजनाएं भी तैयार की हैं।

इसके तहत, व्हाइट हाउस ने आपूर्ति श्रृंखला में अवरोध टास्क फोर्स की दैनिक बैठकें शुरू कर दी हैं।

इसके अलावा, महासागर वाहकों, खुदरा विक्रेताओं, निर्माताओं, रेल और ट्रकिंग कंपनियों के साथ नियमित रूप से बातचीत की जा रही है और सरकारी आंकड़ों की निगरानी की जा रही है, खासकर चुनावों के नजदीक आते समय।

इस हड़ताल का न केवल अमेरिका की आर्थिक गतिविधियों पर बल्कि राजनीति पर भी असर पड़ सकता है।

आगामी राष्ट्रपति चुनावों में श्रमिक संघों की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है, और इस हड़ताल का समाधान कैसे निकाला जाता है, इसका चुनावी परिणामों पर भी प्रभाव पड़ सकता है।

( इंडियन एक्सप्रेस की खबर से साभार )

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Abhinav Kumar

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