ईरान में आम हड़ताल के दौरान गोलीबारी, दो महिला सहित 7 लोगों की मौत
ईरान में तीन दिवसीय आम हड़ताल के दूसरे दिन दक्षिण-पश्चिमी प्रांत खुजेस्तान के इजेह शहर के बाजार में बुधवार को गोलीबारी में कम से कम पांच लोगों के मारे जाने की ख़बर है। समाचार एजेंसी द एसोसिएटेड प्रेस ने ईरान के सरकारी टेलीविजन के हवाले से यह जानकारी दी है। इस गोलीबारी में कई लोगों के घायल होने की भी सूचना है जिनमें नागरिक और सुरक्षा बल के जवान भी शामिल हैं। मृतकों में दो महिलाएं शामिल हैं।
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वहीं, इस्फ़हान शहर में गोलीबारी की घटना में दो सुरक्षा जवानों की मौत की खबर है। गौरतलब है कि ईरान में आम हड़ताल का राष्ट्रव्यापी असर हुआ है, करीब 16 शहरों में इसका ख़ासा असर हुआ है। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में कई शहरों और कस्बों में हड़ताल और सभाओं को दिखाया गया है।
General strike in the Kurdish city of Mariwan continued for a second day. #Kurdistan #Iran #IranRevolution #JinaAmini #WomanLifeFreedom pic.twitter.com/hSgnpwnLAt
— PDKI (@PDKIenglish) November 16, 2022
ईरानी सरकारी टेलीविजन के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों के कई समूह बुधवार देर रात ईज़ेह के विभिन्न हिस्सों में इकट्ठे हुए, सरकार विरोधी नारे लगाए और पुलिस पर पथराव किया। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इस दौरान किसी ने शिया समुदाय के मदरसे में आग लगा दी।
In the Kurdish-Iranian city of Bukan, protesters have taken control of the streets and chanting “women, life freedom”. Two months since the anti-regime protests began, Iranians are staging a revolution#IranRevolution #MahsaAmini
— Masih Alinejad 🏳️ (@AlinejadMasih) November 16, 2022
ख़बरों के अनुसार साल 2019 में ईंधन की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ जो विरोध प्रदर्शन हुआ था और जिसे बहुत बर्बरता से सुरक्षा बलों द्वारा कुचल दिया गया था और जिसे ईरान के इतिहास में सबसे खूनी कार्रवाई माना जाता है उसी की याद में मंगलवार को तीन दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया गया था।
Oil workers in Iran walk out. Hugely brave. Unbelievably significant. #IranRevolution #Mahsa_Amini #IranProtests2022 #OpIran #NationalStrikes pic.twitter.com/UF8828Mehn
— Omid Djalili (@omid9) November 15, 2022
ईरान में 22 वर्षीय महसा अमिनी की पुलिस द्वारा हत्या के बाद से शुरू हुआ महिला आंदोलन जैसे-जैसे देशव्यापी जनांदोलन में तब्दील होता गया उसी के साथ सरकार और प्रशासन भी सख्त और क्रूर होता गया। ईरान में बीते दो महीनों से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
बीते 30 सितंबर (शुक्रवार) को विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और सुरक्षा बालों के हाथों करीब 66 लोगों की मौत हो गयी थी, इसके विरोध में 11 नवंबर को ईरान में ‘ब्लैक फ्राइडे’ मनाया गया। लोगों का आरोप है कि पुलिस ने एक नाबालिक लड़की से बलात्कार किया था , जिसके खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे थे , पुलिस ने इस विरोध को हिंसक बता कर गोलीबारी की थी जिसमें करीब 66 लोगों की मौत हुई थी।
Our investigation into an under-reported massacre in Iran that killed at least 66 people in Zahedan in a single day – the deadliest day since protests began in Iran in September 2022 #MahsaAmini #IranRevolution https://t.co/lnZxNwu68B
— ERSHAD ALIJANI (@ErshadAlijani) October 17, 2022
नैतिकता के नाम पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने युवती महसा अमीनी को पकड़ा था और 16 सितंबर को हिरासत में ही उसकी मौत हो गई थी। अमीनी की मौत के बाद ईरान में भारी संख्या में पहले महिलाएं सड़कों पर उतर आई थीं , उसके बाद पुरूष भी इस आंदोलन का हिस्सा बन गये और यह आंदोलन ईरान के कई शहरों में फैलता चला गया।
समाचार एजेंसी रायटर ने एचआरएनए समाचार एजेंसी के हवाले से लिखा है कि हाल के प्रदर्शनों में 52 नाबालिगों सहित 344 लोग मारे गए हैं। मरने वालों में 40 सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं, वहीं 15,820 लोगों की गिरफ़्तारी हुई है।
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