बांग्लादेशः महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ विशाल प्रदर्शन, पीएम शेख हसीना के इस्तीफ़े की मांग तेज़
सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बांग्लादेश फ़िलहाल राजनीतिक उतारचढ़ाव के दौर से गुजर रहा है।
बीते शनिवार,10 दिसंबर को ढाका में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की एक विशाल रैली ने संकेत दिया। पार्टी ने लाखों लोगों की भीड़ जुटाकर प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि संसद को भंग करके फिर से चुनाव कराने चाहिए। यही नहीं बीएनपी समर्थकों ने अवामी लीग नेता प्रधानमंत्री शेख हसीना से इस्तीफा देने की मांग की।
बांग्लादेश में इस तनावपूर्ण हालात के बीच विशेषज्ञों ने भारत को अलर्ट रहने की सलाह दी है। शेख हसीना करीब 13 साल बाद विपक्ष की इस ताकत से जूझ रही हैं।
Massive turnout in Dhaka to attend the opposition BNP rally today. The surrounding streets are filled with opposition activists as the main venue became jam packed since yesterday evening, immediately after the police permission. pic.twitter.com/bGRpgtUS9R
— Mohammad Ali Mazed (@MazedMohammad) December 10, 2022
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वहीं हसीना सरकार लगातरा पाबंदिया लगाने कि कोशिश कर रही है इसके बावजूद भी इतनी बड़ी संख्या में लोगों का जुटना काफी अहम घटनाक्रम है। सोमवार को हुए प्रदर्शन के दौरान ही बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के सात सांसदों ने अपने इस्तीफे का ऐलान भी किया।
गौरतलब है कि यूक्रेन युद्ध ने सरकार को गैस और डीजल के आयात को निलंबित करने के लिए मजबूर कर दिया है, जबकि बिजली कटौती और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी ने हाल के महीनों में प्रदर्शनों को गति दी है।
यही वजह है कि बीएनपी के विरोध प्रदर्शन में देशभर से प्रदर्शनकारी पहुंचे। इससे साल 2009 के बाद पहली बार शेख हसीना बैकफुट पर आ गई हैं। वहीं कुछ लोगों की मांग है कि क्षेत्रीय शक्तियां खासकर भारत पर्दे के पीछे से हस्तक्षेप करे।
मिली जानकारी के मुताबिक बांग्लादेशी टका में 25 फीसदी तक की गिरावट आई है, जिससे खाद्य आयात की लागत बढ़ गई है और गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के लोगों पर काफी असर पड़ा है।
हैरानी की बात यह है कि बांग्लादेश के आधा दर्जन स्थानीय टेलीविजन समाचार स्टेशनों में से किसी ने भी इस घटना का लाइव कवरेज नहीं किया।
बीएनपी के प्रवक्ता जहीरुद्दीन स्वपन ने न्यूज़ एजेंसी एएफपी को बताया, “हमारी मुख्य मांग है कि शेख हसीना इस्तीफा दें और संसद को भंग कर दिया जाए और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक तटस्थ कार्यवाहक सरकार को आगे आने दिया जाए।”
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जहां एक तरफ पीएम शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों से आगाह किया है कि वे बीएनपी को सत्ता में न आने दें। वहीं पुलिस ने बीएनपी के कई वरिष्ठ नेताओं को अरेस्ट कर लिया है। इन लोगों के खिलाफ कई तरह के आरोप लगाए गए हैं। इससे पहले बुधवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
इस बीच मानवाधिकार गुटों ने शेख हसीना की कार्रवाई का कड़ा विरोध किया है। बांग्लादेश में अमेरिका के राजदूत ने भी इस कार्रवाई पर चिंता जताई है। उन्होंने प्रशासन से पूरे मामले की जांच की मांग की है।
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