दक्षिण कोरिया में सैमसंग कंपनी में 55 सालों में पहली बार हड़ताल, 30,000 वर्कर बेमियादी छुट्टी पर गए
दुनिया की सबसे अगुवा इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी सैमसंग की दक्षिण कोरियाई फ़ैक्ट्री में 55 सालों में पहली बार 30,000 कर्मचारी मंगलवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।
यूनियन ने बेहतर वेतन और अन्य लाभों की मांग को लेकर हड़ताल का एलान किया था।
यह घोषणा नेशनल सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स यूनियन (एनएसईयू) की ओर से तीन दिवसीय आम हड़ताल के आखिरी दिन की गई।
यूनियन ने कहा कि उसे यह फैसला मजबूरन लेना पड़ा क्योंकि मैनेजमेंट उनकी मांगों पर बातचीत को तैयार नहीं था।
बीबीसी के सवाल पर सैमसंग ने तत्काल कोई जवाब नहीं दिया है।
यूनियन की वेबसाइट पर जारी एक बयान के अनुसार, “पहली आम हड़ताल के बाद भी कंपनी ने बातचीत करने की मंशा नहीं दिखाई, इसलिए हम 10 जुलाई से दूसरी अनिश्चतकालीन आम हड़ताल का आह्वान करते हैं।”
प्रदर्शन का वीडियो यहां देखें
बारिश के बीच हज़ारों वर्करों ने किया प्रदर्शन
बुधवार को साउथ कोरिया की सैमसंग फ़ैक्ट्री के हज़ारों कर्मचारियों ने भारी बारिश के बीच काले कपड़े और माथे पर लाल पट्टी पहनकर विरोध प्रदर्शन किया।
पूरे अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस ऐतिहासिक हड़ताल की चर्चा है लेकिन सैमसंग मैनेजमेंट अपने पैसे की ताक़त पर ट्विटर पर अपने प्रोडक्ट के प्रमोशन में इतना पैसा झोंक दिया है कि पूरे दिन सैमसंग ट्विटर पर ट्रेंड करता रहा लेकिन हड़ताली कर्मचारियों के प्रदर्शन की ख़बरें दबी रह गई।
एनएसईयू दक्षिण कोरिया में सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स में काम करने वाले एक चौथाई वर्करों का प्रतिनिधित्व करती है।
यूनियन ने कहा है कि इस हड़ताल से उत्पादन बाधित हुआ है, हालांकि सैमसंग ने इस दावे को ख़ारिज किया है।
पिछले महीने कंपनी में पहली बार यूनियन हड़ताल पर गई थी। क़रीब 55 साल के कंपनी के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ था।
सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स दुनिया का सबसे बड़ी मेमोरी चिप्स, स्मार्टफ़ोन और टेलीविज़न निर्माता कंपनी है।
दक्षिण कोरियाई कांग्लोमरेट सैमसंग ग्रुप की यह फ़्लैगशिप यूनिट है। इस हड़ताल के बाद कोरिया स्टॉक एक्सचेंज में सैमसंग के शेयरों में मंदी देखने को मिली है।
वर्करों का प्रतिनिधित्व करने वाली यूनियनों से वार्ता न करने के लिए सैमसंग ग्रुप को जाना जाता है लेकिन 2020 में इसके चेयरमैन पर बाज़ार में तिकड़म करने और रिश्वतखोरी के आरोप में मुकदमा चला जिसके बाद कंपनी के रुख़ में बदलाव आया।
ब्लूमबर्ग की वीडियो रिपोर्ट यहां देखें
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