इटली में “guns down, wages up” का नारा बुलंद, सड़क पर उतरे हज़ारों प्रदर्शनकारी
इटली में वामपंथी प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को सड़कों पर “बंदूकें नीचे, मजदूरी ऊपर” (guns down, wages up) की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन ने रोम के हज़ारों लोगों ने हिस्सा लिया।
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि यूक्रेन में शांति बनाई जाये और इटली से रूसी आक्रमण से लड़ने के लिए हथियारों को भेजने पर पाबन्दी लगाई जाये। साथ ही वेतन में वृद्धि की मांग भी की।
Large-scale protests against arms supplies to Ukraine took place in Rome.
The protest march was organized by national trade unions. The protesters are not satisfied with the economic situation in the country. The demonstrators demand higher wages. pic.twitter.com/nIZaxv4ED4
— Natalia Gabriella Dominica (@Natalia96058112) December 4, 2022
यह प्रदर्शन इटली के यूनियंस सींदकाले दी बेस (USB ) ट्रेड यूनियनों द्वारा आयोजित किया गया। कई वामपंथी राजनीतिक गुटों ने इस प्रदर्शन का समर्थन किया। शनिवार को पियाज़ा डेला रिपब्लिका के सामने हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए और “बंदूकें नीचे, मजदूरी ऊपर” के नारे से साथ मार्च की।
(Unione Sindacale di Base) USB का आरोप है कि, इटली की अधिकांश आबादी युद्ध के खिलाफ है फिर मेलोनी सरकार युद्ध को बढ़ावा दे रही है। उनका मानना है कि इसके परिणामस्वरूप सैन्य खर्च में तेज वृद्धि हुई है।
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गौरतलब है कि इटली के नए प्रधान मंत्री, जियोर्जिया मेलोनी ने गुरुवार को एक फरमान जारी किया, जिसमें उनके मंत्रिमंडल को संसद की औपचारिक स्वीकृति के बिना 2023 के अंत तक यूक्रेन को हथियार भेजना जारी रखने की अनुमति दी गई।
उनके पूर्ववर्ती, मारियो ड्रैगी, कीव के कट्टर समर्थक थे और हथियारों के शिपमेंट पर असहमति के बाद उनकी गठबंधन सरकार, फाइव स्टार मूवमेंट में सबसे बड़ी पार्टी को विभाजित करने के बाद सत्ता खो दी।
‼️Hoy estaba viendo las noticias en el Canal 1 de España y estas Noticias no muestran. ¡¡¡Y sin embargo hay manifestaciones en toda Europa!!!
🇮🇹 En Italia los sindicatos nacionales organizaron una marcha de protesta en Roma contra el suministro de armas a Ucrania.
👇 pic.twitter.com/JpYQEG2qxe— ANGELIKA DIMON (@angelika_dimon) December 4, 2022
पिछले महीने यूरोवीक न्यूज द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक, इतालवी जनता भी विभाजित है, जहां एक तरफ 49 फीसदी जनता ने कीव में हथियार भेजने का विरोध किया तो वहीं 38 फीसदी इसके पक्ष में हैं ।
इसके अलावा, 49 फीसदी बुद्धिजीवियों का मानना है कि यूक्रेन में संघर्ष को ख़त्म करने के लिए रूस को रियायतें देने की आवश्यकता है, जबकि केवल 36 फीसदी ही चाहते हैं कि कीव लड़ाई जारी रखे।
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