ब्रिटेनः 100 साल के इतिहास में नर्सों की पहली देशव्यापी हड़ताल, ब्रिटिश पीएम सुनक का नर्सों का पक्ष लेने से इनकार
ब्रिटेन में हड़ताल का दौर जारी है। कर्मचारियों ने वेतन बढ़ोत्तरी के लिए आवाज बुलंद की है। 106 साल के इतिहास में बीते गुरुवार को पहली बार नर्सों और एंबुलेंस कर्मचारियों ने काम रोक दिया।
ब्रिटेन की दक्षिणपंथी सरकार ने वेतन वृद्धि की मांग को निरस्त कर दिया है।
मंगलवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि वह हड़ताल समाप्त करने के लिए नर्सों और एंबुलेंस कर्मचारियों के वेतन में कोई वृद्धि नहीं करेंगे।
उनका कहना है कि वेतन में इतनी अधिक वृद्धि का बोझ सरकार नहीं झेल सकती। सरकार ने कम वेतन वृद्धि की पेशकश की है।
ज्ञात हो कि नर्सों के यूनियन ने वेतन में 19 फीसदी वृद्धि की मांग की है। बीते गुरुवार,15 दिसम्बर को वेतन बढ़ाने और बेहतर कामकाजी परिस्थितियों की मांग को लेकर सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद इंग्लैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में नर्सों ने काम बंद कर दिया।
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एक लाख नर्सें हड़ताल पर
इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड और वेल्स में एक लाख से अधिक नर्सें हड़तालों पर चली गईं।
ऋषि सुनक के इस बयान के बाद इस महीने की दूसरी 24 घंटे की हड़ताल में मंगलवार को हजारों नर्सों ने काम छोड़ दिया। वहीं एम्बुलेंस ड्राइवर, पैरामेडिकल और डिस्पैचर 21 दिसंबर और फिर 28 दिसंबर को हड़ताल पर जाने के लिए तैयार हैं।
ब्रिटेन के अधिकांश हिस्सों में कड़ाके की ठंड के बावजूद हड़ताल शुरू होते ही नर्सों ने कई अस्पतालों के बाहर धरना दिया।
वहीं ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री विल क्विंस ने एंबुलेंस की हड़ताल के दौरान लोगों को “जोखिम भरी गतिविधि” से बचने का सुझाव दिया।
रॉयल कॉलेज ऑफ नर्सिंग के नर्स यूनियन के प्रमुख पैट कुलेन ने सुनक को वेतन सम्बन्धी मुद्दे पर चर्चा कर कुछ कदम उठाने और इस देश के हर मरीज और जनता के सदस्य की ओर से अच्छा काम करने का आग्रह किया है ।
यूनियन का कहना है कि अगर समझौता नहीं हुआ तो वह जनवरी में और हड़तालें करेगी। नर्सों ने हड़ताल के दौरान महत्वपूर्ण देखभाल और कैंसर सेवाओं सहित प्रमुख क्षेत्रों में कर्मचारियों के लिए सहमति व्यक्त की है, लेकिन इंग्लैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में हजारों ऑपरेशन और प्रक्रियाएं रद्द कर दी गई हैं। जबकि स्कॉटलैंड में नर्सें हड़ताल पर नहीं हैं।
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सरकार का मध्यस्थता से इनकार
वहीं सरकार का कहना है कि वह यूनियनों और नियोक्ताओं के बीच वेतन वार्ता में सीधे तौर पर शामिल नहीं हो सकती है। लेकिन सुनक ने डेली मेल को यह भी बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र में दो अंकों की वृद्धि महंगाई दर को और भी अधिक बढ़ाएगी।
मंगलवार को वेतन वृद्धि के मुद्दे पर स्वास्थ्य सचिव स्टीव बार्कले और तीन एम्बुलेंस यूनियनों के नेताओं के बीच बैठक हुई। लेकिन बैठक में इस मामले पर कोई समाधान नहीं निकल सका।
AP न्यूज़ से मिली जानकारी के मुताबिक नर्स यूनियन का कहना है कि “सरकार को वेतन वृद्धि के मुद्दे पर काम करना होगा, नहीं तो हड़तालें और बढ़ जाएँगी।
गौरतलब है कि ब्रिटेन में इस महीने बस, रेलवे, एयरपोर्ट, एंबुलेंस, नर्सिंग और पोस्टल स्टाफ समेत कई विभागों के 2 लाख से ज्यादा कर्मचारियों ने हड़ताल का आह्वान किया है।
हैरानी कि बात यह है कि ब्रिटेन में सभी हड़तालों का एलान तब हुआ है, जब वहां का महापर्व क्रिसमस आने वाला है। इन हड़तालों के होने से सरकार को नुकसान हो सकता है। छुट्टियों बिताने के लिए ब्रिटेन में आने वाले टूरिस्टों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
दरअसल यूक्रेन युद्ध के कारण ब्रिटेन में महंगाई दर 11.1 फीसदी तक पहुंच गई है। जिसकी वजह से हर विभाग के कर्मचारियों को जीवन यापन करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल कर रहे या हड़ताल पर जाने वाले हर क्षेत्र के कर्मचारियों की मुख्य मांग वेतन वृद्धि से जुड़ी है।
बढ़ी महंगाई दर के बावजूद ब्रिटेन की सरकार ने टैक्स दरों में बढ़ोतरी की है। इस पर यूनियनों का कहना है कि कर्मचारियों का वेतन पहले से कम है, तो वह अधिक टैक्स कैसे दें?
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