अमेरिकाः ऑटो वर्कर्स की सबसे बड़ी हड़ताल के समर्थन में पहूुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति

अमेरिकाः ऑटो वर्कर्स की सबसे बड़ी हड़ताल के समर्थन में पहूुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बीते मंगलवार को मिशिगन में यूनाइटेड ऑटो वर्कर्स यूनियन (UWA) के हड़ताली कर्मचारियों से मुलाकात की और उनकी मांगो को अपना समर्थन भी दिया.

बीते 12 दिनों से हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों कि मांग है की उन्हें बेहतर पारिश्रमिक और काम से सम्बंधित लाभ मिले

इस मौके पर बाइडेन ने कर्मचारियों को सम्बोधित भी किया और कहा कि ‘ मैं आप सब कि इस लड़ाई के साथ हूँ.आप सबों ने अमेरिका कि अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई पर ले जाने में सबसे बड़ा योगदान दिया है. आप सब बेहतर मज़दूरी और अन्य सुविधाओं के हक़दार हैं.’

राष्ट्रपति बाइडेन पश्चिमी डेट्रॉइट में थे, जहाँ उन्होंने जीएम के विलो रन पुनर्वितरण केंद्र के बाहर प्रदर्शनकारी मज़दूरों से मुलाकात की. राष्ट्रपति का इस तरह से मज़दूरों से मिलना अपने आप में ऐतिहासिक था ,क्योंकि ये पहली बार हुआ है की किसी मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति ने UWA के हड़ताली मज़दूरों से मुलाकात की हो.

इस दौरान बाइडेन ने मज़दूरों को सम्बोधित करते हुए कहा की ” अमेरिका में आज ऑटोमेटिव उद्योग जहाँ खड़ा है,वो सब आप लोगों के योगदान से ही संभव हो पाया है. 2008 की महामंदी में आप लोग इस UWA ने हमारे इस ऑटो उद्योग को बचाया.संकट के समय वो आप थे जिन्होंने अपने त्याग और परिश्रम से इसे संभाला. आज ये उद्योग अच्छा प्रदर्शन कर रहा है तो ,वो सिर्फ आपलोगों की बदौलत. आप सब आज जो कमा रहे हैं ,उससे बेहतर के हक़दार हैं.”

क्या है यूएडब्लयू (UWA)

मालूम हो की यूएडब्लयू (UWA) एक अमेरिकी मज़दूर संघ है. जिसके सदस्य दुनिया की बड़ी ऑटोमेटिव कंपनियों फोर्ड,जीएम और स्टेलेन्टिस (बिग थ्री ऑटोनिर्माताओं) में कार्यरत हैं जो पिछले 15 सितम्बर से हड़ताल पर हैं. यूएडब्लयू के अमेरिका में लगभग 1,50,000 सदस्य हैं.

ख़बरों के मुताबिक यूएडब्ल्यू ने मज़दूरों के लिए 36% वेतन वृद्धि,पेंशन से सम्बंधित लाभ सहित चार दिवसीय कार्य सप्ताह की मांग की है.

खुद राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि कंपनियों की तरफ से हड़ताली कर्मचारियों को दिए गए ऑफर से ज्यादा की पेशकश करनी चाहिए क्योंकि वो इस उद्योग को चलाने के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं.

इस अवसर पर यूएडब्ल्यू के अध्यक्ष शॉन फेन ने कहा कि “आज मज़दूरों का दुश्मन हज़ार किलोमीटर दूर का कोई देश नहीं है. बल्कि मज़दूरों के असली दुश्मन ये फुनाफ़ाखोर कंपनियों के मालिक है,ये कॉरपोरेट लालची हमारे असली दुश्मन हैं. और ऐसे में इनसे लड़ने का एकमात्र हथियार जो हमारे पास है वो है मज़दूर एकता. यही वो हथियार है जो हमारा मुक्तिदाता बनेगा”.

हालांकि ऑटो कंपनियों ने कुछ मांगो को पूरा करने का प्रस्ताव दिया है. फोर्ड के सीईओ जिम फर्ले ने कहा कि ” कंपनी कि हालत ख़राब है इसके बावजूद हम मज़दूरों को सुन रहे हैं. लेकिन मज़दूरों को भी कुछ मांगो को पूरा करने और सभी मांगो को पूरा करने के बीच एक विकल्प को चुनना होगा”.

वही हड़ताली मज़दूरों ने कंपनी से मिले प्रस्ताव को नाकाफ़ी बताते हुए नामंज़ूर कर दिया है. इन सब के बीच कई विशेषज्ञ राष्ट्रपति कि इस यात्रा को आने वाले चुनाव से जोड़ कर देख रहे हैं.

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Abhinav Kumar

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