किसान आंदोलन के 8 महीने हुए पूरे, जतंर-मंतर पर आज महिलाओं के हाथों में ”किसान संसद” की कमान
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के आठ महीने पूरे होने के अवसर पर महिलाएं सोमवार को जंतर-मंतर पर ‘ किसान संसद’ का आयोजन करेंगी।
उल्लेखनीय है कि केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
करीब 40 किसान संगठनों के संयुक्त मंच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि महिला किसानों का कई काफिला दिल्ली की सीमा पर ‘महिला किसान संसद’ में शामिल होने के लिए पहुंच रहा है।
एसकेएम ने कहा, ”26 जुलाई को जंतर-मंतर पर किसान संसद का आयोजन पूरी तरह से महिलाओं द्वारा किया जाएगा। महिला किसान संसद भारतीय कृषि में महिलाओं की भूमिका को प्रतिबिंबित करेगा और साथ ही उनकी इस आंदोलन में अहम भूमिका को भी रेखांकित करेगा। महिला किसानों का काफिला विभिन्न जिलों से महिला किसान संसद के लिए मोर्चों पर पहुंच रहा है।”
मोर्चा ने आगे कहा, ”प्रदर्शन शांतिपूर्ण है और हमारे अन्नदाताओं के सदियों पुराने स्वभाव को प्रतिबिंबित करते हैं। वे उनकी दृढ़ता और कृतसंकल्प को दिखाते हैं, जो मुश्किल दौर के बाद भी बनी हुई है और भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता एवं उम्मीद को प्रतिबिंबित करती है।”
वहीं ”मिशन यूपी” की शुरुआत के लिए एसकेएम नेता सोमवार को लखनऊ जाएंगे। वे वहां आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करेंगे।
ज्ञात हो की, उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इस साल की शुरुआत में हुए पंचायत चुनावों में किसान आंदोलन ने अपनी छाप छोड़ी थी, और कई जगहों पर भाजपा उम्मीदवारों को दंडित किया गया था और निर्दलीय उम्मीदवारों को सबसे अधिक सीटें मिलीं थीं।
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