85% गिग वर्कर्स 8 घंटे से अधिक काम करते हैं: अध्ययन
देश के 32 शहरों में 5,000 से अधिक गिग और प्लेटफॉर्म बेस्ड वर्करों के बीच किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि 85% गिग वर्कर जो ड्राइवर या राइडर के रूप में जॉब करते हैं वो दिन में आठ घंटे से अधिक काम करते हैं. इन 85 फीसदी में से 21% तो 12 घंटे से भी अधिक समय तक काम करते हैं.
सर्वेक्षण का जवाब देने वाली 65% महिलाओं ने कहा कि वे अपनी नौकरियों में असुरक्षित महसूस करती हैं.
दिल्ली स्थित एक गैर सरकारी संगठन ‘जनपहल’ द्वारा किए गए सर्वेक्षण में सिफारिश की गई है कि सरकार द्वारा इस काम की प्रकृति और वर्कर्स को परिभाषित करने से काम नहीं चलने वाला. अब वक़्त आ गया है की नियामक प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारियां तय की जाये’.
रिपोर्ट में यह सुनिश्चित करने के लिए नियमों की भी सिफारिश की गई है कि कंपनियां गिग वर्कर्स को कंपनियों द्वारा कम भुगतान या शोषण से बचाने के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी भुगतान संरचनाएं स्थापित करें.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ” इस काम की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, ‘नियमित’ घंटों की संख्या निर्धारित करने की आवश्यकता है, जिसके बाद प्लेटफ़ॉर्म को ओवरटाइम का भुगतान करना होगा.”
रिपोर्ट सुधारों कि वकालत करते हुए कहता है कि ‘प्लेटफ़ॉर्म बेस्ड इन गिग वर्कर्स को न्यूनतम वेतन का भुगतान करना होगा ताकि इनको आय की एक निश्चित गारंटी मिल सके’.
वर्कर्स की आईडी को ब्लॉक करने के उदाहरणों पर टिप्पणी करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘ऐसी प्रथाओं की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और गिग वर्कर्स की आईडी को अनिश्चित काल के लिए ब्लॉक नहीं किया जा सकता है’.
रिपोर्ट में प्लेटफार्मों से गिग वर्कर्स की अपर्याप्तता आय की बढ़ती शिकायतों और वर्कर्स की मांगों को लेकर कहा गया है कि ‘ प्रति लेनदेन पर नियामक/ प्लेटफॉर्म को उनके द्वारा लिए जाने वाले कमीशन की मात्रा को कम करना होगा या फिर वर्कर्स के ईंधन बिल के लिए अलग से भुगतान करना चाहिए जो ईंधन की कीमतें बढ़ने के साथ बढ़ता रहता है ‘.
5,220 उत्तरदाताओं में से, 57% दो से पांच वर्षों से ड्राइवर या राइडर्स हैं, और 16% पांच वर्षों से अधिक समय से ड्राइवर या राइडर हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘ 22-30 आयु वर्ग के बहुसंख्यक युवा जो इस काम को अस्थाई काम के रूप में देखते हैं कि संख्या 47% है और वो इस काम को पिछले 2 साल से कर रहे हैं’.
( द हिन्दू की खबर से साभार)
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