आल इंडिया किसान संघर्ष समिति ने किया SKM को सम्पूर्ण समर्थन देने का ऐलान, 31 जुलाई को होगा देशव्यापी चक्का जाम

आल इंडिया किसान संघर्ष समिति ने किया SKM को सम्पूर्ण समर्थन देने का ऐलान, 31 जुलाई को होगा देशव्यापी चक्का जाम

आल इंडिया किसान संघर्ष कोआर्डिनेशन समिति (AIKSCC) ने केंद्र सरकार के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) द्वारा दिए गए किसान आंदोलन के आह्वान की घोषणा का समर्थन किया है।

दिल्ली में सोमवार को AIKSCC राष्ट्रीय कार्यकारी समूह की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में SKM द्वारा घोषित आंदोलन के सभी कार्यक्रमों का समर्थन और भारी संख्या में अपनी भागीदारी देने के बात कही है।

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SKM ने अपनी पिछली बैठक में न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP) कानूनी के विरोध में आगामी 31 जुलाई को सरदार उधम सिंह के शहादत दिवस पर सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक देशभर में मुख्य मार्ग पर चक्का जाम किया जाने के फैसला लिया है। इस आयोजन से आम जनता को परेशानी ना हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।

AIKSCC के सदस्यों में अग्निपथ योजना के चरित्र का पर्दाफ़ाश करने के लिए 7 अगस्त से 14 अगस्त के बीच देशभर में “जय-जवान जय-किसान” सम्मेलन का भी समर्थन किया है।

बैठक में भाग लेने वाले सदस्यों का कहना है कि लखीमपुर खीरी हत्याकांड के 10 महीने बाद भी अजय मिश्र टेनी का केंद्रीय मंत्रिमंडल में बने रहना देश की कानून व्यवस्था के साथ एक भद्दा मजाक है।

गौरतलब है कि SKM ने अग्निपथ योजना के चरित्र का पर्दाफ़ाश करने के लिए 7 अगस्त से 14 अगस्त के बीच देशभर में “जय-जवान जय-किसान” सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जिसमें पूर्व सैनिकों और बेरोजगार युवाओं को भी आमंत्रित किया जाएगा।

लखीमपुर खीरी हत्याकांड के 10 महीने बाद भी अजय मिश्र टेनी का केंद्रीय मंत्रिमंडल में बने रहना देश की कानून व्यवस्था के साथ एक भद्दा मजाक है।

संयुक्त किसान मोर्चा शुरू से किसानों को न्याय दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है, और पीड़ित परिवारों को कानूनी व अन्य हर तरह की सहायता देता रहा है।

इसी मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाने के लिए आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा लखीमपुर खीरी में 18, 19 और 20 अगस्त को 75 घंटे का पक्का मोर्चा आयोजित करेगा, जिसमें देश भर से किसान नेता और कार्यकर्ता भाग लेंगे।

बैठक में मुख्य रूप से देश के किसानों के खिलाफ अन्याय से लड़ने के लिए सभी संगठनों से एक साथ आने की अपील की गई है।

“सरकार किसान नेताओं को डरना करे बंद “

बैठक में AIKSCC के सदस्यों का कहना है की कार्यकारी समूह के सदस्यों डॉ आशीष मित्तल और मेधा पाटकर के खिलाफ भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पुलिस द्वारा झूठी केस दर्ज किया है। संगठन इन सभी मामलों को वापस लेने की मांग करती है। उनका आरोप है की भाजपा द्वारा किसान आंदोलन की आवाज को दबाने के प्रयास किया जा रहा है।

देश के 20 राज्यों में सक्रिय AIKSCC के सभी संगठनों से इन कार्यक्रमों में उत्साहपूर्वक भागेदारी देने की अपील कर प्रत्येक कार्यक्रम को सफल और प्रभावशाली बनाने का आह्वान किया गया है।

AIKSCC के सदस्यों ने बैठक के माध्यम से केंद्र सरकार को चेतावनी देता है कि पुलिस के इस्तेमाल से किसान नेताओं को डराने-धमकाने का काम बंद किया जाये और संगठनों को शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन करने दिया जाये।

बैठक में AIKSCC के वरिष्ठ सदस्यों जैसे मेधा पाटकर, डॉ अशोक धवले, डॉ सुनीलम, सत्यवान और डॉ दर्शन पाल ने हिस्सा लिया।

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WU Team

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